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जमीनी विवाद मामले में पुलिस की रवैये से हाईकोर्ट नराज

पटना हाईकोर्ट ने जमीनी विवाद में प्राथमिक दर्ज नही किये जाने पर कड़ी नाराजगी जाहिर करते हुए स्पष्ट किया कि जमीनी विवाद में पुलिस को प्राथमिक दर्ज करना होगा।अमरजीत राय एवं अन्य की ओर से दायर अर्जी पर जस्टिस संदीप कुमार ने सुनवाई करने के बाद यह निर्देश दिया।

कोर्ट का मानना था कि जमीनी विवाद की बात कह राज्य की पुलिस प्राथमिकी दर्ज करने से इंकार कर देती है,जबकि पुलिस का पहला दायित्व प्राथमिकी दर्ज करना है। प्राथमिकी दर्ज नहीं करना एक तरह से अपराधियों को सीधा संरक्षण देने के समान है।

कोर्ट का कहना था कि जब कोई भी व्यक्ति थाने में शिकायत लेकर आता है ,तो सबसे पहले पुलिस को प्राथमिकी दर्ज करना चाहिए, न कि पहले शिकायत की जांच करने और शिकायत सही होने पर प्राथमिकी दर्ज करना।

पुलिस को चाहिए कि शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज कर अपनी जांच प्रारम्भ करे। जांच में सही पाए जाने पर अभियुक्तों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करें।

कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने देश के पुलिस को कई महत्त्वपूर्ण दिशा निर्देश जारी किया है।लेकिन प्रदेश में सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देश का पालन नहीं किया जा रहा है।

कोर्ट ने पूर्वी चंपारण के एसपी को सुप्रीम कोर्ट की ओर जारी दिशानिर्देश का पालन करने के बारे में जिला के सभी थानेदारों को निर्देश जारी करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन राज्य में पुलिस नहीं कर रही है। इस मामले पर अगली सुनवाई की 15 दिसंबर, 2021को होगी।

झंझारपुर जज़ पर हमला मामले में हाईकोर्ट ने एमिकस क्यूरी नियुक्त किया

पटना हाई कोर्ट में झंझारपुर के एडिशनल डिस्ट्रिक्ट एन्ड सेशंस जज अविनाश कुमार – I पर किये गए कथित आक्रमण और मारपीट की घटना के मामले पर सुनवाई हुई। जस्टिस राजन गुप्ता की खंडपीठ के समक्ष सुनवाई के दौरान रिपोर्ट बंद लिफाफे में सौंपी गई।

कोर्ट ने सुनवाई के दौरान मौखिक रूप से कहा कि आखिर पुलिस अधिकारियों ने लोडेड हथियार के साथ एक जज के चैम्बर में कैसे प्रवेश किया ? कोर्ट ने इस मामले में सहयोग करने हेतु एमिकस क्यूरी नियुक्त करने का निर्णय लिया है।

इस मामलें पर सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के महाधिवक्ता ने कहा कि राज्य की पुलिस दोनों पक्षों के मामलों को निष्पक्ष और पारदर्शी ढंग से अनुसंधान करने में सक्षम है। दोनों पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है।

एड्वोकेट जनरल ने कहा कि यदि चाहे तो कोर्ट सी बी आई समेत किसी भी एजेंसी से मामले की जांच करवा सकता है।
उल्लेखनीय है कि मधुबनी के डिस्ट्रिक्ट एन्ड सेशंस जज द्वारा 18 नवंबर, 2021 को भेजे गए पत्र पर हाई कोर्ट ने 18 नवंबर को ही स्वतः संज्ञान लिया है।

साथ ही साथ कोर्ट ने राज्य के मुख्य सचिव, राज्य के डी जी पी, राज्य के गृह विभाग के प्रधान सचिव और मधुबनी के पुलिस अधीक्षक को नोटिस जारी किया था।

मधुबनी के प्रभारी डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज द्वारा अभूतपूर्व और चौंका देने वाली इस घटना के संबंध में भेजे गए रिपोर्ट के मद्देनजर राजन गुप्ता की खंडपीठ ने 18 नवंबर, 2021 को सुनवाई की।

ज़िला जज ,मधुबनी के द्वारा भेजे गए रिपोर्ट के मुताबिक घटना के दिन तकरीबन 2 बजे दिन में एस एच ओ गोपाल कृष्ण और घोघरडीहा के पुलिस सब इंस्पेक्टर अभिमन्यु कुमार शर्मा ने जज अविनाश कुमार के चैम्बर में जबरन घुसकर गाली दिया था।

उनके द्वारा विरोध किये जाने पर दोनों पुलिस अधिकारियों ने दुर्व्यवहार करने और हाथापाई करने का काम किया था।
इतना ही नहीं, दोनों पुलिस अधिकारियों ने उनपर हमला किया और मारपीट करने का काम किया था। पुलिस अधिकारियों ने अपनी सर्विस रिवॉल्वर निकालकर आक्रमण करना चाहा।

पटना हाई कोर्ट ने 18 नवंबर को कहा था कि प्रथम दृष्टया ऐसा लगता है कि यह प्रकरण न्यायपालिका की स्वतंत्रता को खतरे में डालता है। मामले की गंभीरता को देखते हुए राज्य के डी जी पी को अगली।सुनवाई में भी उपस्थित रहने को कहा गया ।
इस मामले पर आगे की सुनवाई अब 1दिसम्बर,2021 को की जाएगी।

कोरोना को लेकर हाईकोर्ट सख्त कहाँ बेड से लेकर आँक्सीजन तक का हिसाब दे सरकार

पटना हाईकोर्ट ने राज्य में कोरोना महामारी से सम्बंधित जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए करोना के नए वेरिएंट को काफी गम्भीरता से लिया। शिवानी कौशिक व अन्य की जनहित याचिकाओं पर चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए करोना के इस नए वेरिएंट से अधिकतम सतर्कता बरतने को सभी से अनुरोध किया।

हाईकोर्ट ने इस मामलें पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को राज्य में उपलब्ध मेडिकल सुविधाओं के सम्बन्ध में पूरा ब्यौरा अगली सुनवाई में प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने राज्य सरकार को यह बताने को कहा है कि राज्य में अस्पतालों में ऑक्सीजन की आपूर्ति की क्या स्थिति है।

कोर्ट ने राज्य सरकार को बताने को कहा कि ऑक्सीजन उत्पादन व आपूर्ति की क्या स्थिति है।साथ ही ऑक्सीजन के भण्डार करने की क्या व्यवस्था हैं।

कोर्ट ने कहा कि ये करोना का नया वेरिएंट पिछले अन्य करोना वेरिएंट से ज्यादा।खतरनाक है।इसलिए सभी को पूरी सतर्कता और सावधानी बरतने की सख्त जरूरत हैं।

2020 के मार्च माह पूरे देश समेत बिहार में भी करोना महामारी ने दुष्प्रभाव दिखाया था।इसके कारण पूरे देश में बड़ी तादाद में लोगों को अपने जान से हाथ धोना पड़ा।

फिर मार्च अप्रैल 2021 में इस महामारी ने खतरनाक रूप धारण किया।इस दौरान बड़ी संख्या लोगों की जाने गई थी।
कोर्ट ने कहा कि इस परिस्थिति के लिए राज्य में चिकित्सा अधारभूत संरचना की कमी भी जिम्मेदार रही।
बेड,दवा,एम्बुलेंस,ऑक्सीजन सिलिंडर की कमी के कारण लोगों को परेशानी झेलनी पड़ी।

इस परिस्थिति में राज्य सरकार को नए कोरोंना वेरिएंट से निपटने के अभी से युद्ध स्तर पर कार्रवाई आरम्भ कर देनी चाहिए।
इस मामले पर अब अगली सुनवाई छह दिसंबर 2021,को फिर की जाएगी।

मंत्री के आप्त सचिव के महिला मित्र के घर से 30 लाख नगद और करोड़ों की अवैध संपत्ति बरामद।

स्पेशल विजिलेंस टीम ने खनन मंत्री जनक चमार के ओएसडी मृत्यंजय कुमार और उनके दो मित्र के घर आय से अधिक संपत्ति के मामले में छापामारी चल रही है मृत्यंजय कुमार के अररिया स्थित पैतृक आवास और कटिहार में उनके भाई और महिला मित्र किशनगंज की पूर्व सीडीपीओ के आवास पर छापेमारी की। टीम को अररिया में कुछ हाथ नहीं लगा। जबकि, कटिहार में पूर्व सीडीपीओ के आवास से 30 लाख नगद, 50 से 60 लाख रुपये के जेवरात और बड़ी संख्या में सोने की बिस्किट टीम को हाथ लगी है। इसके अलावा महिला के घर से जमीन के कागजात और चल-अचल संपत्ति भी बरामद की गयी है। मृत्युंजय कुमार के भाई धनंजय कुमार के आवास पर देर शाम छापेमारी जारी थी। धनंजय कुमार रेलकर्मी है।

