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पीएम के काफिला रूकने को लेकर सियासत जारी सुशील मोदी ने कांग्रेस पर लगाया गंभीर आरोप

राजनीतिक द्वेष में प्रधानमंत्री की जान लेना चाहती है कांग्रेस, सुरक्षा में सेंधमारी संयोग नहीं – सुशील कुमार मोदी

  1. जो लोग राजनीतिक रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को परास्त नहीं कर पाए, वे देश के दुश्मनों के साथ सांठगांठ कर उनकी हत्या की साजिश करने पर उतर आए हैं।
    प्रधानमंत्री की सुरक्षा में इरादतन की गई सेंधमारी पर पूर्व प्रधानमंत्री देवगौड़ा ने चिंता व्यक्त की, लेकिन सोनिया गाँधी ने एक शब्द नहीं कहा।
    कांग्रेस नेतृत्व की चुप्पी खुद उस दल की मंशा बता रही है, जिसके नेता पाकिस्तान जाकर मोदी को हटाने की मदद मांग चुके हैं।
  2. पंजाब के एडीजीपी ( कानून-व्यवस्था) ने कुछ संगठनों के रोड ब्लॉक करने के बारे में तीन बार राज्य की चन्नी सरकार को आगाह किया था।
    क्या यह संयोग था कि 1,3,4 जनवरी को भेजे गए एहतियाती प्रशासनिक निर्देशों को किसी ने गंभीरता से नहीं लिया? भिंडरावाला पैदा करने वाली कांग्रेस पंजाब को फिर से उग्रवाद में झोंकने की कोशिश कर रही है।

बिहार में हुआ कोरोना विस्फोट पटना बना हांट स्पांट।

बिहार में कोरोना का हाल लगातार बिगड़ता जा रहा है पटना सबसे बड़ा हॉट स्पॉट बन गया है। आज दोपहर 12 बजे तक 1599 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इसमें से 1203 मरीज पटना का है और 396 लोग पटना से बाहर के हैं।जांच रिपोर्ट में जो तथ्य सामने आया है उसमें 17 साल से कम उम्र के 18 बच्चे भी शामिल हैं।वही दूसरी और कोरोना को लेकर आ रही खबर को देखते हुए मुख्य सचिव अमीर सुबहानी बिहार के सभी जिले के डीएम से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हलात का जायजा ले रहे हैं ।

इस बीच स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने मीडिया को बताया है कि ‘बिहार में कोरोना मरीज 3 से 5 दिन में ठीक हो रहे हैं। घबराने की जरूरत नहीं है। सिर्फ 63 लोग अस्पताल में भर्ती हैं।

98% होम आइसोलेशन में ही ठीक हो रहे हैं। कोरोना का बढ़ता ट्रेंड इंडीकेट करता है कि यह कोरोना का नया वैरिएंट ओमिक्रॉन है। बिहार में डेल्टा व डेल्टा प्लस वैरिएंट के केस भी हैं। नए वैरिएंट की पहचान के लिए IGIMS में एक और मशीन लगेगी।

‘वहीं, BJP के राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा ने संक्रमित हो गए हैं। उन्होंने ट्वीट कर लिखा है, ‘कल जांच में कोरोना पॉजिटिव आया है। सम्पर्क में आए लोग जांच करा लें।’

देश की सुरक्षा से खिलवाड़ करने वाले अधिकारियों पर काईवाही होनी चाहिए

एसपीजी चीफ को पद छोड़ देना चाहिए सवाल देश की सुरक्षा से जुड़ा है ।

ये बात वर्ष 2003 की है जब पहली बार एसपीजी सुरक्षा वाले प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यक्रम को कवर करने का मौका मिला था । जहां तक मुझे याद है 6 जून को प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी कोसी नदी पर महासेतू के निर्माण की नींव रखने के लिए निर्मली आने वाले थे उनके आने को लेकर क्या क्या तैयारी चल रही है इसकी रिपोर्टिंग के लिए तीन बार दरभंगा से निर्मली जाना पड़ा था।

इसके लिए ट्रेन से सुबह निकलना पड़ता था और देर रात तक लौटना होता था ।इस दौरान कार्यक्रम स्थल की सुरक्षा को लेकर एसपीजी कितना सजग था ये मैं देख चुका हूं । निर्मली नेपाल के सीमा के काफी करीब था और उस समय नेपाल में माओवादी हिंसा चरम पर था जैसे ही निर्मली पहुंचे कार्यक्रम स्थल के आसपास मौजूद पुलिसकर्मी कवर करने से रोक दिया बहुत वाद विवाद हुआ तो वो मुझे एसपीजी के अधिकारी के पास ले गये एसपीजी के अधिकारी बहुत ही कड़े लहजे में कहां अभी तुरंत आप निकल जाइए कार्यक्रम को लेकर कवर नहीं कर सकते बेहद संवेदनशील इलाका है।

मैं अड़ा हुआ था कवर ता करेंगे ही करेंगे इतनी दूर से आये हैं तैयारी को लेकर खबर करनी ही पड़ेगी क्यों कि चैनल हेड का आदेश है । बातचीत चल ही रही थी उसी दौरान एक अधिकारी मेरा पूरा पता पुछ लिया और चंद मिनटों में ही दरभंगा और समस्तीपुर एसपी से मेरे बारे में उस समय सेटेलाइट फोन से पूरी जानकारी ले लिया, जानकारी मिलने के बाद दोनों अधिकारियों के बीच आंखों आंखों में ही संवाद हुआ और फिर उन्होंने बैठने के लिए कुर्सी मंगवाया और फिर साथ भोजन नाश्ता और कार्यक्रम को कवर करने में पूरा सहयोग भी किया और इस दौरान एसपीजी के गठन से लेकर नेपाल के माओवादी आन्दोलन को लेकर लम्बी बातचीत हुई ।

दो दिन बाद फिर जाने का आदेश हुआ वही सुबह सुबह छुक छुक करती रेल की सवारी करके पहुंचे तो देखते हैं एनएसजी की पूरी नई टीम है फिर उसी प्रोसेस से गुजरना पड़ा मुश्किल हुआ कवर करने में और जब कार्यक्रम के दिन पहुंचे तो उस दिन एसपीजी का कोई तीसरी टीम पहुंच हुई थी ।

मतलब इस स्तर पर पीएम के कार्यक्रम की तैयारी एसपीजी करती है ।हालांकि बाद के दिनों में एसपीजी सुरक्षा मानक वाले राहुल गांधी और सोनिया गांधी के कार्यक्रम को भी कवर करने का चार बार मौका मिला लेकिन मोदी के कार्यक्रम की बात करे तो एक दर्जन से अधिक कार्यक्रम को कवर कर चुके हैं इसलिए पीएम की सभा को कवर करने में किस तरह के सुरक्षा मानको से गुजरना पड़ता है मुझे भी पता है। पीएम के कार्यक्रम की बात करे तो पटना में अगर पीएम का कार्यक्रम रहता है तो पटना जिले में पहले पोस्टेड रहे ऐसे अधिकारी और पुलिसकर्मियों की पटना में कार्यक्रम से चार दिन पहले प्रतिनियुक्ति हो जाती है जिनकी जनता में छवि बेहतर रही है ,वही आठ से दस जिलों से पुलिस फोर्स बुलाया जाता है कार्यक्रम स्थल से लेकर जिस रास्ते से पीएम को गुजरना है उस रास्ते के सारे मकान के ऊपर पुलिस तैनात रहता है।

