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कोरोना को लेकर राज्य सरकार हुआ सख्त गंगा स्नान तक पर लगायी रोक

#Covid19 भारत में कोरोना वायरस (Coronavirus) के मामले तो तेजी से बढ़ ही रहे हैं, अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या भी तेजी से बढ़ी है. पहले कोरोना से संक्रमित 10-15 मरीज हर दिन अस्पताल में आते थे, आज 35-40 मरीज अस्पताल में भर्ती हो रहे हैं. यानी अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या तीन गुणा तक बढ़ गयी है इसको देखते हुए पीएम मोदी ने आज देश के सभी मुख्यमंत्री के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़ कर हालात का जायजा लिये ।वही नीतीश कुमार के कोरोना संक्रमित होने कि वजह से स्वास्थ्यमंत्री मंगल पांडेय बैठक में भाग ले रहे हैं ।

वहीकोरोना की तीसरी लहर में पहली बार ऐसा हुआ है जब मौत के आंकड़ों ने डरा दिया है। महज 3 दिनों में 16 लोगों की मौत ने वायरस को हल्के में लेने वालों के लिए बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। संक्रमण के आंकड़ों के साथ बढ़ता मौत का मामला यह संकेत दे रहा है कि कभी भी वायरस खतरनाक हो सकता है।

वही आज मुख्यसचिव ने सूबे के सभी डीएम, एसएसपी और एसपी को आदेश दिया है कि वह स्वयं या अधीनस्थ पदाधिकारियों का दल गठित कर कोरोना को लेकर जारी प्रतिबंधों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करे और इसको लेकर प्रतिदिन जांच किए गए व्यक्तियों की संख्या और उनसे वसूली गई रकम को लेकर रिपोर्ट भी भेजे।यह विशेष अभियान आज से तीन दिनों तक पूरे राज्य में चलेगा वही पटना DM चंद्रशेखर ने आदेश जारी किया है कि इस बार मकर संक्रांति के अवसर पर मेला, गंगा स्नान और पतंबाजी पर रोक रहेगा जो भी इस नियम को नहीं मानेंगे उन पर कड़ी

बिहार सरकार का बाल ह्दय योजना के तहत चयनित 219 बच्चों को हो चुका है सफल सर्जरी

बाल ह्ृदय योजना के तहत और 19 बच्चे सर्जरी के लिए गए अहमदाबादः मंगल पांडेय
कोरोनाकाल में भी सरकार की महत्वपूर्ण योजनाएं प्राथमिकताओं में हर माह अहमदाबाद भेजे जा रहे बच्चे, अब तक 219 सफल सर्जरी ।

पटना। स्वास्थ्य मंत्री श्री मंगल पांडेय ने कहा कि कोरानाकाल में भी राज्य सरकार द्वारा महत्वपूर्ण योजनाआें को प्राथमिकता दी जा रही है। कोरोना के बढ़ते प्रकोप के बीच भी स्वास्थ्य विभाग द्वारा बाल हृदय योजना के तहत इस सप्ताह 8 जनवरी को राज्य के विभिन्न जिलों से चिह्नित 19 दिल में छेद वाले बच्चों को मुफ्त सर्जरी के लिए अहमदाबाद भेजा गया। विभाग की यह योजना बच्चों को न सिर्फ नया जीवन दे रही है, बल्कि उनके परिवार में एक नई उम्मीद जगा रही है। खासकर गरीब एवं मध्यम वर्ग के लिए यह योजना किसी वरदान से कम नहीं है।

श्री पांडेय ने कहा कि इन बच्चों को कोरोना प्रोटोकॉल के तहत सर्जरी के लिए भेजा जा रहा है। भेजने के पूर्व बच्चे और उनके अभिभावक की आरटीपीसीआर जांच करायी जा रही है। रिपोर्ट निगेटिव आने पर ही इन लोगों को भेजा जाता है। पटना के इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्थान में स्क्रीनिंग में गंभीर रूप से हृदय रोग से ग्रसित बच्चों की पहचान की गई। जिन्हें सर्जरी की आवश्यकता है, उन्हें अहमदाबाद के सत्य सांई अस्पताल भेजा गया। विभाग द्वारा हर माह दो-तीन बार बच्चों को सामूहिक इलाज के लिए भेजने की प्रक्रिया जारी है। अब तक 286 बच्चे भेजे जा चुके हैं, जिनमें से 219 का सफल आपरेशन हो गया है।