अररिया स्थित मंत्री के ओएसडी के घर विशेष निगरानी का छापा


विजिलेंस टीम के डीएसपी चन्द्रभूषण ने बताया कि कटिहार में ऑफिसर कॉलोनी में ओएसडी के महिला मित्र रत्ना चटर्जी के आवासीय परिसर से करोड़ों की चल और अचल सम्पत्ति बरामद की गयी है। फिलहाल जांच चल रही है।

कई बेनामी संपत्ति के कागजात भी बरामद किये गये हैं। उन्होंने बताया कि मृत्युंजय कुमार की एक अलमारी भी यहां मिली है। जिसकी जांच पड़ताल की जा रही है। रत्ना चटर्जी के पति ने उन्हें जानकारी दी कि ओएसडी मृत्युंजय कुमार का यहां आना-जाना होता था। डीएसपी चन्द्रभूषण ने बताया कि रत्ना चटर्जी पूर्व में किशनगंज में सीडीपीओ के पद पर तैनात थी। 2011 में विजिलेंस की टीम ने उन्हें गिरफ्तार किया था। उसके बाद इस मामले में उन्हें सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था। यह छापेमारी अभियान दो डीएसपी जफर व चन्द्रभूषण के नेतृत्व में विशेष निगरानी पटना के द्वारा किया गया।
अररिया में ताला तोड़कर अंदर प्रवेश किया

कटिहार मंत्री के आप्तसचिव के महिला मित्र के घर हुई छापेमारी


स्पेशल विजिलेंस टीम के एएसपी सुधीर कुमार के नेतृत्व में डीएससी विपिन कुमार व इंस्पेक्टर अजय कुमार के साथ स्थानीय थाना पुलिस ने अररिया के रहिका टोला स्थित मृत्युंजय कुमार के पैतृक आवास पर सघन छापेमारी की। छापेमारी के दौरान आवास पर कोई नहीं था। लिहाजा स्पेशल विजिलेंस यूनिट के अधिकारियों ने ताला तोड़कर अंदर प्रवेश किया और फिर कमरों की तलाशी ली। छापेमारी के बाद एएसपी ने बताया कि मृत्युंजय कुमार के पैतृक आवास से निगरानी टीम को कुछ हाथ नहीं लगी। उन्होंने बताया कि निगरानी विभाग ओएसडी के अररिया आवास सहित कटिहार व पटना के दो ठिकानों पर एक साथ छापेमारी चल रही है। एएसपी ने बताया कि खनन विभाग के ओएसडी मृत्युंजय कुमार उनके भाई धनंजय कुमार व उनके महिला मित्र रत्ना चटर्जी के खिलाफ 25 नवंबर को विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया गया है। आय से अधिक संपत्ति मामले में एक करोड़ 73 लाख से अधिक की संपत्ति अवैध तरीके से अर्जित करने का आरोप है। इसके बाद 26 तारीख को कोर्ट से सर्च वारंट लेने के बाद टीम शुक्रवार सुबह से छापेमारी चल रही है और अभी तक करोड़ो रुपये की अवैध सम्पत्ति का खुलासा हो चुका है ।

हलांकि मंत्री के ओएसडी पर छापे को लेकर बिहार की सियासत एक बार फिर गरमा गयी है और यह चर्चा तेज हो गयी है कि नीतीश इस बार बीजेपी से दो दो हाथ के मूड में वैसे अभी तक इस छापे पर बीजेपी के किसी नेता की कोई प्रतिक्रिया नहीं है ।

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पंचायत चुनाव के 8वें चरण की मतगणना जारी पूराने जनप्रतिनिधियों को जनता ने इस बार भी नकारा

बिहार में पंचायत चुनाव के अंतर्गत 8वें चरण में मतगणना जारी है आज देर शाम तक जो परिणाम सामने आया है उसमें भी पहले की तरह पूराने जनप्रतिनिधियों को जनता ने नकार दिया है ।वही कई ऐसे प्रतिनिधि भी चुन कर आये हैं जो लगातार चौथी बार चुनाव जीत कर आयी है ।
भाजपा विधायक मंटू सिंह की पत्नी सविता देवी पंचायत -बनौता प्रखंड -परसा ज़िला – छपरा ,सारण से लगातार चौथी बार चुनाव जीत कर आय़ी है ,2006 -पंचायत समिति जीत कर आयी और प्रमुख बनी ,2011- पंचायत समिति सदस्य बनी और फिर प्रमुख बनी,2016 -पंचायत समिति सदस्य बनी फिर प्रमुख,बनी इस बार 2021में निर्विरोध पंचायत समिति चुनी गयी है
क्या खास रहा है आज के मतगणना में

सविता देवी लगातार चौथी बार पंचायत समिति की सदस्य चुनी गयी


सहरसा जिला के सिमरी बख्तियारपुर प्रखंड के जिला परिषद् संख्या 3 से रेणु देवी (विजेता) 7277
शिवहर जिला के तरियानी प्रखंड के जिला परिषद् संख्या 6 से मनीष कुमार (विजेता) 9008
मुंगेर जिला के बरियारपुर प्रखंड के जिला परिषद् संख्या 6 से सरिता कुमारी (विजेता) 4350
भोजपुर जिला के आरा प्रखंड के जिला परिषद् संख्या 23 से भीम कुमार (विजेता) 5609
भागलपुर जिला के नाथनगर प्रखंड के जिला परिषद् संख्या 15 से मिथुन कुमार (विजेता) 13994
बांका जिला के कटोरिया प्रखंड के जिला परिषद् संख्या 22 से अंजना देवी (विजेता) 9448
बेगूसराय जिला के छौड़ाही प्रखंड के जिला परिषद् संख्या 7 से पुष्पा देवी (विजेता) 5226
बेगूसराय जिला के मटिहानी प्रखंड के जिला परिषद् संख्या 34 से झुना सिंह (विजेता) 15904
बक्सर जिला के चौसा प्रखंड के जिला परिषद् संख्या 1 से पुजा देवी (विजेता) 16443
पूर्वी चम्पारण जिला के कोटवा प्रखंड के जिला परिषद् संख्या 13 से मनोज पासवान (विजेता) 6142
पूर्वी चम्पारण जिला के मोतिहारी प्रखंड के जिला परिषद् संख्या 26 से मुनी देवी (विजेता) 4376
पटना जिला के बाढ़ प्रखंड के जिला परिषद् संख्या 40 से विजय कुमार (विजेता) 15453
नालन्दा जिला के सरमेरा प्रखंड के जिला परिषद् संख्या 25 से नरोतम (विजेता) 8311
दरभंगा जिला के बिरौल प्रखंड के जिला परिषद् संख्या 27 से सुलेखा देवी (विजेता) 8132
औरंगाबाद जिला के ओबरा प्रखंड के जिला परिषद् संख्या 14 से सुधा देवी (विजेता) 11327
औरंगाबाद जिला के ओबरा प्रखंड के जिला परिषद् संख्या 15 से रुपांजली कुमारी (विजेता) 15408
अररिया जिला के पलासी प्रखंड के जिला परिषद् संख्या 25 से शब्बीर अहमद (विजेता) 18460
बिहार पंचायत चुनाव के 8वें चरण की सीटों पर मतगणना सुबह 8 बजे से शुरू हो गई। शुक्रवार को 36 जिलों के 55 प्रखंडों की 822 पंचायतों के प्रतिनिधियों के किस्मत का पिटारा खुलेगा। मतगणना शनिवार को भी जारी रहेगी। यहां 24 नवंबर को वोटिंग हुई थी। इस चरण के 3,356 पदों पर निर्विरोध निर्वाचन हो चुका है। वहीं, 166 पदों पर किसी भी प्रत्याशी के नामांकन नहीं करने की वजह से यह पद खाली रह गए हैं।
सीवान के सिवान के रघुनाथपुर से राजद के विधायक हरिशंकर यादव के बेटे और रिश्तेदार मुखिया का पद नहीं बचा सके हैं। विधायक हरिशंकर के बेटे सुरेंद्र यादव कुशहरा पंचायत से मुखिया का चुनाव हार गए हैं। सीतामढ़ी के रीगा के भाजपा विधायक मोतीलाल साह की समधन सुरती देवी मुखिया की चुनाव हारी गई है। सुरती देवी रीगा के गणेशपुर बभनगामा से मुखिया पद से प्रत्याशी थीं। यहां सेआशा सिंह मुखिया बनी हैं। विधायक की समधन तीसरे स्थान पर रहीं। कटिहार आजमनगर प्रखंड की मर्वतपुर पंचायत वार्ड संख्या 01 से वार्ड सदस्य पद के लिए महज 21 साल की खुशबू कुमारी चुनाव जीतीं।