ऐसे में पीएम का हेलीकॉप्टर मौसम की खराबी के कारण नहीं उड़ पाया और पीएम 90 किलोमीटर सड़क मार्ग से चल दिये और एसपीजी जाने की अनुमति दे दिया यह पीएम के सुरक्षा प्रोटोकॉल का पूरी तौर पर उल्लंघन है । और ऐसे में पीएम को सड़क मार्ग से जाने कि अनुमति देने वाले अधिकारियों पर जरूर कार्यवाही होनी चाहिए क्यों कि पीएम अपनी सुरक्षा मानकों को लेकर अगर राजनीति करते हैं , पीएम सस्ती लोकप्रियता के लिए सुरक्षा मानकों से खिलवाड़ करते हैं और एसपीजी चुप रह जाता हैं तो यह देश की सुरक्षा के लिए बेहद खतरनाक है। रही बात रुट के लीक होने कि तो वही एएनआई जिसके हवाले से सारी मीडिया खबर चला रही है कि पीएम ने चलते चलते कहा कि मुख्यमंत्री को मेरा शुक्रिया कहना कि मैं बठिंडा एयरपोर्ट तक जिंदा पहुंच सका।

उस मीडिया हाउस का ट्विटर हैडल देखिए पीएम की पंजाब यात्री से जुड़ी वो तमाम खबरे ट्वीट है पीएम सड़क मार्ग से जा रहे हैं इनका काफिला यहां से निकला और उसी के आधार पर सारे चैनल में खबर चल रही थी।ऐसे में पीएम के सड़क मार्ग से जाने को लेकर गोपनीय क्या रहा ।

आज तक किसी पीएम को इतनी लम्बी दूरी तक सड़क मार्ग से जाने कि अनुमति कहीं नहीं मिली है एसपीजी तैयार ही नहीं हो सकता है क्यों कि पीएम का जो सुरक्षा मानक है उसके अनुसार 90 किलोमीटर को कवर करने के लिए केंद्रीय फोर्स के साथ साथ कई राज्यों के पुलिस को तैनात करना पड़ेगा ।तब कही पीएम के सुरक्षा मानक का पालन हो सकता है ।

पंजाब में भी जिला को कितना फोर्स होगा बिहार में पांच सौ के करीब है तो वहां हजार होगा और ऐसे में अचानक फोर्स को कहा जाये कि आप एनएच पर पीएम के काफिले को सुरक्षित पास कराने के लिए थाने से निकले किसी भी स्थिति में संभव है क्या ।

राजनीति चलती रहे आरोप प्रत्यारोप का दौर चलता रहे लेकिन पीएम की सुरक्षा को लेकर यह बहुत बड़ी चूक हुई है और इसके लिए जो भी अधिकारी पीएम के आदेश का अमल किया है उसको सेवा में बने रहने का अधिकार नहीं है। क्योंकि कि सबको पता है पंजाब में किसान पीएम से नराज है पीएम जिस रास्ते से जा रहे हैं वह रास्ता सामरिक रूप से संवेदनशील है फिर एसपीजी ने अनुमति कैसे दे दिया।

कोई भी स्टेट पुलिस ये रिस्क नहीं ले सकता है सवाल ही नहीं पैदा लेता है कि कोई डीजीपी अनुमति दे दे अगर डीजीपी ने अनुमति दिया है उस पर कार्यवाही होनी चाहिए ।

राजनीति सही है होती रहनी चाहिए लेकिन पीएम की सुरक्षा और देश की रक्षा को लेकर राजनीति हो ये सही नहीं है इससे देश कमजोर होगा संस्थान कमजोर होगी और उसका असर देश की अखंडता पर सकता है ।

बिहार के लोगों को फिलहाल ठंड से राहत नहीं 10 जनवरी तक स्थिति में सुधार की सम्भावना नहीं

बिहारवासियों को फिलहाल ठंड से राहत की उम्मीद नहीं है आठ जनवरी के बाद बिहार में छह जिलों विशेषकर वैशाली, सारण,सीवान, मुजफ्फरपुर , मधुबनी, सीतामढ़ी ओर शिवहर में पुरवैया बहने से बारिश होने का अनुमान है।

वही इस दौरान पश्चिमी विक्षोभ भी सक्रिय है जिस वजह से नौ से 10 जनवरी के बीच थोड़ी राहत रहेगा . उसके बाद फिर पूरे बिहार में शीतलहर चलनी शुरू हो जायेगी. मौसम विज्ञानियों का मत है कि पूरे जनवरी में इस बार रिकाॅर्ड तोड़ सर्दी पड़ने के आसार बन रहे हैं।

गया में कंपकंपाने वाली सर्दी से पूरा जन-जीवन अस्त-व्यस्त है. न केवल लोग बल्कि पशु-पक्षी भी परेशान हैं. पिछले दो दिनों में गया का न्यूनतम तापमान छह डिग्री लुढ़क कर मंगलवार को 6.2 डिग्री सेल्सियस पर आ गया है. अधिकतम तापमान 21.1 डिग्री सेल्सियस रहा ।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना को लेकर जारी किया गाइडलाइन

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने ओमिक्रोन मरीजों के लिए होम आइसोलेशन में रहने की नई गाइडलाइन जारी की है।

आज बुधवार को होम आइसोलेशन के हल्के और बिना लक्षण वाले कोरोना मरीजों के लिए रिवाइज्ड गाइडलाइंस जारी की हैं।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि पिछले दो वर्षों में दुनिया के अलावा यह भारत में भी देखा गया है कि कोविड-19 के अधिकतर मामले बिना लक्षण और हल्के होते हैं। ऐसे मामले आमतौर पर न्यूनतम दखलअंदाजी, सही मेडिकल गाइडेंस और मॉनिटरिंग के तहत मरीज घर पर ठीक हो जाते हैं।

इसलिए केंद्र सरकार ने अपनी गाइडलाइंस बदलाव की है।

कोरोना टेस्ट में पॉजिटिव आने के 7 दिन बाद और लगातार 3 दिन तक बुखार नहीं आने के बाद होम आइसोलेशन खत्म हो जाएगा और मरीज को डिस्चार्ज कर दिया जाएगा।

होम आइसोलेशन पीरियड खत्म होने के बाद मरीज को दोबारा टेस्ट कराने की जरूरत नहीं है।

