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गया के आईजी ,एसएसपी और पूर्व डीएम पर कार्रवाई के पीछे का इनसाइड स्टोरी

गया के आईजी ,एसएसपी और पूर्व डीएम पर कार्रवाई के पीछे क्या है इनसाइड स्टोरी

बिहार में इन दिनों राजधानी पटना से लेकर एक छोटे से गांव तक शराब और जमीन पर अवैध कब्जे को लेकर बड़ा सिडिकेंट काम कर रहा है और इस सिडिकेंट में पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ साथ उस इलाके के अपराधी भी शामिल है।गया के डीएम ,एसएसपी और आईजी पर कार्रवाई उसी की एक कड़ी है जहां इन अधिकारियों ने गया में जंगल राज कायम कर रखा था।

सरकार शराबबंदी को लेकर बैचेन है वही गया में पुलिस के संरक्षण में शराब का कारोबार बड़े पैमाने पर चल रहा था ,पहाड़ का अवैध खनन दिन में चलता था, भूमाफिया का मनोबल इतना बढ़ गया था कि जमीन आपकी कब्जा किसी ओर को करवा कर पुलिस की मौजदूगी में घर बनवा देता था जिसे कहते हैं प्रशासन का नंगा नाच वह नाच गया में चल रहा था

पिछले वर्ष 2021 के अक्टूबर माह में परिवार के साथ बौद्ध गया घूमने गया था इसी दौरान उस इलाके के कुछ किसान मुझसे मिलने बौद्ध गया आये हुए थे उन्होंने बताया कि संतोष जी गया का डीएम ,एसएसपी और सिटी लूट मचाये हुए हैं।डीएम पहाड़ का अवैध खनन करवा रहा है ,एसएसपी और सिटी एसपी थानेदार से मिल कर जमीन पर कब्जा करवा रहा है और शराब माफिया से मिल कर पूरे जिले में अवैध शराब का खेल चल रहा है कुछ कीजिए ।

मैने पुछा अमित लोढ़ा आईजी की छवि तो बढ़िया रही है वो गया एसएसपी भी रहे हैं उनसे मिलिए संतोष जी वो भी मिले हुए हैं गया में अधिकारियों के संरक्षण में जंगल राज चल रहा है ,बातचीत के दौरान ही गया के हमारे जो पुराने पत्रकार मित्र है उनसे भी बात हुई हलात सच में बेहद खराब था लूट मची हुई थी ठीक उसी दिन मैंने गया से ही इस खबर को ब्रेक किया देखिए क्या चल रहा गया में खबर ब्रेक करने के बाद और भी जानकारी मिलनी शुरु हो गयी ।

इसी दौरान मुझे जानकारी मिली की मगध मेडिकल कॉलेज के आसपास की जमीन पर कब्जा को लेकर एसएसपी के इशारे पर उस इलाके के एक किसान राकेश रंजन के भतीजे को पुलिस आर्म्स एक्ट लगा कर जेल भेज दिया ।

मामला पुलिस मुख्यालय पहुंचा और इस मामले की जांच सीआईडी कर रही है जांच के दौरान सीआईडी ने पाया कि मगध मेडिकल कॉलेज के इलाके में जमीन कब्जा करने को लेकर एक बड़ा सिडिकेंट चल रहा है और उसी सिडिकेट के इशारे पर किसान राकेश रंजन के भतीजे को पुलिस ने आर्म्स एक्ट के झूठे मुकदमे में जेल भेज दिया है ।

सीआईडी ने आईजी मगध को राकेश रंजन के भतीजे के गिरफ्तारी में शामिल पुलिस टीम पर कार्रवाई करने का आदेश दिया शुरुआत में आईजी तीन सिपाही पर कार्रवाई कर शांत बैठ गये लेकिन सीआईडी द्वारा फिर से पत्राचार करने पर इस रेड में शामिल दरोगा को आईजी ने निलंबित कर दिया वह दरोगा एसएसपी का चहेता था और यही से एसएसपी और आईजी के बीच विवाद शुरू हो गया हालांकि कहा ये जाता है कि इससे पहले सब कुछ आपसी सहमति से ही चल रहा था ।

लेकिन एसएसपी भूमाफिया से मिले हुए थे कि सीआईडी के जांच में आर्म्स एक्ट का मामला झूठा पाये जाने के बावजूद भी मामले में गिरफ्तार व्यक्ति के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दायर कर दिया बवाल हो लेकिन खबर ये आई कि एसएसपी गया पर किसी खास की मेहरबानी है इसलिए सीआईडी के आदेश के बावजूद भी एसएसपी इस कदर दुस्साहस कर रहे हैं

चुकी इससे पहले आईजी ने जब एसएसपी के चहते दरोगा पर कार्रवाई (जिन पर झूठे आर्म्स एक्ट का मुकदमा करने का आरोप था) किया था तब एसएसपी ने डीजीपी से मिल कर आईजी के रीडर रणधीर सिंह को मधेपुर का तबादला करवा दिया ऐसी गया में चर्चा आम है ।

हालांकि इस तबादले के बाद एसएसपी और आईजी पूरी तौर पर आमने सामने आ गये और इसी दौरान आईजी ने एसएसपी पर शराब माफिया से सांठगांठ का आरोप लगाते हुए फतेहपुर थाना अध्यक्ष द्वारा शराब बरामदगी मामले में एफआईआर न दर्ज कर सनहा दर्ज कर छोड़ने का मामला उठाते हुए सरकार को पत्र लिख दिया ।

आईजी मधनिषेध ने जांच शुरू किया और जांच में मामले को सही पाया आईजी मधनिषेध ने गया एसएसपी को पत्र लिख कर इस मामले में जवाब मांगा और फतेहपुर थाना अध्यक्ष जिनका तबादला औरंगाबाद हो गया था उस पर कार्रवाई करने को कहा आईजी मधनिषेध ने इसकी पूरी जानकारी सरकार को दिया सरकार के संज्ञान में आते हैं जांच शुरू हुई तो यह खेल सामने आ गया अब देखना यह है कि सरकार इन अधिकारियों का तबादला करके छोड़ देती है या फिर बड़ी कार्रवाई करती है ।

रामसर साइट में शामिल कावर झील के विकास का मुद्दा एक बार फिर राज्यसभा में उठा

अंतरराष्ट्रीय महत्व के बेगूसराय के रामसर साइट में शामिल कावर झील के विकास का मुद्दा एक बार फिर राज्यसभा में भाजपा सांसद राकेश सिन्हा ने सवाल उठाया है।

कावर झील के विकास को लेकर राज्यसभा में उठा मामला

एशिया का सबसे बड़ा झील कहा जाने वाला कावर झील के विकास के लिए राज्य सभा सांसद राकेश सिन्हा ने राज्यसभा में सवाल उठाते हुए विकास करने की मांग की है। कावर झील की महत्व को देखते हुए उसका विकास करने की मांग की है। राज्य सभा में सांसद ने कहा कि रामसर साइट में शामिल कावर झील 24 सौ एकड़ में फैला हुआ है उसके पास में भगवान बुध का ऐतिहासिक स्तुप स्थल भी है लेकिन आज तक इसका विकास नहीं हुआ है।

कावर झील में 59 प्रकार के विदेशी और 107 प्रकार के देसी पक्षी रहते और हर वर्ष आते हैं लेकिन कावर झील का आज तक विकास नहीं हो पाया है। खासकर जमीन को सही से चिहिंत तक नहीं किया जा सका है जिससे किसान यहां ना तो सही से खेती कर पाते हैं ना ही अपनी जमीन को बेच पाते हैं ऐसे में सरकार इस कावर झील को विकसित करने के लिए कारगर कदम उठाए ताकि पर्यावरण और सांस्कृतिक स्तर पर यह विकसित हो सके।
क्या महत्व है कावर झील है

कावर झील एशिया का सबसे बड़ी शुद्ध जल की झील है और यह पक्षी अभयारण्य (बर्ड संचुरी) भी है। इस बर्ड संचुरी मे ५९ तरह के विदेशी पक्षी और १०७ तरह के देसी पक्षी ठंडे के मौसम मे देखे जा सकते है। यह बिहार राज्य के बेगूसराय में है। पुरातत्वीय महत्व का बौद्धकालीन हरसाइन स्तूप इसी क्षेत्र में स्थित है।काबर झील अथवा कावर झील जिसे स्थानीय रूप से काबर ताल, कनवार ताल या कावर ताल भी कहते हैं यह बिहार के बेगूसराय जिले में मीठे पानी[3] की एक उथली झील है। यह झील जिला मुख्यालय बेगूसराय से तकरीबन 22 किलोमीटर उत्तर में और बिहार के राजधानी नगर पटना से 100 किलोमीटर पूरब में स्थित है। इस झील और आसपास की नमभूमि (वेटलैंड) को पक्षी विहार का दर्जा प्राप्त है।