नशा मुक्ति दिवस के मौके पर सीएम ने नशा सेवन नहीं करने का दिलाया शपथ

नशा मुक्ति दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए मुख्यमंत्री, नशा मुक्ति को लेकर दिलायी शपथ
पटना, 26 नवम्बर 2021:- मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार आज सम्राट अशोक कंवेन्शन केंद्र के ज्ञान भवन में नशा मुक्ति दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए।

कार्यक्रम के शुरुआत के पूर्व सम्राट अशोक कंवेन्शन केंद्र परिसर में मुख्यमंत्री ने मद्य निषेध प्रचार-प्रसार अभियान हेतु मद्य निषेध रथ एवं प्रचार बसों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। मुख्यमंत्री ने ज्ञान भवन के निचले तल्ले में नशा मुक्ति पर पेंटिंग, कोलॉर्ज एवं टेराकोटा प्रदर्शनी का उद्घाटन तथा अवलोकन किया। अवलोकन के पश्चात मुख्यमंत्री के समक्ष ‘नशा मुक्त परिवार खुशहाल परिवार’ पर आधारित शैडो डांस लघु फिल्म का प्रदर्शन किया गया।

नशा मुक्ति दिवस पर जमकर गरजे नीतीश


कार्यक्रम की शुरुआत में मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री के0के0 पाठक ने मुख्यमंत्री का स्वागत पौधा एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर किया। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने नशा मुक्ति को लेकर खुद शपथ लेते हुए वहां
उपस्थित लोगों को शपथ दिलाई कि सत्य निष्ठा के साथ यह शपथ लेता हूं कि मैं आजीवन शराब का सेवन नहीं करुंगा। मैं कर्तव्य पर उपस्थित रहूं या न रहूं, अपने दैनिक जीवन में भी शराब से संबंधित गतिविधियों में किसी प्रकार से शामिल नहीं होऊंगा। शराबबंदी को लागू करने के लिए जो भी विधि सम्मत कार्रवाई अपेक्षित है उसे करुंगा। यदि शराब से संबंधित
किसी भी गतिविधि में शामिल पाया जाऊंगा तो नियमानुसार कठोर कार्रवाई का भागीदार बनूंगा।

कार्यक्रम के दौरान नशा मुक्ति पर आधारित गीत की प्रस्तुति की गई। साथ ही नशा मुक्ति के प्रचार-प्रसार हेतु जिंगल्स, वीडियो, ऑडियो संदेश का प्रदर्शन तथा जीविका द्वारा नशा मुक्ति पर तैयार की गई लघु फिल्म, जहरीली शराब के नुकसान पर आधारित लघु फिल्म का प्रदर्शन किया गया।

मुख्यमंत्री ने मोबाइल पर जनता के नाम संदेश का लोकार्पण किया तथा नशा मुक्ति दिवस के अवसर पर सभी नगर निकाय प्रतिनिधियों को भेजे जानेवाले संदेश का अनावरण किया।

कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने मद्य निषेध को लेकर उत्कृष्ट कार्य करने वाले किशनगंज के पुलिस अधीक्षक श्री कुमार आशीष सहित अन्य पुलिस पदाधिकारियों, मद्य निषेध एवं उत्पाद विभाग के पदाधिकारियों एवं कर्मियों को प्रशस्ति पत्र एवं मेडल प्रदान कर सम्मानित किया।

इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि नशा मुक्ति दिवस के अवसर पर मैं सभी का अभिनंदन और स्वागत करता हूं। पूर्व के वक्ताओं ने सभी बातों की चर्चा विस्तार से कर दी है। 9 जुलाई 2015 को पटना के एक कार्यक्रम में मैं जब संबोधन समाप्त करके वापस गया तो वहां बैठी महिलाओं ने शराबबंदी की मांग की। मैंने उस वक्त ही वापस लौटकर कह दिया था कि अगर लोगों ने मुझे अगली बार फिर से काम करने का मौका दिया तो हम बिहार में शराबबंदी लागू कर देंगे। उन्होंने कहा कि सरकार आने के बाद 1 अप्रैल 2016 को हमने नगर निगम और नगर परिषद को छोड़कर सभी जगहों पर शराबबंदी लागू कर दी। नगर निगम और नगर परिषद में विदेशी शराब बिक्री करने की अनुमति थी। उस समय शहरों में विदेशी शराब की दुकान को खोलने का लोगों ने भारी विरोध करना शुरू किया तो हमलोगों ने 5 अप्रैल से पूरे बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू कर दी। उन्होंने कहा कि बिहार में वर्ष 2011 से हमने 26 नवम्बर को मद्य निषेध दिवस मनाना
शुरू किया और शराबबंदी के बाद वर्ष 2017 में इसका नाम नशा मुक्ति दिवस कर दिया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोई भी काम कीजियेगा तो चंद लोग गड़बड़ करने वाले हमेशा रहते हैं, शत प्रतिशत लोग किसी भी चीज को स्वीकार नहीं करते हैं। शराबबंदी को लेकर हमने 9 बार समीक्षा बैठक की है। हाल ही में शराबबंदी को लेकर 7 घंटे लगातार समीक्षा बैठक की गयी थी और उसमें एक-एक बिंदुओं पर चर्चा हुयी थी। इस बैठक में सभी चीजों की समीक्षा की गई थी। उन्होंने कहा कि वर्ष 2016 में जहरीली शराब से हुई मौत के दोषियों पर कड़ी कार्रवाई भी की गई। हाल ही में जहरीली शराब पीने से हुई मौत के दोषियों पर भी कार्रवाई की गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि शराब पीने से होने वाली हानि को लेकर डब्लू०एच0ओ0 ने वर्ष 2016 में दुनिया भर में एक सर्वे कराया था जिसकी रिपोर्ट वर्ष 2018 में प्रकाशित की गयी। दुनिया भर में होने वाली कुल मौतों में 6.3 प्रतिशत मृत्यु यानि करीब 30 लाख लोगों की मौत शराब पीने से हुई। 20 से 30 आयु वर्ग के युवक/युवतियों में होने वाली मृत्यु का 13.5 प्रतिशत शराब पीने से होती है। 18 प्रतिशत लोग शराब पीने के कारण आत्महत्या करते हैं। आपसी झगड़े का 18 प्रतिशत कारण शराब पीना होता है। विश्व में जितनी सड़क दुर्घटनायें होती है उसमें 27 प्रतिशत सड़क दुर्घटनायें शराब पीने की वजह से होती है। शराब पीने की
वजह से होने वाली गंभीर बीमारियों में से लीवर की गंभीर बीमारी 48 प्रतिशत, मुंह के कैंसर का 26 प्रतिशत, पैनक्रियाज की गंभीर बीमारी 26 प्रतिशत तथा टी0बी0 की गंभीर बीमारी 20 प्रतिशत के आस-पास शराब पीने के कारण होती है। यह रिपोर्ट बिहार में शराबबंदी लागू होने के बाद आयी है। डब्लू0एच0ओ0 की इस रिपोर्ट में शराब के सेवन के दुष्परिणामों को
लेकर व्यापक चर्चा की गई है। हमें खुशी है कि जिस कारण से हमलोगों ने राज्य में शराबबंदी लागू किया डब्लू०एच०ओ० की यह रिपोर्ट इसकी पुष्टि करती है। इस रिपोर्ट में शराब से होने वाली हानियों के बारे में लोगों को सचेत करने के लिए पर्याप्त आंकड़ें दिये गये हैं। लोगों को हमेशा सचेत करने के लिए हम इस रिपोर्ट के बारे में बताते रहते हैं। उन्होंने कहा कि इस रिपोर्ट का लोगों के बीच में और प्रचार-प्रसार करायें ताकि वे शराब सेवन से होने वाले दुष्परिणामों के बारे में जागरुक रहें। इसका प्रचार प्रसार करना जरूरी है ताकि लोग समझ सकें कि शराब कितनी बुरी चीज है। लोगों के हित में बिहार में शराबबंदी लागू
की गयी है। बापू ने भी कहा था कि शराब बुरी चीज है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विधान सभा और विधान परिषद् में सर्व सम्मति से शराबबंदी का प्रस्ताव पास किया गया। उस समय सरकार में जो थे और जो विपक्ष में थे, सभी ने शराबबंदी का समर्थन किया। शराबबंदी के खिलाफ बोलने वाले कुछ लोग भूल जाते हैं कि शराबबंदी लागू करने के वक्त मद्य निषेध विभाग के मंत्री किस पार्टी के थे। उन्होंने कहा कि बिहार में
शराबबंदी का अध्ययन करने कई राज्यों के लोग आये हैं। कई राज्यों ने इसको लेकर मुझे अपने राज्यों में बुलाया भी था। केरल के लोग पिछले 22 साल से शराबबंदी के लिये अभियान चला रहे है। शराबबंदी लागू होने से पर्यटकों की संख्या घट जाती है, यह एक भ्रम है। बिहार में शराबबंदी लागू होने के बाद पर्यटकों की संख्या और बढ़ी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि शराबबंदी कानून को मजबूती से लागू करने के लिये एक बार फिर से शपथ दिलायी जा रही है। शपथ लेने से मन फिर से मजबूत होगा। उन्होंने कहा कि बाएं-दाएं करने वालों पर सख्ती से कार्रवाई करें। सरकारी तंत्र में भी जो गड़बड़ करने वाले हैं उन पर भी नियमानुसार कड़ी कार्रवाई हो। उन्होंने कहा कि पटना शहर पर विशेष नजर रखें। पटना के कंट्रोल होने से पूरा बिहार कंट्रोल हो जायेगा। उन्होंने कहा कि शराब की सूचना मिलने पर पुलिस का छापेमारी करने जाना कोई गुनाह नहीं है। शादी समारोह हो या और कोई समारोह जब भी सूचना मिलेगी तो पुलिस जायेगी। नियमानुसार कार्रवाई हो, इसका ख्याल रखना जरूरी है। कुछ लोग ऐसे बयान दे रहे हैं कि बाहर से आने वालों को शराब पीने की छूट देनी चाहिये। ऐसे बयान देने वालों के मन में जरूर कोई गड़बड़ करने वाली बात है। पहले लोग कहते थे कि शराबबंदी लागू होने के बाद बिहार की आमदनी घट गयी है लेकिन ऐसी कोई बात नहीं है। पहले वर्ष 5000 करोड़ रूपये के राजस्व का घाटा हुआ था।
उसके अगले वर्ष 1200 करोड़ रुपये के राजस्व का घाटा हुआ लेकिन अगले साल से शराबबंदी से कोई राजस्व की हानि नहीं होने लगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि शराबबंदी लागू होने के बाद बिहार में फल, सब्जी और दूध की खपत बढ़ गयी है। फल, सब्जी और दूध का उत्पादन भी बढ़ा है और बिक्री भी बढ़ी है। शराबबंदी के बाद शराब का सेवन नहीं करने के कारण बचे पैसे से लोग फल, सब्जी और दूध खरीद रहे हैं। शहरों में वातावरण बेहतर हुआ है। शराबबंदी के बाद एक महिला ने आप बीती सुनाते हुए कहा था कि शराबबंदी के पहले पति शराब पीकर रोज झगड़ा करते थे। घर में बच्चे एवं बच्चियां परेशान रहती थी, खाने के लिए पैसे नहीं रहते थे लेकिन शराबबंदी के बाद अब वे शाम में घर आते हैं तो बाजार से सब्जी लेकर आते हैं, मुस्कुराते हैं और अब
देखने में भी अच्छे लगते हैं। उन्होंने कहा कि शराबबंदी से समाज में बदलाव आया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि शराबबंदी को पूरी मजबूती से लागू करना होगा। सभी जिलों के जिलाधिकारी, वरीय पुलिस अधीक्षक / पुलिस अधीक्षक, उत्पाद अधीक्षक और लोक अभियोजक के साथ 15 दिनों में एक बार शराबबंदी को लेकर जरुर समीक्षा बैठक करें। मुख्यालय स्तर पर वरीय अधिकारी हर दूसरे दिन बैठक कर पूरे राज्य के शराबबंदी की अद्यतन स्थिति की
समीक्षा करें। उन्होंने कहा कि शराब की सूचना देने को लेकर केंद्रीय आसूचना केंद्र बनाया गया है। बिजली के खंभों पर नंबर अंकित किया गया है जिससे लोग आसानी से सूचना दे सकें। सूचना देने वालों का नाम गुप्त रखा जाता है। अधिकारियों ने बताया है कि अब काफी तादाद में लोग शिकायत कर रहे हैं। बीच में लोगों का भरोसा घट गया था, ले रहा था कि शिकायत करने पर भी उचित कार्रवाई नहीं की जा रही है लेकिन से हो रही है। उन्होंने कहा कि शराब पीना अच्छी बात नहीं है। शराब बुरी चीज शराब पियोगे तो मरोगे, इसे प्रचारित करने की जरूरत है। छात्र जीवन से ही हम खिलाफ रहे हैं। उस समय से ही मेरी इच्छा थी कि जब हमें काम करने का मौका मिलेगा तो शराबबंदी लागू करेंगे। बिहार में स्व० कर्पूरी ठाकुर जी ने शराबबंदी लागू किया था लेकिन बाद में उसे खत्म कर दिया गया। जब महिलाओं ने शराबबंदी की मांग की तो मेरा मन पाराबबंदी को लेकर दृढ़ हुआ और राज्य में पूर्ण शराबबंदी लागू की। शराबबंदी के प्रति हम सबों को जागृत रहना है और शराब के दुष्परिणामों के प्रति लोगों को जागरुक करते रहना है। शराबबंदी लोगों के हित में है। इससे राज्य और देश का भला होगा। बिहार में शराबबंदी के सफल होने से दूसरे राज्य भी इसे लागू करने को लेकर प्रेरित होंगे। वर्ष 2017 में 21 जनवरी को शराबबंदी को लेकर मानव श्रृंखला बनायी गयी थी। इसमें अन्य लोगों के साथ-साथ पत्रकारों ने भी शराबबंदी की शपथ ली थी। शराबबंदी को लेकर सभी लोगों ने अपना सहयोग और समर्थन दिया है। हमें भरोसा है कि आगे भी सभी लोग इस अभियान को
अपना समर्थन देंगे। आज सभी लोगों ने शपथ ली है। मुख्य सचिव और डी0जी0पी0 सभी सरकारी तंत्र के लोगों की शपथ लेने की पुष्टि कर लें।