कोरोना की तैयारी को लेकर आज फिर हाईकोर्ट में हुई सुनवाई

पिछली सुनवाई में कोर्ट ने राज्य सरकार को बताने को कहा था कि करोना महामारी के तीसरे लहर के रोकथाम और स्वास्थ्य सेवा की क्या कदम उठाए जा रहे है।एडवोकेट जेनरल ने कोर्ट को बताया कि इस महामारी पर नियंत्रण के कई तरह के राज्य सरकार ने कदम उठाए हैं।करोना महामारी के रोक थाम के दिए गए दिशानिर्देशों का पालन सख्त तरीके किया जा रहा है।
सार्वजानिक स्थलों,सिनेमा,मॉल,पार्क आदि को फिलहाल बंद कर दिया गया।साथ ही 10 रात्रि से सुबह पाँच बजे तक curfew भी प्रशासन ने लागू कर दिया है।
सरकारी,निजी दफ्तरों में कर्मचारियों के पचास फी सदी उपस्थिति के साथ ही कार्य होगा।स्कूलों कॉलेजों में भी इसी तरह की व्यवस्था की गई हैं।
उन्होंने बताया कि राज्य में स्वास्थ्य सेवा को इसके महामारी से निबटने कार्रवाई करने को तैयार किया जा रहा।सभी सरकारी और निजी अस्पतालों में करोना मरीज के ईलाज के पूरी व्यवस्था सुनिश्चित की गई है।
कोर्ट को यह भी बताया गया कि अभी दो लाख व्यक्तियों का प्रति दिन टेस्ट किया जा रहा है।ऑक्सीजन की आपूर्ति व्यवस्था दुरुस्त है और अस्पतालों में ऑक्सीजन आपूर्ति के पूरी कार्रवाई हो रही है।
जो व्यक्ति करोना से पीड़ित हैं,उनके लिए ईलाज की व्यवस्था की गई है।उन्हें आवश्यक दवाएं उपलब्ध कराई जा रही है।

अभी जो ओम्रिकोन नामक नए वेरिएंट के तेजी से बढ़ने के कारण स्थिति में परिवर्तन हो रहा है।दिल्ली,मुंबई जैसे शहरों से ले कर देश के अन्य भागों में ओम्रिकोन बहुत तेजी से फैल रहा है।
सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली हाईकोर्ट व अन्य कई हाई कोर्ट में ऑनलाइन सुनवाई शुरू कर दी गई है।इस स्थिति को देखते हुए कल से ही पटना हाईकोर्ट में ऑनलाइन सुनवाई प्रारम्भ हो चुका है।

इस मामले पर 12 जनवरी, 2022को सुनवाई होगी।

हाईकोर्ट में आज प्राइमरी स्कूल हेडमास्टर भर्ती नियमावली मामले में हुई सुनवाई

पटना हाई कोर्ट ने राज्य के राष्ट्रीयकृत प्राथमिक विद्यालयों में प्राइमरी स्कूल हेडमास्टर के पद पर भर्ती हेतु नियम के तहत निर्धारित शर्तो के मामले पर सुनवाई की। चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को चार सप्ताह में विस्तृत हलफनामा दायर करने को कहा है।
पूर्व में कोर्ट ने याचिकाकर्ता एसोसिएशन के सदस्यों को शर्तों के साथ चयन, नियुक्ति व भर्ती में भाग लेने की अनुमति दी थी।
लेकिन कोर्ट ने इस मामले में कुछ शर्तों को भी रखा है था। इनके रिजल्ट की घोषणा की जाएगी ,लेकिन इस पर कार्रवाई नहीं होगी। ये कोई राइट या इक्विटी का दावा नहीं करेंगे। इनकी बहाली के लिए परीक्षा में भाग लेना इस याचिका के फलाफल पर निर्भर करेगा।
कोर्ट ने इन दी मैटर ऑफ टीईटी – एस टी ई टी उत्तीर्ण नियोजित शिक्षक संघ (टी एस यू एन एस एस) गोप गुट की याचिका पर सुनवाई की।
कोर्ट के समक्ष बिहार नेशनलाइज़ेड प्राइमरी स्कूल हेडमास्टर (अपॉइंटमेंट, ट्रांसफर, डिसिप्लिनरी एक्शन् एंड सर्विस कंडीशन)रूल्स, 2021 के संबंध में प्रकाशित किये गए अधिसूचना को रखा गया था। इसमें हेडमास्टर के पद हेतु योग्यता की शर्तों को निर्धारित किया गया था।

अधिवक्ता कुमार शानू ने बताया कि इस मामले पर अगली सुनवाई 10 फरवरी,2022 को होगी।

बिहार में हुआ कोरोना विस्फोट, सात माह पहले वाली स्थिति की और बढ़ा बिहार।

कोरोना प्रोटोकाँल में लापरवाही अब भारी पड़ने लगा है हलात सात माह पहले जैसे होती जा रही है इस बीच खबर आ रही है कि बिहार के दोनों डिप्टी CM समेत 4 मंत्री कोरोना पॉजिटिव पाये गये हैं सभी मंत्री होम आइसोलेशन में हैं वही कल जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह भी कोरोना पाँजिटिव पाये गये थे।

कोरोना संक्रमित मंत्रियों में डिप्टी CM रेणु देवी, डिप्टी CM तारिकशोर प्रसाद, मद्य निषेध मंत्री सुनील कुमार और भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी शामिल हैं।

एक्टिव मरीजों की संख्या 2222 पहुंची वहीं । आरा के नवोदय विद्यालय में 17 छात्र कोरोना पॉजिटिव मिले हैं।

अलग पहचान रखने वाला कौम आखिरकार इतना बदमिजाज , बदतमीज और उदंड कैसे हो गया ।

दुनिया का सबसे मेहनतकश क़ौम में एक ,दुनिया को गणित और साइंस के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देने वाला कौम ,दुनिया को शांति का संदेश देने वाला कौम,साहित्य, अर्थतंत्र और पढ़ाई के क्षेत्र में अपनी एक अलग पहचान रखने वाला कौम आखिरकार इतना बदमिजाज , बदतमीज और उदंड कैसे हो गया । जी हैं हम बात कर रहे हैं बिहारी कौम की पिछले बीस वर्षो का मेरा अनुभव तो यही कह रहा है कि देश पर आतंकी हमले में मारे जाने का मामला हो या फिर गैर कानूनी काम करने की बात हो या फिर प्रतियोगी परीक्षा में सेटिंग करने का मामला हो, निर्भाया जैसी घटना हो,ट्रेन में विवाद हो, बस में विवाद हो, मकान मालिक से विवाद हो ,कॉलेज में विवाद हो या फिर लड़कियों और महिलाओं को परेशान करने का मामला हो इस तरह के विवादों में बिहारी कौम मिल ही जायेगा ।
कल से बुली बाई एप बनाने वालों में को लेकर सोशल मीडिया में हंगामा खड़ा है विशाल झा और उसके परिवार की तलाश जारी है दरभंगा में वो कहां का रहने वाला है उसका परिवार मुंबई में क्या करता है सारा तंत्र उसके ओरिजन को ढूढने में लगा है कई उत्साहित मित्र विशाल झा को समाज से बदर करने तक की मांग कर दी है।वही एक तबका विशाल झा के काम से खुश भी है । हलांकि मुझे तो ऐसा कुछ भी अलग नहीं दिख रहा है जो विशाल झा ने किया है वो हम बिहारियों का चरित्र है लड़कियों और महिलाओं को लेकर यही हमारी सोच है बिहार के घर हो लड़कियां और महिलाएं रोजाना इस तरह की समस्या फेस करती रहती । विशाल झा के बहाने ही सही एक मौका है हम बिहारी लड़कियों और महिलाओं को लेकर जिस तरीके से सोचते हैं उसमें बदलाव कैसे आये क्यों कि ये बड़ी समस्या है और आने वाले दिनों में यह समस्या और गंभीर रूप ले सकती है क्यों कि बिहार में भी लड़कियों की मानसिकता अब बदलने लगी है ऐसे में उसे उस बदलाव पर ग्रहण का लगे इसके लिए पूरे बिहारी समाज को नये तरीके से सोचने कि जरूरत है ।
स्कूल जाने के दौरान, कोचिंग पढ़ने के दौरान ,कॉलेज जाने के दौरान रात में घर लौटने के दौरान लड़कियां अपने आपको असुरक्षित महसूस ना करे ये कैसे सम्भव है इस पर सोचने कि जरूरत हम बिहारी कौम के निर्माण में वो कौन सी त्रुटि रह गयी है जिस वजह से विशाल झा जैसी सोच वाला बच्चा पैदा ले रहा है इस सोच पर हमला करने कि जरूरत है।
यही सोच हम बिहारी को हिंसक बना रहा है बदमिजाज , बदतमीज और उदंड बना रहा है पढ़ाई से दूर कर रहा है ,लड़कियों और महिलाओं को लेकर एक अलग तरह की विकृत सोच पैदा कर रहा है ठंडे दिमाग से सोचिए क्या खोया है आपने ।
ये जो नफरत की राजनीति है ना इसका शिकार एक तरफा नहीं होता है उस नफरत की राजनीति का असर कुछ समय बाद आपके परिवार और समाज पर भी पड़ता है और अब हम लोग उस दौर में प्रवेश कर रहे हैं हो गया लव जिहाद ,हो गया गौ सेवा ,हो गया एनआरसी मुद्दा अब हमारी आपकी बारी है और इसका शिकार लड़कियां और महिलाएं होगी यह भी तय है ।