बिहार सरकार के वन विभाग के आँकड़ों के मुताबिक़ इसे पक्षी विहार का दर्जा 1989 में दिया गया और यह कुल 63.11 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है ।यहाँ जाड़ों में काफी प्रवासी पक्षी आते हैं जिनमें विदेशी पक्षी भी शामिल हैं, हालाँकि, हाल के समय में यह झील पानी की कमी से जूझ रही है और सरकारी योजनाओं के पारित होने के बावज़ूद उपेक्षा के चलते संकटपूर्ण स्थिति में है। झील पर निर्भर स्थानीय मछुआरे (मल्लाह) भी इसके कारण संकट झेल रहे हैं।

झील के नजदीक ही जय मंगल गढ़ के नाम से एक प्रसिद्ध एक मंदिर भी है जिसे पाल वंश के काल में स्थापित माना जाता है और यह भी अनुमान है कि यह एक किले के रूप में था ।

मुजफ्फरपुर रिमांड होम से सरकार सीख लेती तो आज गायघाट मामले में नजर झुकाना नहीं पड़ता

मुजफ्फरपुर बालिकागृह से सरकार ने नहीं ली सीख
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर चिहिंत दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की गयी होती तो आज गायघाट मामले में कोर्ट को संज्ञान नहीं लेना पड़ता है ।

गायघाट रिमांड होम मामले में हाईकोर्ट द्वारा स्वतः संज्ञान लेने के बाद सरकार की साख एक बार फिर दांव पर है हाईकोर्ट ने समाज कल्याण विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी को प्रतिवादी बनाते हुए फौरन अपने स्तर से जांच करने का आदेश दिया है। और यह सब पटना हाई कोर्ट के जुवेनाइल जस्टिस मॉनिटरिंग कमेटी की अनुशंसा पर किया गया है। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि बालिका गृह में यह सब चल रहा था इसकी जानकारी बालिका गृह पर नजर रखने वाली संस्था को नहीं हुई ,क्यों कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर हाईकोर्ट से जिला कोर्ट तक और राजधानी से लेकर पंचायत स्तर तक बच्चे और बच्चियों के राइट के लिए कमिटी गठित है जिन्हें बच्चों और बच्चियों के अधिकार को संरक्षित करने का कानूनी अधिकार प्राप्त है फिर भी यह धंधा रुक क्यों नहीं रहा है यह एक बड़ा सवाल है ।

सुप्रीम कोर्ट मानती है कि इस तरह के जो भी लड़के लड़कियां है उसके अभिभावक कोर्ट है और इसके लिए विधिवत कमेटी गठित है।हाईकोर्ट में जुवेनाइल जस्टिस मॉनिटरिंग सेल है जिसका खुद का एक अलग से दफ्तर है कर्मचारियों की बड़ी फौज है,जस्टिस आशुतोष कुमार चेयरमैन हैं,जस्टिस अंजनी कुमार शरण और जस्टिस नवनीत कुमार पांडेय इसके सदस्य हैं।

इसी तरह की कमेटी जिला स्तर पर न्यायालय में भी है इसके अलावे डीएम की अध्यक्षता में हर जिले में बाल संरक्षण समिति,जे0जे0 बोर्ड गठिक है जिसके अधीन बाल गृह और बालिका गृह काम करता है इतना ही नहीं जिले के सीनियर पदाधिकारी इस सारे कमिटी के नोडल पदाधिकारी होते है जिन्हें चाइल्ड प्रोटेक्शन ऑफिसर कहा जाता है।जिनकी जिम्मेवारी है रिमांड होम में रहे रही बच्ची और बच्चों को किसी भी तरह का शारीरिक और मानसिक कष्ठ ना हो इस पर चौकसी बरतना। इतना ही नहीं जिला जज साहब का माह में एक दो बार इस तरह के होम में जाकर बच्चे और बच्चियों का हाल जानना है।
इसके अलावा भारत सरकार की और से एक हेल्पलाइन नम्बर जारी है 1098 किसी भी बच्चे या बच्चों के साथ शारीरिक या मानसिक प्रताड़ना होता है तो वो तुरंत इस नम्बर पर काॅल कर सकता है और इस कॉल पर त्वरित कार्रवाई हो इसके लिए देश के हर जिले में दो से तीन चाइल्ड लाइन काम कर रहा है।

जिसके पास उस बच्चे के कांल के सम्बन्ध में जानकारी दी जाती है और उस पर त्वरित कार्रवाई में कोई परेशानी ना हो इसके लिए जिले का पुलिस कप्तान जबावदेह होता है।इतना ही नहीं बच्चे और बच्चियों के संरक्षण के लिए पंचायत के वार्ड में वार्ड आयुक्त बाल संरक्षण कमिटी का अध्यक्ष होता है ,पंचायत में मुखिया अध्यक्ष होते हैं प्रखंड में प्रमुख अध्यक्ष होते हैं सीडीपीओ और आंगनबाड़ी सेविका नोडल पदाधिकारी होती है इस स्तर तक कमिटी गठित है ।

लोकतंत्र के सभी स्तम्भ विधियका,कार्यपालिका और न्यायपालिका सभी सीधे तौर जिम्मेवार है फिर भी लड़कियों और लड़कों का ट्रैफिकिंग जारी है ।

इसकी वजह है सरकार इसको लेकर आज भी गंभीर नहीं है यू कहे तो सरकार के प्राथमिकता में यह विषय है ही नहीं या फिर इस तरह के खेल में सरकार खुद शामिल है इसलिए यह खेल चल रहा है।

याद करिए मुजफ्फरपुर बालिका गृह मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश बावजूद अभी तक उन आईएएस अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं हुई है जिन पर बालिका गृह में हो रहे कृत्य को नजरअंदाज करने और ब्रजेश ठाकुर को संरक्षण देने का आरोप था ।इस स्थिति में बालिकागृह में रहने वाली लड़कियां कैसे सुरक्षित रह पायेंगी क्यों कि अधिकारियों को पता है सरकार मेरे साथ खड़ी है या फिर सरकार इस मामले में इतनी लाचार है कि कुछ नहीं कर पायेंगी ऐसे में यह धंधा संस्थागत रुप लेगा ही इसलिए ना गायघाट रिमांड होम मामले में 24 घंटे के अंदर समाज कल्याण विभाग और पटना जिला प्रशासन क्लीनचीट दे दिया ।

बिहार न्यूज पोस्ट के खबर का असर, गाय घाट स्थित उत्तर रक्षा गृह मामले में हाईकोर्ट ने लिया संज्ञान

पटना हाई कोर्ट ने पटना के गाय घाट स्थित उत्तर रक्षा गृह ( आफ्टर केअर होम ) की घटना पर स्वतः संज्ञान लिया है। कोर्ट ने इस याचिका को पटना हाई कोर्ट जुवेनाइल जस्टिस मोनिटरिंग कमेटी की अनुशंसा पर रजिस्टर्ड किया है।

कमेटी में जस्टिस आशुतोष कुमार चेयरमैन हैं, जबकि जस्टिस अंजनी कुमार शरण और जस्टिस नवनीत कुमार पांडेय इसके सदस्य हैं। कमेटी ने उक्त मामले में 31 जनवरी को अखबार में प्रकाशित रिपोर्ट को गंभीरता से लिया है।

इस केअर होम में 260 से भी ज्यादा महिलाएं वास करती हैं। कमेटी की एक आपात बैठक बुलाई गई थी। बेसहारा महिलाओं को लेकर अखबार में छपी खबर पर बैठक में चर्चा की गई। खबर के मुताबिक पीड़िता व केअर होम में रहने वाली उसके जैसी और अन्य को दवा देकर जबरन अनैतिक कार्यों के लिए मजबूर किया जाता है।

पीड़िता ने यह भी आरोप लगाया है कि केअर होम में रहने वाली पीड़िताओं को भोजन और बिस्तर की सुविधाएं भी नहीं मुहैया कराई जाती है। यहां तक कि बहुतों को गृह को छोड़ने की अनुमति भी नहीं दी जाती है।

कमेटी द्वारा अन्य बातों के अलावा ऐसा देखा गया कि पीड़िता द्वारा आश्चर्यजनक देने वाला खुलासा यह भी किया गया है कि अजनबियों को रिश्तेदार के रूप में बहाना बनाकर आने दी जाती है, जो आकर बेसहारा महिला को उठाते हैं।जो कि इनके जीवन और मर्यादा को और जोखिम में डाल देता है।

यह भी आश्चर्य जनक है कि पीड़िता द्वारा किये गए खुलासे के बाद भी कोई एफ आई आर दर्ज नहीं किये गए हैं।

इससे ज्यादा आश्चर्य जनक यह है कि समाज कल्याण विभाग के डायरेक्टर ने उक्त मामले में एक जांच किया है और सिर्फ केअर होम में लगाए गए सी सी टी वी के फुटेज के आधार पर वे इस निष्कर्ष पर तथाकथित पीड़िता द्वारा लगाया गया आरोप को बेबुनियाद और गलत बताया।

कोर्ट ने फिलहाल राज्य सरकार के समाज कल्याण विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी को प्रतिवादी बनाते हुए फौरन अपने स्तर से जांच करने का आदेश दिया है।