कार्यक्रम को उप मुख्यमंत्री श्री तारकिशोर प्रसाद, उप मुख्यमंत्री श्रीमती रेणु देवी, शिक्षा मंत्री श्री विजय कुमार चौधरी, मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन मंत्री श्री सुनील कुमार, मुख्य सचिव श्री त्रिपुरारी शरण, मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री के0के0 पाठक ने भी संबोधित किया।

कार्यक्रम में ग्रामीण विकास मंत्री श्री श्रवण कुमार, खाद्य एवं उपभोक्त संरक्षण मंत्री श्रीमती लेशी सिंह, अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण मंत्री श्री संतोष कुमार सुमन, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण मंत्री श्री रामप्रीत पासवान, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री दीपक कुमार, पुलिस महानिदेशक श्री एस0के0 सिंघल, विकास आयुक्त श्री आमिर सुबहानी, अपर मुख्य सचिव गृह श्री चैतन्य प्रसाद, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव श्री अनुपम कुमार, विभिन्न विभागों के अपर मुख्य सचिव / प्रधान सचिव/सचिव, वरीय पुलिस अधिकारीगण, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी श्री गोपाल सिंह सहित अन्य अधिकारीगण, जीविका की दीदियां, किलकारी के बच्चे उपस्थित थे जबकि अन्य जगहों से वेबकास्टिंग के
माध्यम से अन्य जनप्रतिनिधिगण, पदाधिकारीगण तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति जुड़े हुए थे।

नशा मुक्ति दिवस पर आयोजित कार्यक्रम के बाद पारिवारिक पार्टियों पर उठे सवाल पर पत्रकारों द्वारा पूछे गये प्रश्न का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पारिवारिक पार्टियां देश को नुकसान पहुंचा रही हैं ये बिल्कुल सही है। हमलोग तो शुरू ये मानकर चल रहे हैं कि पारिवारिक पार्टियों का कोई मतलब नहीं है। आजकल लोग खुद को, अपने परिवार को, बाल बच्चे को राजनीति में जगह देना चाहते हैं। राजनीति में परिवारवाद का कोई मतलब नहीं होना चहिये लेकिन आजकल कई दल इसी राह पर चल रहे हैं। कुछ दिनों के लिये भले ही परिवारवाद चल जाये लेकिन कुछ समय के बाद उनका सर्वाइवल संभव नहीं होगा।

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मंत्री के ओएसडी के घर छापा करोड़ो की सम्पति बरामद

बिहार सरकार के मंत्री जनक राम (माइंस और जियोलॉजी डिपार्टमेंट) के OSD मृत्युंजय कुमार और धनंजय कुमार और रत्ना चटर्जी के ठिकानों पर SVU ने शुक्रवार सुबह रेड मारी।

दोनों पर सरकारी पद पर काम करते हुए भ्रष्टाचार करने का आरोप है । OSD मृत्युंजय कुमार समेत 3 लोगों के घर पर रेड पड़ी है।

आरोप है कि तीन ने मिलकर खूब काली कमाई की है। इनके काले कारनामों के बारे में स्पेशल विजिलेंस यूनिट (SVU) को कंप्लेन मिली थी। इसके बाद आरोपों की जांच की गई।

रिपोर्ट आने पर मामला सही पाया गया। इसके बाद टीम ने आज सुबह पटना, अररिया और कटिहार में नगद 15 लाख सहित करोड़ों रुपये की अवैध सम्पत्ति बरामद हो चुका है ।