श्री पांडेय ने कहा कि राज्य में हृदय में छेद के साथ जन्मे बच्चों को निःशुल्क उपचार उपलब्ध कराने के लिए बाल हृदय योजना प्रारंभ की गई है। इस योजना के क्रियान्वायन के लिए आईजीआईएमएस एवं इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्थान पटना को चिन्हित किया गया है। इसमें सत्य सांई हृदय अस्पताल अहमदाबाद के डॉक्टर सहयोग दे रहे हैं। इस योजना के तहत जन्म से लेकर 18 वर्ष तक के आयु वाले बच्चों व किशोरों को हृदय रोग से बचाया जा सकता है।

मकर संक्रान्ति को लेकर इस बार भी एक मत नहीं हैं विद्वान

मकर संक्रान्ति, 14 जनवरी, 2022 ई :

वर्ष भर में 12 राशियों की संक्रान्तियाँ होतीं हैं। इनमें मकर संक्रान्ति से छह महीने तक सूर्य उत्तरायण रहते हैं तथा कर्क राशि की संक्रान्ति से दक्षिणायन सूर्य आरम्भ होते हैं। उत्तरायण सूर्य में यज्ञ, देवप्रतिष्ठा आदि के लिए शुभ मुहूर्त होते हैं। ऐसी मान्यता है कि जबतक सूर्य उत्तरायण रहते हैं तब तक छह महीनों के लिए देवताओं का दिन रहता है तथा दक्षिणायन सूर्य के महीनों में देवताओं की रात रहती है। अतः मकर संक्रान्ति का यह दिन देवताओं के लिए प्रातःकाल माना जाता है। दिन भर में जो धार्मिक महत्त्व प्रातःकाल का होता है, वैसा ही महत्त्व मकर संक्रान्ति का भी वर्ष भर में होता है।

इस वर्ष दिनांक 14 जनवरी की रात्रि 8.34 मिनट पर संक्रमण हो रहा है। चूँकि संक्रमण काल रात्रि में भी हो सकता है; अतः धर्मशास्त्रियों ने संक्रमण काल के आधार पर पुण्यकाल तथा पुण्याह की व्यवस्था की है।

गणित-ज्योतिष के अनुसार संक्रान्ति के पहले या बाद 8 घंटा तक सूर्य का बिम्ब उस संक्रान्ति-बिन्दु पर रहता है। अतः संक्रमण-काल से 8 घंटा पहले अथवा बाद, जब भी उदित सूर्य मिलें, पुण्यकाल माना जायेगा। इस वर्ष रात्रि 8:34 बजे संक्रमण के पूर्व दिनांक 14 को हमें सूर्य-संक्रान्ति का बिम्ब प्राप्त होगा, अतः संक्रान्ति सम्बन्धी गणित के अनुसार भी 14 को ही मनाया जाना चाहिए।

मिथिला के सभी निबन्धकारों ने एकमत से निर्णय दिया है कि आधी रात से पहले यदि संक्रमण है, तो पुण्यकाल पूर्वदिन मध्याह्न के बाद होगा तथा वह पूरा दिन पुण्याह कहलायेगा। इन सभी प्रमाणों का संकलन कर म.म. मुकुन्द झा बख्शी ने ‘पर्वनिर्णय’ में यही व्यवस्था दी है। अतः मिथिला से प्रकाशित पंचाङ्ग में दिनांक 14 को मकर संक्रान्ति माना गया है।