साथ ही साथ कोर्ट ने की गई कार्रवाई के संबंध में रिपोर्ट देने को कहा है। कोर्ट ने कमेटी द्वारा की गई अनुशंसा को भी तत्काल लागू करने का आदेश दिया है। संस्थान के सुधार को लेकर और सी सी टी वी कैमरा लगाने, कमसे कम दो और प्रशिक्षित सलाहकार की नियुक्ति करने, संख्या को देखते हुए अन्य केअर होम की जरूरत, प्रशिक्षित स्टाफ, स्टाफ और अधीक्षक में चाइल्ड से संबंधित कानून और मुद्दों की जागरूकता समेत अन्य अनुशंसा किये गए हैं।

कोर्ट ने अगली तिथि के पूर्व अनुपालन के संबंध में हलफनामा दायर करने को भी कहा है। इस मामले पर आगे की सुनवाई 7 फरवरी, 2022 को की जाएगी।

रेलवे भर्ती बोर्ड के मनमानी का मुद्दा उठा राज्यसभा में

• रेलवे भर्ती बोर्ड के परीक्षार्थी छात्रों का मुद्दा राज्यसभा में उठाया
• ग्रुप डी की 2 के बजाय एक परीक्षा तथा एनटीपीसी का 3.5 लाख और छात्रों का परिणाम घोषित करें

भाजपा सांसद और राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री श्री सुशील कुमार मोदी ने आज राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान रेलवे भर्ती बोर्ड की ग्रुप डी एवं एनटीपीसी की 1 करोड़ 35 लाख से ज्यादा परीक्षार्थियों के हाल में हुए आंदोलन का समर्थन करते हुए सरकार से उनकी मांग को पूरा करने का आग्रह किया।

श्री मोदी ने कहा कि ग्रुप डी कि पहले एक परीक्षा लेने का 2019 में प्रावधान किया गया था परंतु 24 जनवरी को अचानक दो परीक्षा लेने की घोषणा की गई। उसी प्रकार एनटीपीसी का परीक्षा परिणाम 20 गुना के बजाय 11 गुना रिजल्ट ही प्रकाशित किया गया। एक-एक छात्र का नाम तीन-तीन जगह शामिल है।

श्री मोदी ने मांग किया कि ग्रुप डी की दो के बजाय एक परीक्षा ली जाए तथा एनटीपीसी परीक्षा में शामिल और 3.5 लाख छात्रों का रिजल्ट घोषित किया जाए ताकि सरकार की घोषणा के अनुसार 20 गुना परिणाम घोषित किया जा सके ।

हाई कोर्ट ने लैब टेक्नीशियन की नियुक्ति प्रक्रिया को एक सप्ताह में पूरा करने का आदेश

पटना हाई कोर्ट ने लैब टेक्नीशियन की नियुक्ति प्रक्रिया को एक सप्ताह में पूरा करने का आदेश राज्य सरकार को दिया है। चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने इस मामलें पर सुनवाई कर यह आदेश पारित किया।

21 जून, 2015 को प्रकाशित किये गए विज्ञापन के मामले में यह आदेश को कोर्ट ने पारित किया है। विज्ञापन बिहार स्टाफ सेलेक्शन कमीशन द्वारा निकाला गया था।

कुल 1772 रिक्तियां थी, किन्तु अब तक बहाली नहीं की गई थी। कोर्ट ने संबंधित अधिकारियों को एक सप्ताह में रिजल्ट प्रकाशित करने को भी कहा है। साथ ही साथ कोर्ट ने वर्ष 2019 में किये गए संशोधन के अनुसार अर्हता रखने वाले याचिकाकर्ताओं के मामलों पर भी विचार करने को कहा है।

याचिकाकर्ताओं का पक्ष रखते हुए वरीय अधिवक्ता मनन कुमार मिश्रा ने इनके मामलों पर भी विचार करने का आग्रह कोर्ट से किया था। अब इस मामले पर आगे की सुनवाई 2 सप्ताह बाद कि जाएगी।

विश्व कैंसर दिवस पर राज्यभर में आयोजित होंगे निःशुल्क कैंसर रोग परामर्श शिविरः मंगल पांडेय

विश्व कैंसर दिवस पर राज्यभर में आयोजित होंगे
निःशुल्क कैंसर रोग परामर्श शिविरः मंगल पांडेय
चार से 10 फरवरी तक सरकारी अस्पतालों में लगेंगे कैंप

पटना। स्वास्थ्य मंत्री श्री मंगल पांडेय ने कहा कि विश्व कैंसर दिवस के अवसर पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा चार फरवरी से राज्यभर में विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जायेगा। इसका मुख्य उद्देश्य जनमानस के बीच कैंसर के प्रति जागरूकता लाना तथा कैंसर के शुरुआती चरणों में ही इसका पता लगाकर निदान करना है।

चार से 10 फरवरी तक राज्य के जिला एवं अनुमंडलीय स्तरीय अस्पताल, रेफरल अस्पताल, प्राथमिक तथा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों, अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर और शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर निःशुल्क कैंसर रोग परामर्श शिविर आयोजित होगा।

श्री पांडेय ने कहा कि विश्व कैंसर दिवस के अवसर पर राज्य के 14 जिलों औरंगाबाद, बेगूसराय, भागलपुर, भोजपुर, दरभंगा, गया, मधुबनी, मुजफ्फरपुर, नालंदा, पटना, समस्तीपुर, सीवान, सुपौल एवं वैशाली के विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों में कैंसर की स्क्रीनिंग कार्य में होमी भाभा कैंसर हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर, मुजफ्फरपुर से समन्वय स्थापित कर आवश्यक सहयोग ली जाएगी।

इन शिविरों के संबंध में लोगों तक जानकारी पहुंचाने के लिए दो दिन पहले से माइकिंग के द्वारा लोगों के बीच प्रसारित किया जाएगा। साथ ही स्वास्थ्य संस्थानों और शहर के प्रमुख स्थानों पर फ्लैक्स और होर्डिंग्स लगाई जाएगी।

श्री पांडेय ने कहा कि इन शिविरों में आने वाले मरीजों का चिकित्सक द्वारा कैंसर की स्क्रीनिंग के साथ कॉमन कैंसर जैसे- मुंह का कैंसर, स्तन कैंसर आदि के संभावित लक्षणों एवं उससे बचाव के प्रति जागरूक किया जाएगा।

शिविरों में सामान्य कैंसर रोग से संबंधित संदिग्ध व्यक्तियों को आइजीआइएमएस, एम्स, पटना, पीएमसीएच एवं महावीर कैंसर अस्पताल, पटना में उपचार के लिए रेफर किया जाएगा। इसके साथ ही इन अस्पतालो में निःशुल्क कैंसर रोग परामर्श शिविर का आयोजन किया जाएगा।

15 फरवरी तक धान अधिप्राप्ति की बढ़ाई गयी समय सीमा

मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से धान
अधिप्राप्ति की अद्यतन स्थिति की समीक्षा की
मुख्य बिन्दुः-
• इस वर्ष 15 फरवरी तक धान अधिप्राप्ति की समय सीमा
निर्धारित की गई है। इच्छुक किसान समय सीमा में इसका
लाभ उठाएं।
• यह संतोष की बात है कि अब तक 4 लाख 50 हजार
किसानों से 32 लाख 61 हजार मीट्रिक टन की रिकॉर्ड धान
अधिप्राप्ति हो चुकी है।
लक्ष्य के अनुरुप धान अधिप्राप्ति को लेकर तेजी से काम
.
करें।
धान अधिप्राप्ति का भुगतान किसानों को ससमय करते रहें
ताकि उन्हें इसका लाभ मिले।
• उसना चावल मिलों की संख्या और बढायें। अरवा चावल
मिलर्स को उसना चावल मिल में कन्वर्ट करने के लिए प्रेरित
करें।
आज मुख्यमंत्री श्नीतीश कुमार ने 1 अणे मार्ग स्थित संकल्प में
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से धान अधिप्राप्ति की अद्यतन स्थिति की समीक्षा की।
बैठक में खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के सचिव विनय कुमार ने प्रस्तुतीकरण
के माध्यम से धान अधिप्राप्ति के संबंध में विस्तृत जानकारी |

उन्होंने खरीफ विपणन वर्ष
2021-22 के अंतर्गत धान अधिप्राप्ति की अद्यतन स्थिति, लक्ष्य तथा चावल मिलों की अद्यतन
स्थिति की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि चरणबद्ध तरीके से धान अधिप्राप्ति की प्रक्रिया
शुरु की गई है। किसानों को ससमय भुगतान किया जा रहा है, इससे उन्हें काफी फायदा हो
रहा है।

बैठक में सहकारिता विभाग की सचिव बंदना प्रेयसी ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम
से धान अधिप्राप्ति कार्यों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि लक्ष्य के अनुरुप सभी जिलों से
धान का क्रय किया जा रहा है।