तेज प्रताप यादव के निर्वाचन को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई शुरु

पटना हाईकोर्ट ने राज्य के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सह विधायक तेज प्रताप यादव के निर्वाचन को चुनोती देने वाली चुनाव याचिका पर सुनवाई की।विजय कुमार यादव की चुनाव याचिका जस्टिस वीरेंद्र कुमार ने सुनवाई की।

तेज प्रताप यादव के
हसनपुर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से निर्वाचन को विजय कुमार यादव ने चुनाव याचिका दायर कर चुनौती दी। आज याचिकाकर्ता की गवाही हुई।

तेजप्रताप यादव के अधिवक्ता जगन्नाथ सिंह ने याचिकाकर्ता से जिरह किया। उसके बाद कोर्ट ने याचिकाकर्ता को उन्मुक्त कर दिया।

इसके पूर्व दोनों पक्षों की ओर से अदालत में पक्षकारों के बीच, जिन विवादित बिंदुओं पर भी अदालत अपना निर्णय दे सकता है, उसे दाखिल किया गया था।

तेज प्रताप यादव के अधिवक्ता जगन्नाथ सिंह ने आगे बताया कि याचिकाकर्ता ने जनप्रतिनिधि एक्ट, 1951 का हवाला देते हुए तेज प्रताप यादव के निर्वाचन को अमान्य करार देने के लिए चुनाव याचिका दायर किया है।

मामला वर्ष 2020 में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव से जुड़ा हुआ है। याचिका दायर करने का आधार श्री यादव द्वारा जानबूझकर अपनी संपत्ति के संबंध में नामांकन पत्र के साथ संपत्ति को लेकर हलफनामा में जानकारी छुपाना बताया गया है।

याचिकाकर्ता ने जनप्रतिनिधि क़ानून की धारा 123(2) के अनुसार इसे भ्रष्ट आचरण बताया है।

इस विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन 16 अक्टूबर, 2020 को दाखिल किया गया था।
3 नवंबर, 2020 को विधानसभा चुनाव संपन्न हुआ था। 10 नवंबर, 2020 को चुनाव परिणाम घोषित किया गया था, जिसमें तेज प्रताप यादव हसनपुर विधानसभा चुनाव क्षेत्र से विजयी हुए थे।
अब इस मामले में अगली सुनवाई 2 दिसंबर को होगी।

बिहार नगरपालिका एक्ट 2007 की वैधता को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर

पटना हाईकोर्ट में बिहार नगरपालिका एक्ट,2007 के Chapter 5 की वैधता को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई दो सप्ताह के लिए टली।चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ के समक्ष डा. आशीष कुमार सिन्हा व अन्य द्वारा दायर याचिका पर एडवोकेट जनरल ने हलफनामा दायर करने के लिए दो सप्ताह का समय लिया।

याचिकाकर्ता की अधिवक्ता मयूरी ने बताया कि यह नगरपालिका संगठनात्मक संरचना से सम्बंधित कानून हैं।नगरपालिका के इस कानून में श्रेणी ए और बी पदों पर नियुक्ति का अधिकार राज्य सरकार करती हैं।जबकि श्रेणी सी और डी के पदों पर नियुक्ति पर नगरपालिका का बहुत सीमित अधिकार था।

लेकिन 31 मार्च,2021 को कानून में संशोधन कर श्रेणी सी और डी के पदों पर नियुक्ति के सीमित अधिकार को राज्य सरकार ने नगरपालिका से ले लिया है।


ये याचिकाकर्ता ने राज्य सरकार द्वारा इस कानून में किये गए संशोधन को पटना हाईकोर्ट में याचिका दायर किया।
चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने 31 मार्च,2021 को कानून में संशोधन कर राज्य सरकार द्वारा मनमाने ढंग से नगरपालिका के शक्ति प्राप्त कमिटी के नियुक्ति सम्बन्धी अधिकार को लिए जाने को गम्भीरता से लिया।

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता मयूरी ने कोर्ट को बताया कि कानून के तहत अन्य राज्यों में नगरपालिका के कर्माचारियों की नियुक्ति नगर निगम करती हैं।

उन्होंने कहा कि नगर निगम स्वायत्तशासी संस्था है।इसके लिए जरूरी है कि नित प्रति दिन के कार्य में सरकारी हस्तक्षेप नहीं हो और ये इकाई स्वायत्तशासी संस्था के रूप में कार्य कर सके।

कोर्ट को बताया गया कि नगर निगम के कर्मचारियों के वेतन और अन्य लाभों पर राज्य सरकार का नियंत्रण है,जबकि ये पैसा निगम के फंड से दिया जाता है ।

निगम के कर्मचारियों के cadre का केंद्रीयकृत होना नगरपालिका संस्थाओ के स्वायतता के मूल भावना के विरूद्ध है।इस मामले पर अगली सुनवाई 2 सप्ताह बाद होगी।

दरोगा बहाली की प्रक्रिया पर उठा सवाल हाईकोर्ट ने बोर्ड से माँगी रिपोर्ट

पटना हाईकोर्ट ने राज्य में हो रहे दारोगा भर्ती परीक्षाओं में शारीरिक दक्षता जांच में हुई गड़बड़ी के आरोपों के मामलें पर बिहार पुलिस अधीनस्थ सेवा भर्ती आयोग को दारोगा भर्ती से जुड़े मूल कागजात व रिकॉर्ड कोर्ट में प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है । अखिलेश कुमार व अन्य की ओर से दायर रिट याचिका जस्टिस पी बी बजनथ्री ने सुनवाई की।

याचिकाकर्ता की ओर से वरीय अधिवक्ता पी के शाही ने कोर्ट को बताया कि दारोगा भर्ती हेतु पीटी व मेंस परीक्षाओं में ये सभी याचिकाकर्ता सफल हुए । उन्हें बोर्ड ने शारीरिक दक्षता जांच के लिए बुलाया था , जो विगत 22 मार्च से 12 अप्रैल 2021 के बीच अलग जगह अलग समय पर होनी थी ।

चूंकि उस वक्त कोरोना की दूसरी लहर फैलने का खतरा मंडरा रहा था , इसलिए कई अभ्यर्थियों ने (जिनमे याचिकाकर्ता भी थे ) शारीरिक दक्षता जांच की तारीख आगे बढ़ाने के लिए अनुरोध किया।इसे आयोग ने स्वीकार करते हुए नया एडमिट कार्ड भी जारी किया।

शारीरिक दक्षता जांच की नई तारीख और नए एडमिट कार्ड जारी होने के बाद अचानक आयोग ने नया जारी हुआ एडमिट कार्ड को रद्द कर दिया । परिणामस्वरुप सभी याचिकाकर्ता शारीरिक दक्षता जांच के मौके से वंचित कर दिए गए । हाई कोर्ट ने इसे मनमानापन मानते हुए आयोग से भर्ती प्रक्रिया के मूल अभिलेखों को प्रस्तुत करने का आदेश आयोग को दिया।इस मामले की अगली सुनवाई 4 हफ्ते बाद होनी है।

वकील और उनकी नौकरानी की हत्या मामले में हाईकोर्ट में आज हुई सुनवाई

पटना हाई कोर्ट ने बिहार स्टेट बार काउंसिल के उपाध्यक्ष व अधिवक्ता कामेश्वर पांडेय और उनकी नौकरानी की हत्या मामलें में अभियुक्त गोपाल भारती की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए केस डायरी तलब किया। जस्टिस प्रभात कुमार सिंह ने मुख्य अभियुक्त गोपाल भारती द्वारा दायर नियमित जमानत याचिका पर सुनवाई की।

अधिवक्ता कामेश्वर पांडेय के भतीजे अभिजीत कुमार द्वारा 6 मार्च, 2020 को स्थानीय पुलिस को दी गई लिखित सूचना के आधार पर आई पी सी की धारा 302, 380, 120(बी) व 34 के तहत भागलपुर जिले मेंं कोतवाली (तिलकामांझी) प्राथमिकी संख्या 72/ 2020 दर्ज की गई थी।

इस तिथि को अधिवक्ता पाण्डेय के ड्राइवर द्वारा कांड के सूचक को फोन पर सूचना दी गई थी कि वे तुरंत घर आ जाइये। वकील साहब की हत्या हो गई है।हत्या के बाद कामेश्वर पांडेय के घर के मुख्य द्वार के पास कुछ खून के धब्बे पाए गए थे और वे अपने बेडरूम में अस्त व्यस्त हालात में अचेत पड़े हुए थे।

उनके चेहरे पर खून लगा हुआ तकिया रखा हुआ पाया गया था। कमरे में रखा हुआ आलमारी टूटा हुआ था और उसमें रखा हुआ सामान गायब था।

मुख्य द्वार के निकट पोर्टिको में जेनेरेटर के बगल में रखा हुआ ड्राम में नौकरानी का शव पाया गया था। घर से सारे नकदी, कागजात, एक स्मार्ट फोन और कामेश्वर पांडेय के कार को लेकर आरोपी अपने साथियों के साथ भाग गया था।