बिहार में लगा मिनी लॉक डाउन

बिहार में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए राज्य सरकार (आपदा प्रबंधन समूह/Crisis Management Group) की बैठक में निम्नांकित निर्णय लिए गए है:-

  1. आवश्यक सेवाओ को छोड़ कर सभी दुकाने 8 बजे तक खुली रहेंगी।
  2. रात्रि 10 बजे से सुबह 5 बजे तक नाईट कर्फ्यू जारी रहेगी।
  3. क्लास 9, 10, 11 एवम 12 की क्लास एवम सभी कॉलेज 50 प्रतिशत उपस्थिति के साथ खुलेंगे।
    ऑनलाइन क्लास को प्राथमिकता देंगे।
  4. क्लास 8 तक के सभी क्लास ऑनलाइन ही चलेंगे।
  5. कोचिंग क्लास 9, 10, 11, 12 के लिए 50 प्रतिशत उपस्थिति के साथ खुलेंगे।
  6. सभी सरकारी और गैर सरकारी कार्यालय 50 प्रतिशत उपस्थित के साथ खुलेंगे। किसी भी बाहरी व्यक्ति के कार्यालय में प्रवेश वर्जित रहेगा।
  7. सभी पूजा स्थल श्रद्धालुओं के लिए अगले आदेश तक बन्द रहेंगे। केवल पुजारी ही पूजा कर सकेंगे।
  8. सिनेमा हॉल/ जिम/पार्क/ क्लब/ स्टेडियम/ स्वीमिंग पूल पूर्णतः बन्द रहेंगे।
  9. रेस्टोरेंट/ ढाबे आदि 50% कैपेसिटी के साथ खुलेंगे।
  10. शादी विवाह में अधिकतम 50 व्यक्ति तथा अन्तिम संस्कार में 20 व्यक्ति की अनुमति होगी।
  11. सभी राजनीतिक/ सामुदायिक/ सांस्कृतिक सार्वजनिक आयोजनों में अधिकतम 50 व्यक्ति की अनुमति होगी। परंतु इसके लिए जिला प्रशासन से अनुमति लेनी होगी।
  12. शॉपिंग मॉल पूर्णतः बन्द रहेँगे।

मगध विश्वविद्यालय के दागी वीसी को अविलंब गिरफ्तार करे सरकार।

मगध विश्वविद्यालय के दागी वीसी को अविलंब गिरफ्तार करे सरकार – सुशील कुमार मोदी

विश्वविद्यालयों में अनिश्चय का माहौल दुर्भाग्यपूर्ण

  1. निगरानी विभाग के छापे में मगध विश्वविद्यालय के कुलपति डा. राजेंद्र प्रसाद के विभिन्न परिसरों से करोड़ रुपए नकद और अकूत सम्पत्ति के कागजात बरामद होने के बाद उन्हें बर्खास्त करने के लिए राज्य सरकार को पहल करनी चाहिए।
    इस मुद्दे पर राजभवन से बेहतर तालमेल होना चाहिए।
    आरोपी कुलपति यदि लगातार छुट्टी पर चल रहे हैं और जाँच में सहयोग नहीं करते हैं, तो उनके खिलाफ वारंट निकाल कर तुरंत गिरफ्तार किया जाना चाहिए।
  2. मगध विश्वविद्यालय के कुलपति के यहां छापा पड़ने के बाद भ्रष्टाचार के मामले में रजिस्ट्रार, प्रॉक्टर, वीसी के पीए और चीफ लाइब्रेरियन की गिरफ्तारी हो चुकी है।
    जांच में तेजी लाने के लिए मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी सुनिश्चित की जानी चाहिए।
  3. मगध, पाटलिपुत्र और मिथिला विश्वविद्यालयों के कुलपति जिस तरह के गंभीर आरोपों में घिरे हैं, उससे बिहार की उच्च शिक्षा के बारे में गलत संदेश जा रहा है।
    पाटलिपुत्र विवि के कुलपति आर के सिंह यदि नियुक्ति के 40 दिन बाद भी कार्यभार नहीं ग्रहण कर रहे हैं, तो चयनित पैनल के किसी दूसरे व्यक्ति को नियुक्त किया जाना चाहिए।
  4. मिथिला विश्वविद्यालय के कुलपति एसपी सिंह पर भी भ्रष्टाचार के आरोप हैं। इसके बावजूद उन्हें दो अन्य विश्वविद्यालयों का प्रभारी कुलपति बनाया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है।

राजभवन और राज्य सरकार को विश्वविद्यालय परिसरों में अनिश्चितता की धुंध साफ करने के लिए कड़े फैसले लेने चाहिए।

राष्ट्रपति डाॅ० राजेन्द्र प्रसाद की जन्मस्थली के बूरा हाल पर हाईकोर्ट में सुनवाई

पटना हाईकोर्ट में भारत के प्रथम राष्ट्रपति डाक्टर राजेंद्र प्रसाद की जन्मस्थली जीरादेइ और वहां उनके स्मारक की दुर्दशा पर वकीलों की समिति ने रिपोर्ट रखा।चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने विकास कुमार की जनहित याचिका पर सुनवाई की।

हाईकोर्ट ने इस जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए सभी सम्बंधित पक्षों को इस रिपोर्ट की कॉपी उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। कोर्ट ने उन्हें इस रिपोर्ट पर टिप्पणियां और सुझाव अगली सुनवाई में देने को कहा।
वकीलों की कमिटी ने जीरादेई के डा राजेंद्र प्रसाद की पुश्तैनी घर का जर्जर हालत, वहां बुनियादी सुविधाओं की कमी और विकास में पीछे रह जाने की बात कहीं।साथ पटना के बांसघाट स्थित उनके समाधि स्थल पर गन्दगी और रखरखाव की स्थिति भी असंतोषजनक पाया।
साथ ही पटना के सदाकत आश्रम की दुर्दशा को भी वकीलों की कमिटी ने गम्भीरता से लिया।