अब तक 4 लाख 50 हजार किसानों के माध्यम से 32 लाख
61 हजार मीट्रिक टन की रिकॉर्ड धान अधिप्राप्ति की गई है। प्रोक्योरमेंट पोर्टेबिलिटी सिस्टम
लागू की गई है, इसके माध्यम से 35 हजार किसानों द्वारा अब तक 2 लाख 63 हजार मीट्रिक
टन धान अधिप्राप्ति की गई है। उन्होंने बताया कि धान अधिप्राप्ति के लिए 15 फरवरी 2022
तक की समय सीमा निर्धारित की गई है।

माध्यम
समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोगों ने अपने यहां सबसे पहले पैक्स के
धान अधिप्राप्ति की शुरुआत करायी, इससे किसानों को काफी लाभ हो रहा है। यह
संतोष की बात है कि अब तक 4 लाख 50 हजार किसानों से 32 लाख 61 हजार मीट्रिक टन
की रिकॉर्ड धान अधिप्राप्ति हो चुकी है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष 15 फरवरी तक धान
अधिप्राप्ति की समय सीमा निर्धारित की गई है, इच्छुक किसान समय सीमा में इसका लाभ
उठाएं।

मुख्यमंत्री ने निर्देश देते हुये कहा कि किसानों को धान अधिप्राप्ति में किसी प्रकार की
समस्या न हो इसके लिए निरंतर निगरानी एवं अनुश्रवण करते रहें। लक्ष्य के अनुरुप धान
अधिप्राप्ति को लेकर तेजी से काम करें। धान अधिप्राप्ति का भुगतान किसानों को ससमय
करते रहें ताकि उन्हें इसका लाभ मिले। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों की हरसंभव
सहायता के लिये पूरी तरह तत्पर है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में उसना चावल की खपत अधिक है। इसको लेकर
उसना चावल के मिलों की संख्या और बढायें। अरवा चावल मिलर्स को उसना मिल में कन्वर्ट
करने के लिए प्रेरित करें।

बिहार में वर्षो से लंबित राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण का रास्ता हुआ साफ

बिहार में वर्षो से लंबित राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण का रास्ता साफ होता दिख रहा है हाईकोर्ट पटना के तल्ख टिप्पणी के साथ साथ इस बार के आम बजट में जिस तरीके से सड़क निर्माण के क्षेत्र में राशि का निर्धारण किया गया है। इससे बिहार के पटना बक्सर ,पटना गया ,पटना मुजफ्फरपुर,खगड़िया पूर्णिया जैसे एक दर्जन से अधिक राष्ट्रीय राजमार्ग के अधूरे काम के शीघ्र पूरा होने की उम्मीद जगी है ।

हाईकोर्ट की फटकार के बाद एनएचएआई की अध्यक्ष अलका उपाध्याय पटना पहुंच कर निर्माण कार्य में हो रही देरी को लेकर बैठक की है और हाईकोर्ट में अपनी और से एक हलफनामा भी दायर किया है जिसमें उन्होंने कोर्ट को सूचित किया है कि बक्सर से पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे को जोड़ने पर काम चल रहा है।

पटना-आरा-बक्सर एनएच की दूरी पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे से 18 किलोमीटर हैं, जो गाजीपुर जिले में स्थित हैं। इससे राज्य के लोगों को दिल्ली जाने में सुविधा होगी।

सुनवाई में राज्य सरकार के अपर महाधिवक्ता अंजनी कुमार ने जानकारी दी कि एनएचएआइ की अध्यक्ष अलका उपाध्याय स्वयं राष्ट्रीय राजमार्गों निर्माण कार्य की समीक्षा की है और उन्होंने कहा है कि बिहार के विकास आयुक्त ने राज्य के सभी डीएम, एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर और रीजनल आँफिसर के साथ 31 जनवरी को बैठक कर किसी तरह की समस्या के समाधान के लिए संबंधित डीएम से मिल कर दूरे करेंगे और पूरे प्रगति पर 10 फरवरी को विकास आयुक्त बैठक करेंगे ।

वही आम बजट के बाद मीडिया से बात करते हुए पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन (Road Construction Minister Nitin Navin) ने कहा कि बिहार में भारतमाला फेज-2 के तहत जो सड़कें ली जानी हैं, उनके निर्माण में इस योजना से गति आएगी। बिहार ने आधा दर्जन से अधिक सड़कों के निर्माण का प्रस्ताव भारतमाला फेज-2 के तहत दिया हुआ है। इन सड़कों के निर्माण से बिहार के आधे से अधिक जिलों को सीधा फायदा होगा। एक-दूसरे से जुड़ते नेशनल हाइवे के जरिए पूरे बिहार में इसका असर दिखेगा।

भारतमाला फेज-2 के तहत इन सड़कों के हैं प्रस्तावभारतमाला फेज-2 के तहत पटना-कोलकाता एक्सप्रेस वे, भारत-नेपाल बार्डर सड़क, बक्सर-अरवल-जहानाबाद-बिहारशरीफ फोरलेन, दलसिंहसराय-सिमरी बख्तियारपुर, दिघवारा-मशरख-मोतिहारी-रक्सौल फोरलेन, सुल्तानगंज-देवघर ग्रीन फील्ड, मशरख-मुजफ्फरपुर, बक्सर-भागलपुर एक्सप्रेस वे, नवादा-बरौनी-झंझारपुर-लदनिया, मांझी-बरौली-बेतिया-कुशीनगर तथा कहलगांव-कुरसेला-फारबिसगंज फोरलेन।

गाड़ी के हेड लाइट में परीक्षा देने पर मजबूर हुए इंटरमीडिएट का छात्र

बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की ओर से आयोजित इंटरमीडिएट वार्षिक परीक्षा के पहले ही दिन बड़ी चूक सामने आई है। मोतिहारी के महाराजा हरेंद्र किशोर इंटर कॉलेज में दूसरी पाली में हिंदी की परीक्षा प्रश्नपत्र देरी से बंटने की वजह 1:45 बजे की जगह 4 बजे से शुरू हुई। अंधेरा होने पर स्कूल में लाइट की व्यवस्था की गई, पर कई छात्रों तक रोशनी ना पहुंचने पर वहां मौजूद पुलिस गाड़ी की हेडलाइट जला परीक्षा पूरी करवाई गई।

#Biharintermediateexam

इधर, एग्जाम शुरू होने में देरी पर सेंटर के अंदर छात्रों व बाहर अभिभावकों ने हंगामा किया। अभिभावकों की मानें तो सवाल के इंतजार में परीक्षा शुरू होने में देरी हुई। वहीं, डीईओ संजय कुमार ने बताया कि लड़कियों को अरेंज करने में परेशानी हुई। इसी कारण प्रश्नपत्र समय से नहीं बंट सका। 1:45 से शुरू होने वाली परीक्षा 4 बजे से शुरू हुई।

लापरवाही बरतने वाले अधिकारी व कर्मियों पर होगी कार्रवाई: डीएम
महाराजा हरेंद्र किशोर इंटर कॉलेज में देर से परीक्षा शुरू होने की सूचना मिली है। हंगामे की सूचना पर एसी, सदर एसडीओ व डीईओ को केंद्र पर भेजा गया। लापरवाही बरतने वाले अधिकारी व कर्मियों पर कार्रवाई की जाएगी।

गुगुल में गलती ढूंढने वाले छात्र को गुगल करेंगा सम्मानित

बिहार के बेगूसराय के एक छात्र ने सबसे बड़े सर्च इंजन गूगल में गलती ढूंढ निकाली है। उसने गूगल को इसकी जानकारी भेजी तो गूगल ने भी माना कि उसकी साइट में बड़ी चूक है। इसका फायदा कोई भी ब्लैक हैट हैकर उठा सकता है।
गूगल ने छात्र का नाम अपने रिसर्चर की सूची में डालते हुए उसे गूगल हाल आफ फेम अवार्ड से नवाजा है। यह कारनामा बेगूसराय के रहने वाले आइआइटी मणिपुर में बीटेक द्वितीय वर्ष के छात्र ऋतुराज चौधरी ने किया है।

गुगल में गलती ढूढ़ने वाला छात्र होगा सम्मानित

वे साइबर सिक्योरिटी विषय पर अलग से शोध कर रहे हैं। ऋतुराज शहर के मुंगेरीगज निवासी व्यवसाई राकेश कुमार चौधरी के पुत्र हैं। उसकी बग हंटिंग फिलहाल पी-2 के फेज में है। जैसे ही वह पी-0 पर पहुंचेगा तो उसे गुगल इनाम भी देगी। गूगल की साइट में गलती खोजने वाले छात्र ऋतुराज चौधरी पढ़ाई के अलावा साइबर सिक्योरिटी विषय पर अलग से शोध भी कर रहे हैं।

ऋतुराज ने बताया कि गूगल सबसे बड़ा सर्च इंजन है, परंतु उसके साइट पर ब्लैक हैट हैकर्स एक रास्ते से हमला कर सकते थे. उसे उन्होंने ढ़ूंढ कर गूगल को इसकी रिपोर्ट की थी। इसके बाद कंपनी उसमें सुधार कर रही है। ऋतुराज को बचपन से ही साइबर सिक्योरिटी में खास दिलचस्पी थी। ऋतुराज के इस उपलब्धि से परिजन भी काफी खुश हैं ऋतुराज के पिता ने बताया कि हैकर दो तरह के होते हैं एक ब्लैक और एक वाइट। उनका पुत्र वाइट हैकर है जो गूगल की गलती खोज कर उसको बताया जबकि ब्लैक हैकर हैक कर साइट का गलत इस्तेमाल करते हैं।

क्या बिहार की बालिकागृह वैश्यावृति का अड्डा बन गया है ?