कोर्ट को बताया गया कि दर्ज प्राथमिकी के अनुसार मृत कामेश्वर पांडेय का किराएदार गोपाल भारती से आये दिन मकान खाली करने को लेकर विवाद होता रहता था।नौकरानी से भी वह उलझा करता था और धमकी भी देता था कि तुमलोगों को देख लेंगे।

प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि याचिकाकर्ता अन्य लोगों के साथ मिलकर हत्याकांड को अंजाम दिया था। इस बात की जानकारी मोहल्ले वालों परिवार वाले और कचहरी के कुछ लोगों की भी थी की गोपाल भारती का विचार और व्यवहार अच्छा नहीं था।

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सीनियर ट्रीटमेंट सुपरवाइजर नियुक्ति मामले में अभ्यर्थी पहुंचा हाईकोर्ट विभाग पर बहाली में लगाया धांधली का आरोप

पटना हाई कोर्ट ने सीनियर ट्रीटमेंट सुपरवाइजर (एस टी एस) के पद पर नियुक्ति सुनवाई करते हुए स्टेट हेल्थ सोसाइटी को जवाबी हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है। जस्टिस पी बी बजन्थरी ने सोनु कुमार व अन्य द्वारा दायर एक रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए फिलहाल इन पदों पर नियुक्ति पर रोक लगा दी है।

याचिकाकर्ता ने इस पद पर नियुक्ति हेतु सेनेटरी इंस्पेक्टर कोर्स को भी शामिल करने हेतु आदेश देने का आग्रह किया गया है। इसको लेकर राज्य के स्टेट हेल्थ सोसाइटी के कार्यकारी निदेशक के हस्ताक्षर से विज्ञापन जारी किया गया था।

इस मामले में नेशनल tubercolosis संशोधित प्रोग्राम, स्टेट हेल्थ सोसाइटी व केंद्र सरकार द्वारा जारी गाइडलाइंस और पूर्व में नियुक्ति के लिए मान्यता प्राप्त सेनेटरी इंस्पेक्टर कोर्स की योग्यता रखने वाले भी एस टी एस के पद पर नियुक्ति के योग्य होंगे।

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता विजय कुमार सिंह ने बताया कि मान्यता प्राप्त सेनेटरी इंस्पेक्टर कोर्स की योग्यता रखने उम्मीदवारों समेत याचिकाकर्ता को सीनियर ट्रीटमेंट सुपरवाइजर के पद पर नियुक्ति हेतु ऑनलाइन आवेदन करने के लिए अनुमति देने के लिए कोर्ट से अनुरोध किया।

इन सभी याचिकाकर्ताओं ने राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग के बिहार पैरा मेडिकल / पैरा डेंटल एग्जामिनेशन कमेटी द्वारा संचालित की गई सेनेटरी इंस्पेक्टर कोर्स को पास किया है।
इस मामलें पर आगे भी सुनवाई होगी।

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लालू यादव को सदेह उपस्थिति से मिली छूट

लालू यादव को पटना सीबीआई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है कोर्ट ने लालू यादव के उस याचिका को स्वीकार कर लिया जिसमें बीमारी को देखते हुए सदेह उपस्थिति से छूट का आग्रह किया गया था।कोर्ट से सुनवाई के बाद उनके संदेह पेशी से छूट दे दिया ।

बांका कोषागार से 46 लाख रुपए की अवैध निकासी मामले में लालू मंगलवार को पटना के CBI की विशेष अदालत MP-MLA कोर्ट में पेश हुए। उन्होंने कोर्ट से सशरीर पेशी से राहत देने की मांग की। इस पर कोर्ट राजी हो गया।

RJD सुप्रीमो ने कहा, “हुजूर… मैं अक्सर बीमार रहता हूं। ऐसे में मुझे पेश होने से राहत दीजिए। मेरे वकील इस मामले को देखेंगे।’ उनकी इस मांग पर कोर्ट ने कहा, “ठीक है अब से आप अपने वकील को तारीख पर भेज दीजिएगा।’

1996 से चल रहा मामला

बांका उपकोषागार से फर्जी विपत्र के सहारे 46 लाख रुपए की अवैध निकासी का मामला 1996 से चल रहा है। इसमें शुरू में तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू यादव के अलावा 44 आरोपी थे। फिलहाल 28 लोगों पर केस चल रहा है। आधा दर्जन आरोपियों की मौत हो चुकी है। इसकी सूचना कोर्ट को दी गई है।

शराबबंदी कानून को लेकर पुलिस का आया अमानवीय चेहारा

शराब की तलाश में अब पुलिस दुलहन को भी नहीं छोड़ रही है मामला राजधानी पटना के रामकृष्णा नगर थाना से जुड़ा है जहाँ थानेदार अपनी टीम के साथ बोधि बिहार कम्यूनिटी हॉल में घुस गए। वहां शादी हो रही थी।

शराब की खोज में दुलहन के घर घुसा पटना पुलिस

जिस वक्त पुलिस पहुंची थी, उस वक्त वहां लड़की पक्ष के लोग थे। सबसे आश्चर्य वाली बात यह है कि पुलिस टीम में एक भी महिला अफसर या सिपाही शामिल नहीं थी। टीम में सभी पुरूष थे। शादी वाली जगह पर हर एक कमरे को खुलवाकर इन लोगों ने देखा, उसे खंगाला। कमरों में मौजूद लोगों के सामानों को चेक किया गया।

हद तो तब हो गई, जब पुलिस टीम दुल्हन के कमरे में घुस गई। वहां दुल्हन के साथ परिवार की कुछ महिलाएं थीं। जो अचानक से पुलिस को कमरे में देख असहज हो गईं। उस वक्त दुल्हन के श्रृंगार का सामान, ज्वेलरी और कपड़े, कमरे के अंदर बिखरे पड़े थे।

इस छापेमारी से जुड़े वीडियो के सामने आने से बिहार में सियासी पारा चढ़ गया है , पुलिस के इस कार्रवाही से मुख्यमंत्री भी सकते हैं ।

शराबबंदी को लेकर नीतीश की नसीहत

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शराबबंदी को लेकर विपक्ष हुआ हमलावर

जगदानंद सिंह ने कहां है कि महागठबंधन के दबाव में नीतीश कुमार ने शराबबंदी का फैसला लिया और शराब जहां से आ रही है

शराबबंदी कानून को लेकर जगतानंद सिंह ने नीतीश पर साधा निशाना

उन राज्यों में पुलिस जाकर छापेमारी क्यों नहीं कर रही है पुलिस छापेमारी शादी समारोह में कर रही है और शराब के नशे से हमारे नौजवान बर्बाद हो रहे हैं

कांग्रेस ने शराबबंदी को लेकर नीतीश पर साधा निशान

पूर्व डीजीपी अभयानंद ने नीतीश कुमार के शराबबंदी कानून पर खड़े किये सवाल

शराबबंदी को लेकर सीएम समीक्षा बैठक करने वाले हैं ये खबर जैसे ही मीडिया आयी उसी दिन से ही  पुलिस शराब कारोबारी के खिलाफ हल्ला बोले हुए है राजधानी पटना में पिछले 48 घंटे में 100 से अधिक शराब पीने वाला और होटल से जुड़े कर्मी गिरफ्तार हो चुके हैं ,बिहार की पूरी पुलिस शराब सूंघने में लग गयी है ऐसे में बिहार पुलिस के पूर्व डीजीपी अभयानंद ने शराबबंदी कानून को लेकर एक बड़ा सवाल खड़ा कर किया है  पुलिस को शक्ति कहाँ से मिलती है?