इस मामलें पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने हुए केंद्र व राज्य सरकार से 3 जनवरी,2022 तक जवाब देने का निर्देश दिया था।
साथ ही पिछली सुनवाई में कोर्ट ने वकीलों की एक तीन सदस्यीय टीम गठित किया था।इस टीम को जीरादेइ और वहां स्थित स्मारकों,पटना के सदाकत आश्रम और बांसघाट स्थित स्मारकों का जायजा ले कर कोर्ट को रिपोर्ट इस सुनवाई में कोर्ट में प्रस्तुत करना था।

जनहित याचिका में कोर्ट को बताया गया कि जीरादेई गांव व वहां डाक्टर राजेंद्र प्रसाद के पुश्तैनी घर और स्मारकों की हालत काफी खराब हो चुकी है।याचिकाकर्ता अधिवक्ता विकास कुमार ने बताया कि जीरादेई में बुनियादी सुविधाएं नहीं के बराबर है।न तो वहां पहुँचने के सड़क की हालत सही है,न ही गांव में स्थित उनके घर और स्मारकों स्थिति ठीक है।
उन्होंने बताया कि केंद्र व राज्य सरकार के उपेक्षापूर्ण रवैये के कारण लगातार हालत खराब होती जा रही है।कोर्ट को बताया गया कि पटना के सदाकत आश्रम और बांसघाट स्थित उनसे सम्बंधित स्मारकों की दुर्दशा भी साफ दिखती हैं।इस स्थिति में शीघ्र सुधार के लिए केंद्र व राज्य सरकार द्वारा युद्ध स्तर पर कार्रवाई करने की जरूरत हैं

डा राजेंद्र प्रसाद भारत के पहले राष्ट्रपति बने।इस पद पर उन्होंने मई,1962 तक कार्य किया।बाद में राष्ट्रपति के पद से हटने के बाद पटना के सदाकत आश्रम में रहे,जहां 28 फरवरी,1963 को उनकी मृत्यु हुई।
ऐसे महान नेता के स्मृतियों व् स्मारकों की केंद्र और राज्य सरकार द्वारा किया जाना उचित नहीं हैं।इनके स्मृतियों और स्मारकों को सुरक्षित रखने के लिए तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए।

इस जनहित याचिका पर अगली सुनवाई 5 जनवरी,2022 को होगी।

भ्रष्टाचार का भेट चढ़ गया गाँधी का सपना ।

चार माह तक चलने वाली बिहार राज्य पंचायत चुनाव का महापर्व जिला परिषद के अध्यक्ष के चुनाव के साथ ही सम्पन्न हो गया । लेकिन इस बार का पंचायत चुनाव एक बड़ा सवाल छोड़ गया है क्या गांधी, लोहिया और जेपी इसी पंचायत की परिकल्पना कर रहे थे क्यों कि चुनाव में जिस तरीके से धनबल का इस्तेमाल हुआ है कभी सोचा भी नहीं जा सकता है । वार्ड सदस्य से लेकर जिला परिषद के सदस्य बनने तक और फिर उप मुखिया से लेकर प्रखंड प्रमुख और जिला परिषद के अध्यक्ष बनने में एक अनुमान के अनुसार कम से कम तीन सौ करोड़ रुपया का निवेश वोटर और चुनाव जीत कर आये प्रतिनिधियों पर हुआ है । अब सवाल यह उठता है कि चुनाव जीतने के लिए इस स्तर पर पैसे का जो निवेश हुआ है उसका उदेश्य क्या है एक तो विधायक और सांसद के टिकट मिलने की सम्भावना बढ़ जाती है दूसरा ग्रामीण विकास से जुड़ी योजनाओं से पैसा कमाना यह कैसे सम्भव है इसके लिए यह समझना जरूरी है कि ये जो पंचायत प्रतिनिधि चुन कर आये हैं ये पांच वर्षों तक करेंगे ।

  • वार्ड सदस्य –वार्ड के विकास की योजनाओं का चयन करेंगे।
  • मुखिया —पंचायत स्तर पर विकास की योजनाओं का चयन करेंगे ।
  • पंचायत समिति सदस्य–इनके क्षेत्र में जितना भी पंचायत आयेगा उससे जुड़ी विकास योजनाओं का चयन करेंगे ।
  • जिला परिषद सदस्य–इनके निर्वाचन क्षेत्र में जो भी पंचायत आयेगा उसके विकास की योजनाओं का ये चयण करेंगे ।

अब जरा ये भी जान लीजिए कि पंचायती राज व्यवस्था के तहत ग्रामीण विकास का काम करने के लिए पैसे का कैसे बंटवारा होता है भारत सरकार ग्रामीण विकास को लेकर जो राशि देती है उसमें 70 प्रतिशत राशी पंचायत को , 20 प्रतिशत राशी पंचायत समिति को और 10 प्रतिशत राशि जिला परिषद को विकास के कार्यों में खर्च करने के लिए दिया जाता है। बात वार्षिक खर्च कि करे तो एक जिले में वर्ष में कम से कम पंचायती राज व्यवस्था के द्वारा ग्रामीण विकास के लिए भारत सरकार की और से 40 से 50 करोड़ रुपया आता है मतलब हर प्रखंड को दो से तीन करोड़ रुपया का हिस्सा मिलता है और उस राशि को लेकर ये सारा खेल खेला गया है ।ऐसी स्थिति में पंचायती राज व्यवस्था से क्या उम्मीद की जा सकती है । चलते चलते पंचायती राज व्यवस्था का राजनीति पर क्या प्रभाव पड़ेगा इस भी चर्चा कर ही लेते हैं पंचायती राज व्यवस्था के तहत पहली बार ऐसा देखा गया है कि मुस्लिमों का प्रतिनिधित्व लगातार पंचायत में कम होता जा रहा है इस बार किशनगंज और पूर्णिया जिला परिषद का अध्यक्ष मुसलमान बना है प्रखंड प्रमुख और मुखिया में भी यही स्थिति है।

हलांकि आरक्षण के बावजूद जातीय वर्चस्व में अभी भी कोई खास कमी नहीं आयी है वही बात राजनीतिक दल की करे तो पूरे चुनाव के दौरान राजनीतिक दल के चाहने के बावजूद भी एनडीए और महागठबंधन जैसी बात कहीं नहीं दिखी ,मोतिहारी और समस्तीपुर में तो भाजपा और राजद जिला परिषद के चुनाव में एक साथ आ गये इसी तरह बेगूसराय में रतन सिंह भले ही चुनाव हार गये लेकिन जिला परिषद का उनका कब्जा बरकरार रहा इसलिए इस चुनाव का कोई खास राजनीतिक यर्थाथ निकलता हुआ नहीं दिख रहा है बस पैसे का खेल सर्वोपरि रहा ।