बालिकागृह वैश्यावृति का अड्डा तो नहीं बन गया है ?

नीतीश कुमार के समाज सुधार अभियान के दौरान समस्तीपुर में सभा को संबोधित करते हुए राज्य के DGP एसके सिंघल ने कहा था ‘कई सारी हमारी बेटियां शादी करने के लिए घर से बिना मां-पिता की मर्जी के चली जाती हैं। इसके इतने दुखद परिणाम निकलते हैं कि कइयों की हत्या हो जाती है। कई सारी हमारी बेटियां वेश्यावृति तक में पहुंच जाती हैं। उनका कोई ठिकाना नहीं रहता है, जिंदगी में वो क्या कर पाएंगी, वो कुछ भी सही प्रकार से नहीं रह पाता है। उसका बहुत सारा दुख परिवार के सदस्यों और मां-पिताजी को उठाना होता है।’
डीजीपी के इस बयान के बाद बड़ा बवाल हुआ था और महिला संगठन डीजीपी के विचार को पुरुषवादी मानसिकता और प्यार का दुश्मन करार देते हुए जमकर खरी खोटी सुनायी थी ।

किन आंकड़ों और बिहार के थाने में दर्ज हो रहे मामले पर गौर करेंगे तो बिहार में लड़कियों की ट्रैफिकिंग का एक बड़ जरिया इस तरह का प्रेम विवाह है बच्चे परिवार के मर्जी के खिलाफ घर से तो बाहर निकल जाते हैं लेकिन जब रहने खाने की व्यवस्था का सवाल आता है तो अधिकांश मामले में लड़का कमजोर पड़ जाता है । और ऐसी स्थिति में हो यह रहा है कि लड़के लड़कियां गांव लौटती है वहां परिवार वाले रखने को तैयार नहीं होता है तो कोर्ट उसे बालिका गृह में भेज देती है जहां मानसिक रूप से बीमार और आपराधिक घटनाओं में बंद लड़कियों के साथ उसे रहना पड़ता है, जिस वजह से आये दिन एक अलग तरह की यातनाओं से उन्हें गुजरना पड़ता है कई तो जिंदगी के जद्दोजहद में देह व्यापार में शामिल होने को मजबूर हो जाती है। वही ऐसी खबरें भी आती रहती है कि इस तरह के लड़के लड़कियां जब घर से बाहर निकलती है तो स्टेशन ,बस स्टेंड में देह व्यापार कराने से जुड़े गैंग के सदस्य जो इस तरह के लड़के लड़कियों पर खास नजर रखता है उसका शिकार लड़कियां हो जाती है और वो कोटे पर पहुंच जाती है।

एक घटना आज भी मुझे याद है दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी की बेटी इसी तरह प्रेम के चक्कर में अपने मित्र के साथ घर से निकल गयी और इसी दौरान हरिद्वार में देह व्यपार का धंधा कराने वाले गैग की चक्कर में फस गयी ,उस गैग वाले ने पहले लड़के की हत्या कर दी और बाद में लड़की को बिहार के पूर्णिया के मुजरा पट्टी लाकर बेच दिया। संयोग से उसके पास जो ग्राहक आया उसके फोन से वो अपने घर वाले को फोन कर पूरा लोकेशन बता दी उस समय पूर्णिया की एसपी किम शर्मा थी उसने रातो रात पूरे पूर्णिया जिले के पुलिस बल के साथ मुजरा पट्टी की घेराबंदी कर सर्च अभियान शुरु की और पहले उस लड़की को बाहर निकाला गया और उसके बाद तब तक एक्शन चलता रहा जब तक मंडी पूरी तरह ध्वस्त नहीं हो गया। एसपी किम 80 से ज्यादा लड़की और इस तरह के धंधे में शामिल लड़के को जेल भेज दी इस दौरान जो लड़किया यहां से बरामद हुई थी उसमें कई ऐसी लड़की थी जो इसी तरह प्रेम के जाल में फस कर कोठे पर पहुंच गयी थी ।

सी तरह मुजफ्फरपुर बालिका गृह मामले में भी जिन 45 लड़कियों को रेस्क्यू किया गया था उसमें अधिकांश मानसिक और शारीरिक रूप से कमजोर थी लेकिन चार पांच ऐसी लड़कियां थी जो इसी तरह प्रेम जाल में फस कर रिमांड होम में पहुंची और उसके बाद दिल्ली,यूपी,बंगाल होते हुए मुजफ्फरपुर पहुंची थी। ये दिल्ली .यूपी,बंगाल होते कैसे मुजफ्फरपुर पहुंची इसकी भी बड़ी कहानी है यह सब नेटवर्क के सहारे चलता है जहां जैसा ग्राहक वैसी लड़कियां भेजी जाती है इन्ही लड़कियों की गवाही मुजफ्फरपुर रिमांड होम मामले में ब्रजेश ठाकुर को महंगा पड़ गया था । आज बिहार में जितनी भी बालिका गृह है लड़कियां रह रही है उसमें 70 से 80 प्रतिशत लड़कियाँ इसी तरह भाग कर शादी करने से जुड़ी हुई है जिसका हाल आप कल्पना में भी नहीं सोच सकते हैं गायघाट रिमांड होम मामले में जो लड़की बयान दे रही है वो भी इसी तरह प्रेम जाल में फस कर यहां पहुंची थी ।

आज समाज और पुलिस,कोर्ट और सरकार के सामने ये एक बड़ी समस्या बन कर सामने आ रही है इस पर गंभीरता से सोचने कि जरूरत है क्योंकि व्यवस्था नहीं होने के कारण इस तरह की संस्था वेश्यावृत्ति का संस्थागत रुप धारण करता जा रहा है हालांकि बिहार सरकरा पिछले माह ही इस तरह के लड़कियों के लिए विशेष व्यवस्था करने का निर्णय लिया है जिसके तहत घर से भागी और मानव तस्करी से मुक्त कराई गई लड़कियों के लिए रक्षा गृह खुलेगा। महिला एवं बाल विकास निगम सभी जिलों में रक्षा गृह खोलेगा। इन रक्षा गृह में 50 लड़कियों को रखने की व्यवस्था होगी और इसमें रहने वाली लड़कियों के पढ़ने लिखने की व्यवस्था के साथ साथ लड़कियां आत्मनिर्भर बने इस पर फोकस होगा इस निर्णय के अमल में आने में कितना वक्त लगेगा कहना मुश्किल है लेकिन इस तरह के प्रेम प्रसंग मामले में सामाजिक और प्रशासनिक व्यवस्था को नये सिरे से सोचने कि जरूरत है सिर्फ अधिकार के सहारे इसका समाधान नहीं निकल सकता है।

समावेशी विकास मोदी सरकार की प्राथमिकता . – गृह राज्य मंत्री- नित्यानंद राय

समावेशी विकास मोदी सरकार की प्राथमिकता . – गृह राज्य मंत्री- नित्यानंद राय

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के दूरदर्शी नेतृत्व में माननीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जी द्वारा सर्वस्पर्शी, सर्वसमावेशी बजट प्रस्तुत किया गया है । जो गाँव, गरीब, किसान, युवा ,महिला , वंचित, पिछड़ा और दलितों के आर्थिक उत्थान को सुनिश्चित करने वाला है। आत्मनिर्भर भारत का जो संकल्प प्रधानमंत्री जी ने लिया है, उस संकल्प को सिद्ध करने की दिशा में यह बजट एक महत्वपूर्ण दृष्टिपत्र है। रक्षा क्षेत्र में भी भारत आत्मनिर्भर बनेगा और सैन्य शक्ति सबल होगी .

1 फरवरी 2022 को आम बजट पेश होने के बाद माननीय केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने इसकी जमकर सराहना की। उन्होंने कहा कि ये बजट युवाओं, किसानों और आम जन के हित में है। इससे देश में नई नौकरियों का सृजन होगा साथ ही निवेश के अवसर बढेंगे। कोरोना काल के दौरान हुए नुकसान की भरपाई के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं।

जो आने वाले समय में देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती देने में मील का पत्थर साबित होंगे। उन्होंने इस बजट को आत्मनिर्भर भारत का बजट बताया। जिसके दूरगामी परिणाम देखने को मिलेंगे और अगले दशक में भारत एक वैश्विक महाशक्ति के रूप में उभरेगा।

गरीब लोगों के लिए प्रधानमंत्री गरीब आवास योजना के तहत 80 लाख आवास के निर्माण को एक बड़ा कदम बताया। साथ ही नए रोजगार के अवसर को गरीब लोगों के जीवन में सुधार लाने वाला कदम बताया। उन्होंने उम्मीद जताया कि इससे देश के उन वर्गों को खासा फायदा होगा जो अभी तक गरीबी की मार झेल रहे हैं और उनके पास रहने के लिए अपना घर नहीं है।

इन लोगों को रोजगार उपलब्ध होने के बाद इनके जीवन में नई उर्जा का संचार होगा। उन्होंने बताया किसानों के आमदनी बढ़े तथा उनके जीवन के जरूरतों की पूर्ति हो सके, किसान भी सक्षम हो इसके बजट में कई प्रावधान किये गये हैं . रबी 2021-22 में 163 लाख किसानों से 1208 मीट्रिक टन गेहूं और धान खरीदा जाएगा .