**सहायक पुलिस अधीक्षक के रूप में पदस्थापित था। पिताजी के एक IPS मित्र ने मुझसे एक सवाल पूछ दिया – “यह बताओ कि पुलिस की शक्तियाँ तुम्हें कहाँ से मिलती हैं?”पिछले एक साल में कानून की जितनी पढ़ाई की थी उन सब को बारी-बारी से उनको बता दिया, इस विश्वास के साथ कि किसी एक उत्तर से वे खुश होकर मेरी पीठ थपथपा देंगे।

लेकिन वैसा हुआ नहीं।वे मुस्कराते हुए मेरे उत्तर धैर्य से सुनते रहे। अंत में उन्होंने कहा, “तुम्हारी शक्ति उन लोगों की स्वीकारिता से आती है जिनपर तुम अपना हुक़्म चलाना चाहते हो।”यह सीख मेरे ज़हन में घर कर गई। समझ गया कि कानूनी रूप से जितना भी सही आदेश हो, अगर उसकी आम स्वीकार्यता नहीं हो, तो कानूनी शक्ति कानून की किताबों में बंद रह जाती है।     “तुम्हारी शक्ति उन लोगों की स्वीकारिता से आती है जिनपर तुम अपना हुक़्म चलाना चाहते हो।”यह पंक्ति ही बहुत कुछ कह गया ।

मधुबनी की घटना संवैधानिक संस्थाओं के बीच बढ़ती दूरियों का नतीजा है

मधुबनी के झंझारपुर कोर्ट में जो कुछ भी हुआ उसको लेकर पुलिस अपनी पुलिस के साथ खड़ी है वही जज के साथ न्यायपालिका और वकील खड़ा हैं ।बात पत्रकारिता की करे तो अभी तक तो बस इतना ही है कि हम लोग दोनों का बयान छाप रहे हैं ।वही बात आम लोगों की करे तो स्वाभाविक है हर कोई पुलिस के अमानवीय व्यवहार से त्रस्त है ऐसे में मास जज साहब के साथ खड़ा है।

लेकिन बड़ा सवाल यह है कि पुलिस के जिस गुंडागर्दी से आम लोग परेशान है उसके लिए जिम्मेवार कौन है, पुलिस झुठे मुकदमे में फंसा कर आम लोगों को तबाह कर रहा है इसके लिए जिम्मेदार कौन है,पुलिस,सीबीआई और ईडी जैसी संस्थान सरकार की रखैल बन गयी है इसके लिए जिम्मेदार कौन है।इस पर जब बहस होगी तो चीजें बहुत कुछ स्पष्ट हो जायेंगी क्यों दोनों मिल कर जनता को किस तरह से लूट रहा यह तस्वीर जब तक सामने नहीं आयेगा खेल चलता रहेगा क्यों कि यो जो लड़ाई है ना वो हिस्सेदारी की लड़ाई है और कौन श्रेष्ठ है इसकी लड़ाई है।

भारतीय लोकतंत्र क्या कहता है जिस तीन स्तम्भ की हमारे संविधान में चर्चा है उसकी क्या जिम्मेवारी है कोर्ट का गठन क्यों किया गया था ।आज जज साहब की पिटाई पर हंगामा बरपा हुआ है आम लोग रोज पीटता रहता है कोर्ट स्वत संज्ञान लेती है।

इस गठजोड़ को समझिए अंग्रेज तो चला गया लेकिन सत्ता और सरकार अभी भी अंग्रेज वाली मानसिकता से बाहर नहीं निकल पायी है पुलिस अभी भी उसी मानसिकता में काम कर रही है जिस मानसिकता में अंग्रेज की पुलिस काम कर रही थी, और यही नजरिया कोर्ट का भी कोर्ट में भी कुछ नहीं बदला है जज साहब उपर बैठे रहते हैं और तारीख देने के लिए कर्मचारी जो पैसा लेता है वो भी अंग्रेज के समय से ही चला आ रहा है ।

अभी भी कोर्ट का नजरिया शासक के साथ खड़े रहने वाला ही है और यही वजह है कि कोर्ट का नजरिया आज भी पुलिस को लेकर वैसा ही है जैसे 1947 से पहले था ऐसा नहीं है कि बदलाव नहीं आया है लेकिन तमाम बदलाव के बावजूद चरित्र वही है।

दिल्ली दंगा को लेकर जमानत पर सुनवाई करने के दौरान दिल्ली हाईकोर्ट की दिल्ली पुलिस को लेकर क्या प्रतिक्रिया थी ,याद है या भुल गये ।कोर्ट टिप्पणी करने के बजाय दिल्ली पुलिस के जिस अफसर ने निर्दोष लोगों को दंगा में जेल भेजा उस पुलिस अफसर को चिन्हित करके कार्रवाई क्यों नहीं किया जिस दिन कोर्ट ये करना शुरू कर दे स्थिति पूरी तरह से बदल जायेंगी ।

जय भीम फिल्म इन दिनों काफी चर्चा में है वकील ने जिस स्वतंत्र विटनेस (गवाह)को कोर्ट में खड़ा करके पूरे मुकदमे का चरित्र बदल दिया वो कभी कभी होता है फिर सूर्या जैसा वकील भी होना चाहिए ।

कोर्ट में न्याय कैसे मिलता है इससे आप परिचित नहीं है अभी भी देश की 95 प्रतिशत आबादी कोर्ट कचहरी से बाहर है जो कोर्ट के चक्कर में पड़ा है जरा उनसे पूछिए न्याय का क्या मतलब है इस देश में सबसे ज्यादा दबाव में पुलिस है उसका इस्तेमाल सरकार भी करती है और कोर्ट भी करता है और पीसती जनता है इसलिए इस घटना को लेकर समग्र तरीके से सोचने कि जरूरत है

क्यों कि जो पुलिस वाले जनता के साथ खड़ी होती है उसके साथ ना तो सरकार खड़ी रहती है और ना ही कोर्ट हजारों ऐसे उदाहरण है फिर व्यवस्था तो ऐसे ही चलेंगी एक बार बिहार के पूर्व डीजीपी डीएन गौतम से बात हो रही थी मैंने उनसे पूछा सर आपके पूरे करियर किस तरह का पैरवी आपको सबसे ज्यादा परेशान किया उन्होंने कहा संतोष जी नेता बदनाम है, नेता पैरवी भी करते हैं तो कहते हैं गलती हो गया है जरा देख लीजिए या फिर गलत फंसाया गया है जरा देख लीजिए ।लेकिन हमारे सीनियर अधिकारी कहते हैं इसको बचाना है या फिर उसको फंसाना है सीधा आदेश ।

नेता की बात नहीं माने चलेगा लेकिन अधिकारी की बात नहीं माने नहीं चलेगा आपका कैरियर उसी दिन से दाऊ पर लगा जायेंगा।बात मधुबनी की करे तो यह तो अभी शुरुआत है बिहार में इस तरह की घटनाओं का प्रचलन नहीं रहा है इससे पहले भागलपुर में इस तरह की घटना घटी थी ।

लेकिन जिस तरीके से संस्थानों के बीच दूरियां बढ़ रही है आने वाले दिनों में इससे भी बड़ी घटनाएं घट जाये तो कोई बड़ी बात नहीं होगी क्योंकि जिला में अधिकारियों के बीच आपसी रिश्ते इतने खराब रहते हैं कि आप सोच नहीं सकते हैं ।एसपी की डीएम से रिश्ता सही नहीं रहता है ,जज से प्रशासन ऐसी दूरी बना कर रखता है जैसे अछूत हो ।आज भी जिस जिले में डीएम ,एसपी और जिला जज के बीच बेहतर समन्वय है उस जिले में अपराध के साथ साथ पूरी व्यवस्था नियंत्रण में रहती है।

याद करिए यही पुलिस थी, यही कोर्ट था 6 दिन के अंदर बलात्कार जैसे अपराध में सजा दिया है।ऐसा कैसे हो गया हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से डीजीपी और मुख्य सचिव इसको लेकर मिलते थे बात होती थी बहस होता था फिर एक दिशा तय होती थी जो एसपी डीएम से थाने तक और जिला जज से लेकर लोअर जुडिसियर तक पहुंच जाता था ।

यही बिहार था ना जहां बड़े से बड़े अपराधी आर्म्स लेकर घूमना बंद कर दिया था लेकिन इसके लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति की जरूरत है इसलिए सही समय आ गया है बदलाव नहीं हुआ तो फिर अराजकता के लिए तैयार रहिए कुछ दिन पहले सेना से भी इसी तरह की खबरे आयी थी जवान सेना के अधिकारी के घर में घुस कर मारपीट किया है। बाकी देख ही रहे हैं सीबीआई और ईडी के निदेशक का पद पांच वर्ष के लिए हो दिल्ली पुलिस का आयुक्त कि नियुक्ति के लिए क्या क्या किया गया है सीबीआई .ईडी जैसे विभाग किस तरीके से अपना भरोसा खोते जा रहा है ।

नक्सली के भारत बंद का रेलवे सेवा पर पड़ा असर कई ट्रेने रद्द कई का रुट बदला गया ।

भाकपा माओवादियों द्वारा बुलाये गये भारत बंद का झारखंड में असर देखने को मिल रहा है कई इलाकों में नक्सलियों ने रेलवे ट्रेक को नुकसान पहुंचाया है जो खबर आ रही उसके अनुसार देर रात नक्सलियों ने —

चक्रधरपुर रेल मंडल के अंतर्गत लोटा पहाड़ और सोनुआ स्टेशन के बीच माओवादी नक्सलियों ने रेल पटरी उड़ाने की कोशिश की। रेल पटरी नहीं उड़ पाई लेकिन कंक्रीट स्लीपर डैमेज हो गए । मरम्मत कार्य जारी है जिसके कारण मुंबई हावड़ा रूट पर ट्रेनों का परिचालन बाधित हो गया है वही नक्सलियों ने लातेहार और टोरी स्टेशन के बीच रेलवे ट्रैक को उड़ा दिया है बम ब्लास्ट के कारण रेलवे का ट्रॉली क्षतिग्रस्त हो गया है ।