सिविल इंजीनियर भर्ती प्रक्रिया में शामिल छात्रों को नहीं मिली राहत

सिविल इंजीनियर भर्ती प्रक्रिया की प्रारंभिक परीक्षा पास करने वाले अभ्यर्थी, जिन्हें शैक्षणिक तौर पर अयोग्य पाए जाने पर साक्षात्कार में नही बुलाया गया था , उन्हें पटना हाई कोर्ट ने कोई राहत नहीं दी । हाई कोर्ट ने स्पष्ट कहा कि सिर्फ पीटी परीक्षा ही पास करने से चयन होने के दावे का कोई कानूनन अधिकार नही होता है ।

मामला 2017 में प्रकाशित सिविल इंजीनियर की भर्ती के विज्ञापन से सम्बंधित है । जस्टिस पी बी बजन्थरी ने एक रिट याचिका को खारिज कर दिया।

गौरतलब है कि बीपीएससी ने 2017 में सहायक अभियंता (सिविल) के पद पर बहाली के लिए एक विज्ञापन प्रकाशित किया था।

आवेदक की ओर से कोर्ट को बताया गया कि प्रकाशित विज्ञापन के समय आवेदक इंजीनियरिंग कोर्स के तीन वर्ष पूरा कर लिया था।उनका कहना था कि तीन वर्ष का कोर्स पूरा किये जाने पर डिप्लोमा कोर्स के समान हो जाता है।
उनका कहना था कि आवेदक ने सिविल इंजीनियर के पद के लिए आवेदन किया था।आयोग ने पीटी परीक्षा के लिए एडमिट कार्ड जारी किया।

आवेदक पीटी और मुख्य परीक्षा दी।लेकिन उसे साक्षात्कार के लिए नहीं बुलाया जाना को हाई कोर्ट ने सही माना ।

बिहार पुलिस के कार्यशैली में नहीं आया है सुधार आज भी एफआईआर कराने को लेकर भटक रहे हैं लोग

जनता के दरबार मुख्यमंत्री कार्यक्रम में शामिल हुए मुख्यमंत्री, 180 लोगों की सुनी समस्याएं, अधिकारियों को दिये आवश्यक दिशा-निर्देश

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज 4 देशरत्न मार्ग स्थित मुख्यमंत्री सचिवालय परिसर में आयोजित ‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में शामिल हुये। जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने राज्य के विभिन्न जिलों से आये 180 लोगों की समस्याओं को सुना और संबंधित विभागों के अधिकारियों को समाधान के लिए समुचित कार्रवाई के निर्देश दिए।

आज जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में सामान्य प्रशासन विभाग, गृह विभाग, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग, निगरानी विभाग, खान एवं भू-तत्व विभाग, निर्वाचन विभाग, मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग के मामलों पर सुनवाई हुयी ।

पुलिस के कार्यशैली में नहीं हुआ है सुधार

पूर्वी चंपारण के एक व्यक्ति ने दहेज हत्या मामले पर कोई कार्रवाई नहीं किए जाने की शिकायत की तो वहीं अगमकुआं, पटना की दहेज के लिए दर्ज एफ0आई0आर0 पर कोई कार्रवाई नहीं किए जाने की शिकायत की। मुख्यमंत्री ने पुलिस महानिदेशक को मामले पर शीघ्र कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

एक व्यक्ति ने कहा कि मेरी भूमि को कुछ लोगों के द्वारा अतिक्रमित कर लिया गया है। इस संबंध में जिलाधिकारी ने दो बार अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया, फिर भी सी०ओ० ने अतिक्रमण नहीं हटवाया। मुख्यमंत्री ने राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग को उचित कार्रवाई का निर्देश दिया।

मुजफ्फरपुर से आए एक बुजुर्ग ने मुख्यमंत्री से कहा कि उनके बेटे का अपहरण हो गया है। पुलिस में मामला दर्ज होने के बाद भी पुलिस ने अब तक कुछ भी नहीं किया। मुख्यमंत्री ने अपर मुख्य सचिव गृह विभाग को कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

रुपसपुर, पटना से आयी एक लड़की ने मुख्यमंत्री से गुहार लगाते हुए कहा कि मेरे साथ रेप किया गया है। हमने रूपसपुर थाने में केस दर्ज कराया है लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। साथ ही अब आई0ओ0 और थानेदार फोन तक नहीं उठाते हैं। मुख्यमंत्री ने पुलिस महानिदेशक को कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

अररिया से आए एक युवक ने कहा कि मेरे छोटे भाई की हत्या 2020 में हुई थी। हत्या को अंजाम देने के बाद भी अपराधी खुलेआम घूम रहे हैं। अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए डेढ़ साल से हम दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं, मगर कुछ नहीं हो रहा है। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग को जांचकर न्यायोचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

समस्तीपुर से आयी एक महिला ने कहा कि पांच वर्ष पहले हमने पांच कट्ठा जमीन खरीदी थी लेकिन उस पर दूसरे लोगों ने कब्जा कर लिया है। वहीं बेगूसराय के एक व्यक्ति ने कब्रिस्तान की घेराबंदी को लेकर शिकायत की। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग को उचित कार्रवाई का निर्देश दिया।


मुख्यमंत्री ने DGP को फोन कर कहा- तुरंत देखिए
पीड़िता ने कहा कि डीजीपी से भी मुलाकात की। लेकिन वे तो न्याय देने के बदले आरोप लगाने लगे कि लड़कियां ही रेप की जिम्मेदार हैं। उन्होंने तो यहां तक कह दिया कि लड़कियां ही इसके लिए लड़कों को उकसाती हैं। ऐसे में मेरे लिए आत्महत्या के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा है। इस पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने डीजीपी को फोन लगा कर कहा कि यह मामला पटना के नौबतपुर का है। इसे तुरंत देखिए और एक्शन लीजिए।

एक फरियादी ने CM नीतीश कुमार से कहा कि सर बिहार में घूसखोरी काफी बढ़ गई है। घूसखोरी से लोग परेशान हैं। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि बात बताइए, क्या समस्या है ? इस पर उस फरियादी ने सीएम नीतीश से कहा कि सरकारी जमीन पर कब्जा कर लिया गया है। प्रशासन कुछ नहीं कर रहा। इस पर मुख्यमंत्री ने फरियादी को राजस्व विभाग के अपर मुख्य सचिव के पास भेज दिया।

अपहरण का भी मामला पहुंचा
वहीं, मुजफ्फरपुर से आए बुजुर्ग ने सीएम नीतीश से फरियाद किया कि उनके बेटे का अपहरण हो गया है। लेकिन, पुलिस ने अब तक कुछ भी नहीं किया। इतना ही नहीं पुलिस पैसे की भी मांग कर रही है।

यह शिकायत सुन सीएम नीतीश भौंचक्के रह गए। उन्होंने कहा कि अरे लगाओ, अपर मुख्य सचिव गृह विभाग को। इसके बाद फोन लगाया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि इनके बेटे का अपहरण हो गया है और पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। यह तो आश्चर्यजनक है। कह रहा कि कुछ पैसा भी मांग रहा? इसके तुरंत दिखवाइए।