जीरो बजट खेती और प्राकृतिक खेती, आधुनिक कृषि, मूल्य संवर्धन और प्रबंधन पर जोर दिया जाएगा। किसानों के खाते में MSP के जरिए 2.37 करोड़ रुपये सरकार ने भेजे हैं और आर्गेनिक खेती करने वाले किसानों को प्रोत्साहन दिया जाएगा. सरकार की ओर से रसायन और कीटनाशक मुक्त खेती का प्रसार बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है.

गंगा कॉरिडोर के आसपास नेचुरल फॉर्मिंग को बढ़ावा दिया जाएगा. किसानों के लिए प्राकृतिक खेती को अपनाने के लिए, राज्य सरकारों और एमएसएमई की भागीदारी के लिए व्यापक पैकेज पेश किया जाएगा। स्किलिंग प्रोग्राम को नया रूप दिया जाएगा।

युवा शक्ति को स्किल इंडिया मिशन के जरिए और स्किल्ड वर्कर बनाने पर सरकारी योजनाओं के तहत काम किया जाएगा. लोगों के लिए आजीविका के साधन बढ़ाए जा सकें इसके लिए सरकारी प्रोजेक्ट्स की संख्या बढ़ाई जाएगी. जल से नल योजना के लिए 60 हजार करोड़ रुपये के आवंटन से लोगों को शुद्ध पीने को जल मिलेगी.

25 हजार किलोमीटर के नेशनल हाईवे का विकास होगा, 5 बड़ी नदियों को जोड़ा जायेगा. महिलाओं व बच्चों के कल्याण के लिए मिशन शक्ति, मिशन वात्सल्य व सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण 2.0 जैसी योजनाओं शुरू की जायेगी.

प्रधानमंत्री जी के एक श्रेष्ठ भारत के निर्माण के जिस संकल्प को 130 करोड़ देशवासियों का विश्वास हासिल है, भारत उसी दिशा में सफलतापूर्वक आगे बढ़ रहा है। आज का बजट देश के सभी वर्गों, सभी क्षेत्रों व सम्पूर्ण समाज की आकांक्षाओं की पूर्ति करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस ऐतिहासिक बजट के लिए माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी तथा माननीय वित्त मंत्री जी का आभार।

बजट 2022-23 नौजवानों और किसानों के लिए अत्यंत लाभदायकः मंगल पांडेय

बजट 2022-23 नौजवानों और किसानों के लिए अत्यंत लाभदायकः मंगल पांडेय
केंद्र सरकार की दूरदर्शी पहल देश के विकास में मील का पत्थर साबित होगा

पटना। स्वास्थ्य मंत्री श्री मंगल पांडेय ने आम बजट को दूरदर्शी बताते हुए समाज के हर तबके, खासकर नौजवानों और किसानों के लिए अत्यंत लाभदायक बताया है। इसके लिए प्रधानमंत्री आदरणीय नरेन्द्र मोदी, माननीय गृह मंत्री अमित शाह और माननीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को बधाई देते हुए कहा कि एनडीए सरकार ने सभी क्षेत्रों का खयाल रखा है। बजट में कृषि, रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य और इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने की केंद्र सरकार की यह पहल देश के विकास में मील का पत्थर साबित होगा।
श्री पांडेय ने कहा कि ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा मिलेगा और किसानों के खातों में 2.37 लाख करोड़ रुपये की एमएसपी सीधे ट्रांसफर की जाएगी। कृषि विश्वविद्यालय को बढ़ावा दिया जायेगा और ड्रोन के जरिये कृषि क्षेत्र को बढ़ाने पर जोर दिया जायेगा। कृषि से जुड़े उपकरण सस्ते होने पर किसानों को खेती करने के लिए दूसरों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। नाबार्ड के जरिए कृषि से जुड़े स्टार्टअप्स को वित्तीय सुविधा प्रदान करने की योजना किसानों की आर्थिक दशा सुधारेगी।
श्री पांडेय ने कहा कि युवाओं के लिए 60 लाख नौकरी देने का लक्ष्य और 80 लाख बेघरों को पक्का मकान देने की केंद्र सरकार की घोषणा से लोगों में नई उम्मीद जगी है। देश में ई-शिक्षा को बढ़ावा और गुणवत्ता पूर्ण स्वास्थ्य सुविधाओं को जन-जन तक पहुंचाने के साथ-साथ हर घर नल का जल मुहैया कराने की केंद्र सरकार की महात्वाकांक्षी सोच देश और राज्य को आत्मनिर्भर बनाने में मजबूती प्रदान करेगा।

केन्द्रीय बजट है सकारात्मक एवं स्वागत योग्य : मुख्यमंत्री

पटना: 01/02/2022
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केन्द्रीय बजट पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये कहा कि पिछले दो वर्षों से देश का विकास कोरोना के कारण प्रभावित रहा है। इन विषम परिस्थितियों से निकलने के लिये केन्द्र सरकार द्वारा अपने बजट के माध्यम से देश के विकास की गति को बढ़ाने के लिये कई कदम उठाये गये हैं, जो सराहनीय हैं।

संतुलित बजट पेश करने के लिये मैं केन्द्र सरकार को बधाई देता हॅू। केन्द्र सरकार के द्वारा देश में बड़े पैमाने पर आधारभूत संरचना के निर्माण का निर्णय भी स्वागत योग्य है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार के द्वारा अपने संसाधनों से गंगा के दोनों किनारों के 13 जिलों में जैविक कोरिडोर विकसित किया जा रहा है। इस वर्ष केन्द्रीय बजट में गंगा के किनारे 5 किलो मीटर के स्ट्रेच में प्राकृतिक खेती का कोरिडोर विकसित करने का निर्णय लिया गया है। केन्द्र सरकार का यह कदम सराहनीय है।

उन्होंने कहा कि इस बजट में धान एवं गेंहूँ की अधिप्राप्ति को बढ़ाने का निर्णय लिया । इससे किसानों को काफी लाभ मिलेगा।उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के अन्तर्गत 80 लाख नये आवास बनाने की घोषणा हुयी है। यह स्वागत योग्य है ।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकारों को केन्द्रीय करों की हिस्सेदारी के रूप में इस वर्ष एवं अगले वर्ष अधिक राशि प्राप्त होगी। इससे राज्य सरकारों की वित्तीय कठिनाइयां कम होंगी और राज्यों को राहत मिलेगी।

पटना हाई कोर्ट ने नारायणपुर – मनहारी- पूर्णिया हाईवे के निर्माण के दौरान पेड़ों की कटाई पर हुई सुनवाई

पटना हाई कोर्ट ने नारायणपुर – मनहारी- पूर्णिया हाईवे के निर्माण के दौरान पेड़ों की कटाई को रोकने के लिये दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई की।चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने इस मामलें पर सुनवाई करते हुए एन एच ए आई को विस्तृत हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया है।

इसके पूर्व कोर्ट ने याचिकाकर्ता को पूरक हलफनामा दायर करने को कहा था, जिसमें याचिकाकर्ता को बताने को कहा गया है कि कार्बन के उत्सर्जन को कैसे कम किया जा सकता है। कोर्ट ने पेड़ो को ट्रांसलोकेट करने की अनुमति पूर्व में ही दे दी थी।

इस बीच एन एच ए आई द्वारा दायर जवाबी हलफनामा में कहा गया था कि पेडों को ट्रांसलोकेट करने की कार्रवाई की जा रही है। यह भी बताया गया था कि पेड़ों को गिराने व ट्रांसलोकेट करने की कार्रवाई 3 फरवरी, 2021 और 23 फरवरी, 2021 को जिला वन अधिकारी द्वारा दिये गए आदेश के आलोक में किया जा रहा है।

कोर्ट को जानकारी दी गई कि 8340 पेड़ों को गिराया गया था और 2045 पेड़ों को ट्रांसलोकेट किया जा रहा है। यह भी कहा गया है कि 90 सेंटीमीटर से अधिक घेरा वाले पेड़ों को गिराया जा रहा है और इससे नीचे के घेरा वाले पेड़ों को ट्रांसलोकेट किया जा रहा है।

याचिकाकर्ता शाश्वत ने पूर्व में ही कोर्ट को बताया था कि विकास व निर्माण के दौरान पेड़ो की कटाई पर रोक को लेकर 26 जुलाई, 19 को राज्य सरकार के पर्यावरण, वन व मौसम विभाग द्वारा भी कार्यालय आदेश भी जारी किया गया है।

याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका के जरिये संबंधित विभागों से विस्तृत योजना रिपोर्ट , क्लेरेन्स सर्टिफिकेट, योजना पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर रिपोर्ट उपलब्ध करवाने को लेकर भी आग्रह किया है।

साथ ही याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका के जरिये काटे जाने वाले पेड़ों की संख्या, पेड़ों की उम्र, इसका पर्यावरण के लिए महत्व व पेड़ो की कटाई से आसपास के पशु- पक्षियों पर पड़ने वाले प्रभाव के आकलन करने को लेकर विशेषज्ञों की एक कमेटी बनाने हेतु आदेश देने का आग्रह भी किया है। याचिका में इस प्रकार के मामले में सुप्रीम कोर्ट व पटना हाई कोर्ट द्वारा पूर्व में दिये गए आदेशो का भी जिक्र किया गया है।

अब इस माामले पर आगेे की सुनवाई 22 फरवरी,2022 को की जाएगी।

देश में रिमांड होम लड़कियों के व्यापार का संस्थागत रुपरुप धारण कर लिया है

रविवार की शाम जदयू से जुड़ी एक नेत्री का फोन आया संतोष भैया गायघाट रिमांड होम को लेकर एक खबर आ रही है जरा देखिए ना एक लिंक भेजे हैं । कोई तीन चार घंटा पहले ही किसी ने इस खबर के बारे में विस्तृत रुप से मुझसे चर्चा किया था इसी दौरान बहुत सारी बाते समझ में आ गयी थी बातचीत चल ही रही थी तो पता चला महिलाओं का एक संगठन एसएसपी से मिला कर इसकी शिकायत भी कर दी है ,साथ ही समाज कल्याण विभाग के सीनियर अधिकारी तक ये बात पहुंचा दी गयी है।
एसएसपी पीड़िता को महिला थाना भेज दिया है और थाना प्रभारी को जांच कर एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है ।वही कल इस मामले में समाज कल्याण विभाग और पटना जिला प्रशासन द्वारा भी एक जांच टीम गठित कि गयी है वो टीम लड़की के आरोप में कितना दम इसकी जांच करेगी हालांकि वह जांच कमिटी लड़की के आरोप को खारिज कर दिया है ऐसी जानकारी मुझे मिल रही है।
लड़की के पीछे कौन खड़ी है उसका उदेश्य क्या है उस पर जितना सवाल करना है कर सकते हैं लेकिन जहां तक गायघाट रिमांड होम का सवाल है तो लड़की जो बयान दे रही है उसे सिरे से खारिज नहीं किया जा सकता है ।
कोई छह सात वर्ष पहले की बात है मुझे यह जानकारी मिली कि गायघाट रिमांड होम में रात के समय बड़ी बड़ी गाड़ियां आती जाती रहती है एक दिन तय हुआ रात में स्टिंग किया जाये इसी कड़ी में मुझे पता चला है कि महिला रिमांड होम में हो क्या रहा है ।
संयोग से उस समाज कल्याण विभाग में एक बेहद संवेदनशील अधिकारी पोस्टेंड थे उनसे हमारी मुलाकात 26 जनवरी के कार्यक्रम के दौरान राजभवन में हो गयी हालांकि तीन चार रात कोशिश करने के बावजूद मेरी स्टोरी एस्टेब्लिश नहीं हो पा रही थी इसलिए खबर नहीं चला पा रहे थे ।
लेकिन जो थोड़ी सी भी जानकारी मेरे पास थी वो मैं उस अधिकारी को बता दिया उन्होंने एक सप्ताह का समय मुझसे मांगा और उसके एक माह के अंदर उक्त अधिकारी ने गायघाट रिमांड होम में बड़ा ऑपरेशन चलाया गया और वहां पोस्टेंड अधिकांश कर्मियों के हटा दिया गया कई पर एक्शन भी लिया।
हुआ ऐसा कि उक्त अधिकारी ने एक ट्रेनी आईएएस अधिकारी के साथ साथ समाज कल्याण विभाग से जुड़ी यंग महिला पदाधिकारी के नेतृत्व में एक जांच कमिटी गठित कर दिया था दो दिनों तक दिन दिन भर जांच चलती रही लेकिन रिमांड होम के कर्मी और रिमांड होम में ही रहने वाले कुछ लड़कियों ऐसा माहौल बना दी थी कि जांच टीम की कोशिश के बावजूद भी लड़कियां जुबान नहीं खोल रही थी जांच टीम निराश होकर लौट गयी जांच टीम को भी लड़कियों से बातचीत के दौरान कुछ लग रहा था लेकिन कोई साक्ष्य नहीं मिला। शाम को उस आईएएस अधिकारी का फोन आया संतोष जी वहां ऐसा कुछ भी नहीं था सब ठीक ठाक चल रहा है ।
मुझे जो सूचना दे रही थी उसको कांल किये तो वो बोली लड़की वैसे मुंह नहीं खोलेगी जांच टीम को कहिए उसका अलमीरा और बक्सा में रखे कपड़ा को चेक करे सब पता चल जाएगा ।मैंने तुरंत उक्त अधिकारी को फोन करके कहा जानकारी पक्की है लड़की का कपड़ा चेक करवाईए सब पता चल जायेगा तीन चार दिन बाद जांच टीम अचानक रिमांड होम पहुंची और लड़कियों का अलमारी और बक्सा चेक करना शुरू कर दी ।
मुझे जो सूचना दे रही है उसने जो जानकारी दी थी वो सही साबित हुई लड़कियों के पास से बहुत ही मंहगी मंहगी ब्रा,अंडर गारमेंट्स और परफ्यूम मिला और फिर जो तथ्य सामने आया आप कल्पना में भी नहीं सोच सकते हैं । वैसे यही से मुझे बिहार के महिला रिमांड होम में क्या क्या होता है यह जानकारी मिल गयी थी साथ ही इसके पीछे कितना बड़ा Nexus काम कर रहा है इसकी भी जानकारी मिल गयी थी ।
ऐसा नहीं है कि मुजफ्फरपुर रिमांड होम मामले में एक्शन होने के बाद यह खेल बंद हो गया है बल्कि अब तो खेल और भी बड़े स्तर पर चल रहा है पहले रिमांड होम में मानसिक रूप से कमजोर ,परिवार द्वारा तिरस्कृत लड़किया रहा करती थी लेकिन हाल के दिनों में प्रेम विवाह मामले में नाबालिग लड़कियां बहुत ज्यादा रिमांड होम में आने लगी है जिसमें लड़का जेल चला जाता है और लड़की अपने माँ बाप के पास नहीं जाना चाहती है उसको कोर्ट महिला रिमांड होम भेज देती है।
इस तरह की लड़कियां जिस तरह के खेल में शामिल है कह नहीं सकते ये लड़कियां किसी तरह से अपने प्रेमी को जेल से बाहर निकलवाना चाहती है, उसके साथ रहना चाहती है ,इसका लाभ रिमांड होम और उससे जुड़ा सिडिकेंड संस्थागत रुर से उठा रहा है ।रिमांड होम से लेकर कोर्ट परिसर तक इस सिडिकेंड का तार जुड़ा हुआ है जिसके सहारे बड़े स्तर पर यह खेल चल रहा है।
बिहार में एक बड़ा बाजार खड़ा हो गया है और इस खेल में बड़े बड़े लोग शामिल है और इस तरह की लड़कियों की बोली भी अच्छी लगती है गायघाट रिमांड होम में ही इस समय पांच सौ से अधिक लड़कियां हैं जिसमें से तीन सौ से अधिक लड़कियाँ प्रेम विवाह से जुड़े मामले में रिमांड होम में रह रही है।
ऐसे में इस तरह के खेल पर ब्रेक लगाना है तो बड़े स्तर पर काम करने कि जरूरत है जिसमें सरकार के साथ साथ महिला और लड़कियों पर काम करने वाली संस्था को जोड़ा जाना चाहिए क्यों कि सरकार और न्यायालय स्तर पर जो हो सकता है उसका प्रावधान जरुर है जैसे इस तरह के होम का अभिभावक कोर्ट है और इसी जिम्मेवारी के तहत जज इस तरह के रिमांड होम का भिजिट भी करते हैं लेकिन यह सब बस एक प्रक्रिया के तहत होता है जिसके सहारे इस तरह के खेल को रोका नहीं जा सकता है ।आप जानकर हैरान रह जायेंगे कि देश में इस तरह की जितनी भी महिला रिमांड होम है उसका आपस में तार जुड़ा हुआ है और अब लड़कियों का भी आदान प्रदान होता है ये तो एक अलग तरह का खेल है ठीक से जांच हो जाये तो पूरी व्यवस्था हिल जायेंगी
वैसे गायघाट रिमांड होम में जिस स्तर पर खेल चल रहा है ऐसे में उक्त लड़की के बयान को खारिज कर देना किसी बड़े सच को छुपाने जैसा ही है इसलिए इसकी समग्रता में जांच होना चाहिए ।