नक्सलियों के भारत बंद का रेलवे सेवा पर पड़ा असर

रेलवे ट्रेक के नुकसान होने से रेलवे सेवा पर प्रभाव पड़ा है और कई ट्रनों का मार्ग बदल दिया गया है या फिर रद्द कर दिया है रेलवे ट्रैक पर ब्लास्ट के कारण कई ट्रेन का रूट डाइवर्ट,18636 सासाराम-रांची और 08310 जम्मू तवी एक्स. डाइवर्ट भाया गया-कोडरमा-मुरी होकर चलेगी वही रेलवे ने 2 ट्रेन के परिचालन को आज के लिए किया रद्द कर दिया है

03364 डिहरी ऑन सोन – बरवाडीह स्पेशल रदद्
03362 बरवाडीह- नेसुबोगोमो स्पेशल ट्रेन भी कैंसिल।

भाकपा माओवादियों ने अपने केन्द्रीय कमेटी के सदस्य प्रशांत बोस और उनकी पत्नी की गिरफ्तारी के विरोध में आज भारत बंद का एलान किया है ।

धनबाद मंडल के टोरी-लातेहार रेलखंड पर रेलवे ट्रैक पर बम विस्फोट, परिचालन बाधित

धनबाद मंडल के टोरी-लातेहार रेलखंड पर रिचुगुटा-डेमू स्टेशनों के बीच किमी 206/25-27 के बीच रात्रि लगभग 12.50 बजे अप एवं डाउन लाइन पर तथाकथित बम विस्फोट के कारण रेलवे ट्रैक क्षतिग्रस्त हो गया । इस घटना की जाँच की जा रही है।

🔸अप एवं डाउन लाइन पर ट्रेनों का परिचालन बाधित है जिसके कारण यात्री सुरक्षा एवं संरक्षा के दृष्टिकोण से इस रेलखंड से गुजरने वाली कुछ ट्रेनों के परिचालन में बदलाव किया गया है ।

🔸 02 पैसेंजर ट्रेन का परिचालन रद्द किया गया है तथा कुछ ट्रेनें परिवर्तित मार्ग से चलायी जा रही हैं ।

🔸बरकाकाना से दुर्घटना राहत यान घटना स्थल पहुंच चुकी है ।

🔸परिचालन की पुनर्बहाली हेतु युद्धस्तर पर कार्य जारी है ।

🔸घटनास्थल पर धनबाद मंडल के उच्चाधिकारी, रेल सुरक्षा बल, स्थानीय पुलिस पहुंच चुकी हैं ।

(राजेश कुमार)
मुख्य जनसंपर्क अधिकारी

मधुबनी जज हमला मामले में पुलिस ने जज पर लगाया गंभीर आरोप

मधुबनी – झंझारपुर व्यवहार न्यायालय के ADJ अविनाश कुमार पर जानलेवा हमला करने वाले दोनों पुलिसकर्मियों ने दरभंगा पुलिस के सामने अपना फर्द बयान दर्ज कराया है। दोनों ही पुलिसकर्मी दरभंगा DMCH में भर्ती हैं। अपने बयान में घोघरडीहा थानाध्यक्ष गोपाल कृष्ण ने ADJ अविनाश कुमार पर आरोप लगाया है कि उन्होंने पहले अभद्र टिप्पणी की थी। कई मामलों में आरोपित व्यक्ति को ‘सर’ कहकर संबोधित करने का निर्देश दिया था। ऐसा नहीं करने पर मुझे जूते से मारा और फिर मौजूद कर्मियों को निर्देश दिया कि मेरे गले में रस्सी लगाकर टांग दिया जाए।

पुलिस एसोसिएशन ने निष्पक्ष जाँच की मांग

गोपाल कृष्ण के बयान के अनुसार, ‘ झंझारपुर व्यवहार न्यायालय के कर्मी अवकाश मिश्रा ने 17 नवंबर को मुझे कॉल कर कहा कि आपके विरुद्ध विधिक सेवा प्राधिकार में दीपक राज नाम के व्यक्ति ने शिकायत की है। इसपर सुनवाई के लिए उपस्थित होना है। मुझे शराब के खिलाफ कार्रवाई में जाना था, इसलिए मैंने अगले दिन का समय मांगा। पूरी कार्रवाई में देर होने की वजह से अगले दिन 18 नवंबर को निर्धारित 11 बजे की बजाय दोपहर दो बजे के करीब न्यायालय पहुंचा। वहां अपने साथ गए SI अभिमन्यु कुमार शर्मा को जज के केबिन के बाहर छोड़कर अंदर गया तो उन्होंने (ADJ अविनाश कुमार) सीधे कहा कि तुमको टांग देंगे।

फिर मुझे वहां मौजूद एक इंजीनियर दीपक राज को ‘सर’ कहकर संबोधित करने को कहा। उनपर कई थानों में कई मामले लंबित हैं। जज ने कहा कि इनसे कई काम करवाना है। तुम बहुत मगरूर हो गए हो। मुझसे डरते क्यों नहीं हो, तुमको जूता से मारेंगे। इसपर मैंने उन्हें कहा कि आप माननीय जज हैं, कृप्या गाली न दें। तब उनके इशारे पर वहां मौजूद दीपक राज, अवकाश मिश्रा आदि लोगों ने मुझे पकड़ लिया और मारने लगे।

मधुबनी जज पिटाई मामला घायल पुलिसकर्मियों को DMCH में भर्ती कराया गया ।

इसी बीच 15-20 वकील और अंदर आ गए। सभी मुझसे मारपीट करने लगे। इतना होने पर बाहर खड़े SI अभिमन्यु कुमार शर्मा जब जज के केबिन में आए तो उनके साथ भी मारपीट की गई। भीड़ ने अभिमन्यु से उनका सर्विस पिस्टल छीन लिया। मुझे जान से मारने की कोशिश की तो मैंने किसी तरह कमरे में बने टॉयलेट में छिपकर अपनी जान बचाई। बाद में जब स्थानीय पुलिस के लोग पहुंचे तो मुझे सुरक्षा के साथ बाहर निकाला गया। इस दौरान मैंने देखा कि अभिमन्यु कुमार शर्मा घायल हैं और उनके मुंह और सिर से खून निकल रहा है।

जज के चेम्बर एवं न्यायालय परिसर में लगे CCTV कैमरे की बिना छेड़छाड किए जाँच हो।
पीड़ित थाना अध्यक्ष अपने अध्यक्ष से बोले की वे पूरी घटना पर पॉलीग्राफ़ मशीन ( झूठ पकड़ने वाली मशीन ) से जाँच कराने के लिए तैयार है। ताकि इससे भी सत्य सामने आ सकता है।— मृत्युंजय कु सिंह

पीड़ित घायल थानाध्यक्ष गोपाल कृष्ण से प्रदेश अध्यक्ष मृत्युंजय कु सिंह फ़ोन से बात कर सारी जानकारी लिए।बात करते समय पीड़ित दरोग़ा रोने लगा और घटना की जानकारी दिया। एसोसिएशन के महामंत्री और प्रदेश उपाध्यक्ष पीड़ित थानाध्यक्ष से मुलाक़ात किए। न्यायालय आस्था और न्याय का मंदिर है।न्यायालय का सभी पुलिस वाले सम्मान करते है और हर न्यायोचित आदेश का पालन करते है और करते रहेंगे।झंझारपुर में घटित पूरी घटना की निष्पक्ष जाँच की माँग बिहार पुलिस एसोसिएशन करता है–मृत्युंजय कु सिंह

बालू माफिया से सांठगांठ के आरोप में ईओयू ने कोइलवर के तत्कालीन अंचलाधिकारी अनुज कुमार के ठीकाने पर मारा छापा आय से अधिक सम्पत्ति का हुआ खुलासा।

पटना । बालू माफियाओं से सांठगांठ कर अकूत संपत्ति अर्जित करने के मामले में आज निलंबित भोजपुर के कोइलवर के तत्कालीन अंचलाधिकारी अनुज कुमार के पटना स्थित आवास, नवादा स्थित पैतृक आवास और गया स्थित ससुराल में एक साथ छापेमारी की गयी है। ईओयू की टीम इस छापेमारी में सुबह से ही लगी हुई थी । तलाशी के दौरान कई महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद हुए हैं, जिनका विश्लेषण किया जा रहा है साथ ही अनुज कुमार के द्वारा अर्जित अन्य परिसंपत्तियों की भी जांच की जा रही है। आर्थिक अपराध इकाई को इस बात की भी आशंका है कि आज की छापेमारी में अनुज कुमार के ठिकानों से नगद और अन्य सामान नहीं पाया जाना यह दर्शाता है कि बालू माफियाओं से अवैध परिसंपत्तियों को हटाया गया है और इस पर अनुसंधान चल रहा है। अनुज कुमार के द्वारा अर्जित परिसंपत्तियों इनके वास्तविक आय से लगभग 52% अधिक पाया गया है।