जातीय जनगणना को लेकर बिहार बीजेपी में सहमति नहीं सर्वदलीय बैठक पर लगा ग्रहण

बिहार में जातीय जनगणना को लेकर बीजेपी और जदयू के बीच दूरियां बढ़ने लगी है आज पहली बार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया कि सर्वदलीय बैठक को लेकर बीजेपी की और से अभी भी सहमति नहीं दी गयी है इस वजह से है तारीख तय नहीं हो पा रही है ।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि राज्य में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को छोड़कर बाकी दलों ने जातियों की गणना पर अपना रुख स्पष्ट कर दिया है।

जातीय जनगणना को लेकर बीजेपी में सहमति नहीं –नीतीश

सीएम ने हालांकि स्पष्ट किया कि वह अपने ‘सहयोगी दल’ को मामले को लटकाने के लिए जिम्मेदार नहीं ठहरा रहे और उन्हें ‘सकारात्मक जवाब’ मिलने का विश्वास है। 

जातीय जनगणना को लेकर यह तय हुआ था कि केंद्र सरकार अगर जातीय जनगणना नहीं कराती है तो बिहार सरकार जातीय जनगणना खुद करायेंगी और इसके लिए बिहार बीजेपी के नेता सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के साथ प्रधानमंत्री से भी मुलाकात किये थे लेकिन आज सीएम के बयान के बाद यह साफ हो गया है कि बीजेपी का केन्द्रीय नेतृत्व फिलहाल जातीय जनगणना कराने को लेकर सहमत नहीं है।

मुख्यमंत्री के बयान के बाद राजद इस विषय को लेकर हमलावर हो गया है और नीतीश कुमार हर सीधे सीधे हमला शुरू कर दिया है

बिहार में एक बार फिर ब्यूरोक्रेट और नेताओं के बीच नेक्सेस का एक घिनौना मामला आया सामने

बिहार में एक बार फिर ब्यूरोक्रेट और नेताओं के बीच नेक्सेस का एक घिनौना मामला सामने आया है हलांकि इस बार इस नेक्सेस का शिकार इलाहाबाद हाईकोर्ट की एक महिला वकील हुई है जिसका आरोप है कि बिहार के सीनियर आईएस अधिकारी संजीव हंस और झांझारपुर से राजद विधायक रहे गुलाब यादव ने उसके साथ शाररीक शोषण किया है और वो इन दोनों के बच्चे की मां है महिला वकील की माने तो बिहार कैडर के IAS संजीव हंस और राजद के पूर्व विधायक गुलाब यादव ने गैंगरेप किया , गैंगरेप के बाद एक बेटे को जन्म दिया है, उसका पिता कौन है, इसकी जांच करने के लिए DNA टेस्ट किया जाए। महिला ने कहा कि विधायक ने बच्चे को अपना मानने से इनकार कर दिया और IAS हंस ने बात करने से ही इनकार कर दिया है।

कोर्ट ने इलाहाबाद एसएसपी को पीड़ित महिला को सुरक्षा देने को कहां है।
कोर्ट ने पीड़िता की याचिका पर सुनवाई शुरु की —-
पीड़ित ने याचिका में कहा है कि फरवरी 2016 को मैं पटना के गर्दनीबाग में रहने वाले एक सीनियर वकील के पास आई थी। यहीं पर गुलाब यादव से परिचय हुआ था, जो उस वक्त झंझारपुर से राजद के विधायक थे। गुलाब ने राज्य महिला आयोग में सदस्य बनाने का झांसा दिया था। मैं गुलाब के आवास पर बायोडाटा लेकर गई थी। आवास में उसने रेप करने की कोशिश की थी। विरोध करने पर पिस्टल के बल पर रेप किया।”

पीड़िता ने विधायक पर केस करने की तैयारी कर ली थी। इसके बाद विधायक ने उसकी मांग में सिंदूर भरकर कहा कि आज से वह दोनों पति-पत्नी हैं। हालांकि, विधायक पहले से शादीशुदा था, पर उसने पीड़िता से कहा कि वह पहली पत्नी को तलाक दे देगा। विधायक ने कहा कि पीड़िता केस न करे।

“पुणे के होटल में बुलाकर IAS के साथ किया गैंग रेप”
पीड़िता के मुताबिक, विधायक गुलाब ने एक बार उसे पुणे बुलाया। कहा कि उसका पहली पत्नी से तलाक हो गया है और इसके पेपर्स उसके पास हैं। पीड़िता 8 जुलाई 2017 को पुणे के होटल बेस्टिल में गईं। वहां विधायक ने उसका परिचय IAS संजीव हंस से कराया। दोनों ने लंच के दौरान नशीला पदार्थ खिलाने के बाद उससे गैंग रेप किया। उसका अश्लील वीडियो भी बना लिया।

पीड़िता ने कहा कि वीडियो मोबाइल पर भेजकर ब्लैकमेल किया जाता था। कहा जाता था कि मुंह खोलने पर इसे वायरल कर दिया जाएगा। जब पीड़िता गर्भवती हो गई तो उसने इसकी जानकारी विधायक को दी। उसने जबरदस्ती गर्भपात की दवा खाने को कहा। गुलाब ने अक्टूबर 2017 में पीड़िता का एडमिशन दिल्ली की जुडिशियल क्लासेस में करा दिया और उसे मुखर्जी नगर स्थित एक गर्ल्स हॉस्टल में ठहराया।

वीडियो की धमकी देकर बार-बार दोनों ने रेप किया”
पीड़िता ने कहा कि गुलाब हमेशा वीडियो वायरल करने का धमकी देता था। 13 फरवरी 2018 को दिल्ली के अशोका होटल में, 14 फरवरी 2018 को दिल्ली के पार्क एवेन्यू होटल में और 27 मार्च 2018 को दिल्ली के ही होटल ली मेरिडियन में गैंग रेप किया। गुलाब के साथ संजीव भी मौजूद रहता था।

“संतान को विधायक ने अपना मानने से इनकार किया, बोला नसबंदी हो चुकी”
महिला ने बताया कि विधायक और IAS दोनों गर्भपात कराने और जान से मारने की धमकी देते थे। इसके बाद पीड़िता मुखर्जीनगर स्थित हॉस्टल खाली करके शालीमार में रूम लेकर रहने लगी। 25 अक्टूबर 2018 को बेटे को जन्म दिया। जब उसने गुलाब को इसकी जानकारी दी तो उसने कहा कि यह उसका बेटा नहीं है। उसकी नसबंदी हो चुकी है। बच्चा IAS हंस का होगा। उधर, IAS हंस ने महिला से बात करने से ही इनकार कर दिया।

कोरोना के कोहराम का असर कल से हाईकोर्ट में होगा आंनलाइन सुनवाई

पटना हाईकोर्ट में राज्य में कोरोना महामारी से उत्पन्न हुए हालात को गम्भीरता से लेते हुए कल 4 जनवरी,2022 से मुकदमों की ऑनलाइन सुनवाई होगी। इस सम्बन्ध शिवानी कौशिक व अन्य की जनहित याचिका पर चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने सुनवाई की।

सुनवाई के दौरान कोर्ट द्वारा मौखिक जानकारी दी गई कि चूंकि पटना हाई कोर्ट के कुछ जज व कर्मी भी कोरोना से संक्रमित हो गए, इसलिए कल 4 जनवरी, 2022 से पटना हाई कोर्ट में कामकाज ऑनलाइन तौर पर ही किया जाएगा।