सड़क निर्माण के दौरान पेड़ कटाई पर रोक को लेकर याचिका दायर

पटना हाईकोर्ट में नारायणपुर – मनहारी- पूर्णिया हाईवे के निर्माण के दौरान पेड़ों की कटाई को रोकने के लिये दायर जनहित याचिका पर सुनवाई कल तक के लिए टल गई है। चीफ जस्टिस संजय करोल की डिवीजन बेंच इस मामले पर सुनवाई कर रही है।

पिछली सुनवाई में कोर्ट ने सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ता को रिजॉइंडर दायर करने का निर्देश दिया है।इसमें कोर्ट ने याचिकाकर्ता को यह बताने को कहा था कि कार्बन के उत्सर्जन को कैसे कम किया जा सकता है।
साथ ही कोर्ट ने पेडों को एक स्थान से हटा कर दूसरे स्थान पर लगाने की अनुमति दे दी थी।इससे पहले की सुनवाई में कोर्ट में एन एच ए आई (नेशनल हाईवे ऑथोरिटी ऑफ इंडिया) ने हलफनामा दायर कर बताया था कि पेडों को ट्रांसलोकेट करने की कार्रवाई की जा रही है।

कोर्ट को बताया गया कि पेड़ों को गिराने व ट्रांसलोकेट करने की कार्रवाई 3 फरवरी, 2021 और 23 फरवरी, 2021 को जिला वन अधिकारी द्वारा दिये गए आदेश के आलोक में किया जा रहा है।

उन्होंने यह भी जानकारी दी थी कि अब तक 8340 पेड़ों को गिराया गया था और 2045 पेड़ों को ट्रांसलोकेट किया जा रहा है।याचिकाकर्ता शाश्वत ने पूर्व में कोर्ट को जानकारी दी थी कि विकास व निर्माण के दौरान पेड़ो की कटाई पर रोक को लेकर 26 जुलाई, 19 को राज्य सरकार के पर्यावरण, वन व मौसम विभाग द्वारा भी कार्यालय आदेश भी जारी किया गया था।

याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में यह भी माँग की थी कि काटे जाने वाले पेड़ों की संख्या, पेड़ों की उम्र, इसका पर्यावरण के लिए महत्व व पेड़ो की कटाई से आसपास के पशु- पक्षियों पर पड़ने वाले प्रभाव के आकलन करने को लेकर विशेषज्ञों की एक कमेटी बनायीं जाए।

इस मामले अगली सुनवाई 1फरवरी,2022 को की जाएगी

सवाल नहीं सलाम कीजिए 21 सदी का भारत

मेरी एक बहुत ही खूबसूरत महिला मित्र है जो गुजरात रहती है खूबसूरत का मतलब चेहरे से नहीं है विचार ,सोच और समझदारी से है ।वो यही कोई 9 वर्ष पूरानी मेरी दोस्ती है ,पहले घंटो बात होती थी लेकिन जब से उसके ऊपर राजनीति का भूत सवार हुआ है उसके अंदर की वो सारी खूबसूरती जिसका मैं कायल रहता था वो अब दिखाई नहीं देती है फिर भी हमेशा उस पर नजर बनी रहती है लेकिन पहले जैसे घंटो बात नहीं होती है।
कल उसका एक पोस्ट आया जिसमें वो लिखी थी—मैं लिखने के लिए राजनीति पर पूरा ग्रंथ लिख दूँ क्योंकि पिछले बीस साल की राजनीति की पंक्ति – पंक्ति मुझे समझ है । मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री नहीं वर्ल्ड बैंक का स्टाफ थें। उनको मैं नेता ही नहीं मानती। देश का सारा महत्वपूर्ण सम्पत्ति बेचकर मैडम की झोली भर दी।लेकिन मुझे बहस नहीं करना क्योंकि जमीन पर कुछ सकारात्मक करने का सपना अभी भी मुझमें मरा नहीं है । सोशल मीडिया पर दिन भर दरी बिछाकर लेट नहीं सकती कि सबको जवाब दे सकूं।
मेरा मानना है कि राजनीति की समझ आज भी सबसे कठिन विषय है इसी संदर्भ को ध्यान में रखते हुए उसके राजनीति से जुड़े इस पोस्ट पर लंबे अंतराल के बाद एक छोटी सी प्रतिक्रिया लिख डाली, मोदी को भी यही भ्रम है ,इस छोटी सी प्रतिक्रिया पर उसकी प्रतिक्रिया आयी ,आप लोग लगे रहिए । जब तक आप लोग लगे रहेंगे मोदी को वोट की कमी नहीं होगी। जिस दिन सज्जन पत्रकार लोग मोदी के लिए नफ़रत फैलाना छोड़कर , लोग तक सही सूचना पहुँचाना शुरू कर देगे तभी बदलाव हो सकेगा।
जहां तक मैं इसे समझता हूं इसके अंदर साहित्य ,संगीत और स्त्री पुरुष के बीच के रिश्ते को लेकर जो समझ है वह विरले मिलता है इस तरह की समझ रखने वाली महिलाएं हिन्दू मुसलमान और भारत पाकिस्तान को लेकर इस तरह जुनूनी हो गयी है कि इसके अंदर का इंसान मर गया है जो इसकी पहचान थी।
खैर अब संदर्भ पर आते हैं ये वही देश है जहां किसी भी राजनीतिक दल या राजनीतिज्ञों की आलोचनाओं को इस तरह से दिल पर नहीं लेते थे । एक दिन की बात है लाल किला पर कवि सम्मेलन आयोजित था उस वक्त नेहरू देश के प्रधानमंत्री थे और उस कवि सम्मेलन के मुख्य अतिथि नेहरु थे ,नेहरू आये और मंच पर चढ़ने लगे पीछे रामधारी सिंह दिनकर चल रहे थे तभी नेहरू सीढ़ियां चढ़ते हुए उनके पैर लड़खड़ा गए तो दिनकर ने उन्हें संभाला. नेहरू ने उन्हें धन्यवाद कहा तो इस पर दिनकर ने कहा – ‘जब जब सत्ता लड़खड़ाती है तो सदैव साहित्य ही उसे संभालती है।
इतनी बड़ी बात वो कह गये लेकिन नेहरु उनके बात को दिल पर नहीं लिए और उन्हें फिर से राज्यसभा भेज दिया। आज कोई ऐसा सोच भी सकता है नेहा सिंह राठौर हाल ही में यूपी में क्या बा एक गीत गायी बवाल मच गया और लोग उसके चरित्र तक पर सवाल खड़े कर दिये इतनी असहिष्णु हो गये हैं हमलोग आलोचना बर्दाश्त नहीं है ।
मतलब सवाल नहीं करना है सवाल किये तो फिर आपकी खैर नहीं है हमारी महिला मित्र सज्जन पत्रकार कह कर जिन पत्रकारों पर कटाक्ष की है वो कौन है रवीश कुमार. पुण्य प्रसून बाजपेयी ,अजीत अंजुम ,अभिसार शर्मा जैसे दर्जनों पत्रकार जो सरकार से सवाल कर रहे थे इस वजह से उन्हें नौकरी से निकलवा दिया गया।जबकि इस तरह के सवाल सरकार से पहले भी ये पत्रकार करते थे।
लेकिन अब देश बदल गया है ,देश की सोच बदल गयी है,समझदारी बदल गयी है सवाल नहीं सलाम कीजिए ,21 सदी के भारत को इसी दिशा में ले जाने कि कोशिश चल रही है लेकिन बड़ा सवाल यह है कि देश सवाल करने वालो से ही बनता है और बढ़ता भी है। इसलिए सवाल करना मत छोड़िए।भले ही आज के इस पोस्ट से गुजरात वाली महिला मित्र नराज ही क्यों ना हो जाये जोखिम उठाते रहना हां इतिहास सवाल करने वालों को ही याद रखता है।

बिहार में नहीं थम रहा है सोना लूट

बिहार में नहीं थम रहा है सोना लूट, आज इस बार सीवान और छपरा की बॉर्डर पर बदमाशों ने एक ज्वेलरी शॉप को निशाना बनाया है। बदमाशों ने शनिवार को सोनी ज्वेलर्स पर 5 लाख रुपए से ज्यादा की लूट की वारदात की है। मामला रसूलपुर थाने के चनचौरा डिब्बी बाजार का है। तीन बाइक पर आए 6 बदमाशों ने वारदात को अंजाम दिया। इसके बाद फायरिंग करते हुए भाग निकले।

लक्ष्मी ज्वेलर्स दुकान में लूट रहे और .फायरिंग का LIVE शॉट है..

बदमाश अचानक चनचौरा गांव निवासी शिवकुमार साह उर्फ मिठु सोनी की डिब्बी बाजार स्थित सोनी ज्वेलर्स पर पहुंचे। इसके बाद बम ब्लास्ट करने लगे और फायरिंग कर स्थानीय लोगों को दहशत में डाल दिया। स्थानीय लोग जब तक मामले को समझ पाते, बदमाशों ने गोलियों की तड़तड़ाहट और देशी बम के धमाकों के बीच 5 लाख से भी अधिक कीमत की ज्वेलरी लूट ली। पुलिस ने घटनास्थल से बम भी बरामद किया है।