उन्होंने यह भी कहा कि वकीलों का जीवन भी बहुमूल्य है, इसलिए इन बातों को भी ध्यान में रखना होगा। कोर्ट ने पूर्व में भी सुनवाई के दौरान मौखिक रूप से कहा था कि कोरोना के नए वैरिएंट के मद्देनजर हमें सावधानी बरतने की जरूरत है। कोरोना अभी गया नहीं है।

इसके पूर्व में भी कोर्ट ने राज्य सरकार से कोरोना को लेकर राज्य भर में मुहैया कराई गई सुविधाओं के संबंध में ब्यौरा देने को कहा था।

अगली सुनवाई आगामी 5 जनवरी, 2022 को होगी।

बिहार में हुआ कोरोना विस्फोट, क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप की बुलाई गयी बैठक।

बिहार में पिछले 24 घंटों के दौरान 500 से अधिक नये कोरोना के संक्रमित पाये गये हैं. इसकी संख्या में पिछले एक सप्ताह से लगातार वृद्धि दर्ज की जा रही है. एक दिन में राज्य में इसके प्रसार की संख्या 56 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी है. साथ ही एक दिन में कोरोना का फैलाव 21 जिलों से बढ़कर 26 जिलों में हो गया ।

इस बीच कल 4 जनवरी को कोरोना के बढ़ते फैलाव को देखते आपदा प्रबंधन की विशेष बैठक बुलाई गयी है जिसमें लांक डाउन और कोरोना से निपटने की तैयारी को लेकर विस्तृत चर्चा होगी ।

कोरोना को लेकर कल होगी बैठक

इधर आज जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम के दौरान एंटीजन टेस्ट में 14 लोग संक्रमित पाए गए इसमें 3 पुलिसकर्मी भी शामिल है इसकी सूचना आते ही पूरे मुख्यमंत्री सचिवालय में हड़कम्प मच गया है ।

वही आज से प्रशासन सख्ती बरतनी शुरु कर दिया है मास्क चेकिंग और कोविड प्रोटोकॉल का पालन कराने के लिए पांच नयी टीमें बनायी गयी हैं. अब इसके लिए जिले में कुल 10 टीमें सक्रिय हो गयी हैं.जिन पांच नयी टीमों का गठन किया गया है, उनमें तीन टीमें बस, टेंपो आदि में मास्क की चेकिंग करेंगी. बिना मास्क के अगर ड्राइवर, खलासी या उसमें बैठे अन्य लोग मिले, तो वाहन को जब्त किया जा सकता है.

कोरोना को लेकर हालात सही नहीं –नीतीश

इसके अतिरिक्त दो टीमें दुकानों पर मास्क चेकिंग अभियान चलायेंगी. उपभोक्ता और दुकानदार को बिना मास्क पाये जाने पर दुकान को सील कर दिया जायेगा. इसके अतिरिक्त पांच मोबाइल टीमें सब्जी मंडी तथा भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में मास्क चेकिंग कर दंडात्मक कार्रवाई करेंगी।

वही आज से पूरे बिहार में 15 से 18 वर्ष के बच्चों का टीकाकरण अभियान शुरु हो गयी है इस बीच सीएम ने कहा कि कोरोना से निपटने को सरकार तैयार है और कल की बैठक में निर्णय लिया जा सकता है ।

दलितों के साथ कुछ रिश्ते ऐसे रहे हैं जो आज भी सामंत और दलित को जोड़े हुए है

नव वर्ष के मौके पर पिछले पांच छह वर्षो से पप्पू मांझी का सुबह सुबह फोन जरूर आता है पप्पू मांझी के साथ एक दौर था जब न्यूज़ में इसके ड्रायविंग का आनंद लेते थे ।पत्रकारों के साथ रहने की वजह से इसकी अच्छी खासी राजनीतिक समझ भी है ।

जीतन राम मांझी के बयान पर क्या सोचता है मांझी समाज


इस बार भी फोन आया लम्बी बातचीत हुई यही पटना के पास का रहने वाला है और इसके इलाके में मुसहर समाज की बड़ी आबादी रहती है ।नव वर्ष की शुभकामना के बाद मैंने पप्पू से पूछा जीतन राम मांझी के बयान को लेकर मांझी समाज क्या सोचता है 9 मिनट के करीब बातचीत हुई है सुनिए जरूर राजनीति समझ में आ जायेंगी। पप्पू पूजा पाठ करने के बाद पंडित के घर पर नहीं खाने को लेकर निराश जरुर है लेकिन इन इलाकों से जुड़ी एक ऐसी परम्परा की चर्चा उन्होंने कि जो हैरान करने वाला था। पालीगंज और विक्रम के इलाके में बेटी की शादी के दौरान घर वाले बारात को भोजन करने से पहले मांझी समाज को विशेष तौर पर आमंत्रित करके भोजन कराता है मैंने पुंछा यह आज भी चल रहा है क्या पप्पू बोला हां सर इस बार भी गये थे भोज खाने गये थे। मतलब समाज में कई ऐसी परम्परा भी रही है जो दलित और खेतिहर समाज को जोड़ने का काम करता रहा है इस तरह के रिश्तों को गहराई से समझने कि जरूरत है क्यों कि दक्षिण भारत में ‘ब्राह्मण के खिलाफ जिस तरह का आंदोलन हुआ उत्तर भारत में आज भी वो स्थिति नहीं है हो सकता है ऐसे ही कुछ रिश्ते रहे हैं जो दक्षिण की तरह उत्तर भारत के समाज को उस स्तर तक उद्वेलित नहीं कर पाया ।

ब्राह्मणवाद को लेकर संवाद


वैसे जब से खेती से जुड़े लोगों का आर्थिक स्थिति कमजोर हुआ है गांव के स्तर पर बहुत सारी चीजें बदल गयी है। 50 प्रतिशत भूमि का स्वामित्व बदल गया है 90 प्रतिशत खेतिहर समाज खेती करना छोड़ दिया है ऐसे में खेती की वजह से जो रिश्ता चला आ रहा था उसकी डोर टूट चुकी है गांव का सारा सामाजिक समीकरण बदल गया है ऐसे में अब दलित पिछड़ा और सवर्ण का वो गणित नहीं रहा जिसकी चर्चा फिल्मों और किताबों में कि जाती रही है।
इस पोस्ट के साथ दूसरा संवाद भी टैक है वो संवाद है जीतनराम मांझी के बयान को लेकर ब्राह्मणजाति के युवा क्या सोचते हैं और इसको लेकर शिवानंद तिवारी के साथ जो बहस हुई है जरा आप भी सुनिए बहुत ही रोचक है मुझे लगता है कि ये संवाद आज के बिहार को समझने के लिए काफी है क्यों कि शिवानंद तिवारी उस जातीय राजनीति के साथ रहे हैं जो राजनीति सीधे सीधे ‘ब्राह्मणवादी मानसिकता को चुनौती दिया है शिवानंद तिवारी उस युवक को उसी अंदाज में समझा रहे हैं जिस अंदाज में समाजवादी सोच के लोग कर्पूरी ठाकुर और जेपी के जमाने में समझाते थे ये आपकी जिम्मेवारी है दलितों के प्रति समाज का जो नजरिया है उसको बदलने के लिए आगे आइए ।