निर्णयसिन्धु में कमलाकर भट्ट ने मकर-संक्रान्ति के सम्बन्ध में सभी मतों को उद्धृत कर दिया है, जिनमें माधव का मत है कि यदि रात्रि में संक्रमण हो तो दूसरे दिन पुण्यकाल माना जाए। किन्तु अनन्तभट्ट के अनुसार यदि आधी रात से पूर्व संक्रमण हो तो पूर्व दिन माना जाए। इस प्रकार कमलाकर में अपना कोई निर्णय नहीं दिया है। धर्मसिन्धुकार का मत है कि रात्रि के पूर्वभाग, परभाग अथवा निशीथ में संक्रमण हो तो दूसरे दिन पुण्यकाल होगा। इस मत से दिनांक 15 को मकर संक्रान्ति होगी।

इस विषय में कमलाकर भट्ट ने भी क्षेत्रीय परम्पराओं का महत्त्व दिया है, अतः धर्मशास्त्र के अनुसार जिनकी जो परम्परा है उस दिन मनाये

लेखक–आचार्य किशोर कुणात

शराबबंदी कानून को लेकर राज्य सरकार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका कहां बेवजह कोर्ट का समय जाया ना करे

शराबबंदी को लेकर राज्य सरकार के जिद्द को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है मंगलवार को राज्य के कड़े शराबबंदी कानून के तहत आरोपियों को अग्रिम और नियमित जमानत देने को चुनौती देने वाली विभिन्न अपील को यह कहते हुए सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया कि इन मामलों ने अदालतों के काम पर असर डाला है।पटना हाईकोर्ट के 14 से 15 जज केवल इन मामलों की ही सुनवाई कर रहे हैं. सीजेआई एन वी रमण के नेतृत्व वाली पीठ ने बिहार सरकार की इस दलील को खारिज कर दिया कि आरोपियों से जब्त की गई शराब की मात्रा को ध्यान में रखते हुए जमानत आदेश पारित करना सुनिश्चित करने के लिए दिशा निर्देश तैयार किए जाएं.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ‘आप जानते हैं कि इस कानून (बिहार मद्य निषेध और उत्पाद अधिनियम 2016) ने पटना हाईकोर्ट के कामकाज पर कितना प्रभाव डाला है और वहां एक मामले को सूचीबद्ध करने में एक साल लग रहा है, सभी अदालतें शराब से संबंधित जमानत मामलों से भरी पड़ी हैं.’

राज्य सरकार के अपील को खारिज करते हुए शीर्ष अदालत ने कहा कि इन मामलों में 2017 में उच्च न्यायालय द्वारा जमानत दी गई थी, इसलिए अब इसके लिए याचिकाओं से निपटना उचित नहीं होगा, चीफ जस्टिस ने इस पर चुटकी लेते हुए कहा कि आपके हिसाब से हमें सिर्फ इसलिए जमानत नहीं देनी चाहिए, क्योंकि आपने कानून बना दिया है।

पीठ ने तब हत्या पर भारतीय दंड संहिता के प्रावधान का हवाला दिया और कहा कि जमानत और कभी-कभी, इन मामलों में अदालतों द्वारा अग्रिम जमानत भी दी जाती है. पीठ ने कहा कि राज्य में इन मामलों की वजह से अदालतों का काम बुरी तरह प्रभावित हुआ है।पीठ ने राज्य सरकार से मुकदमे आगे बढ़ाने को कहा है, क्योंकि उसने जांच पूरी करने के बाद इन मामलों में आरोप पत्र दाखिल किया है।

सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश का बिहार में शराबबंदी कानून पर दूरगामी परिणाम सामने आयेंगा और आने वाले समय में इस मामले में गिरफ्तार अभियुक्त राहत मिल सकती है ।

भाकपा माले यूपी ,उत्तराखंड और पंजाब में उतारेगा अपना उम्मीदवार

भाकपा-माले ने उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और पंजाब में चुनाव लड़ने का ऐलान किया है । आज पटना (Patna) में भाकपा-माले (CPI-ML) के राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य (Dipankar Bhattacharya) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसकी घोषणा कि और कहा कि यूपी में समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के साथ हमारी बातचीत चल रही है । हमें उम्मीद है कि यहां बीजेपी को शिकस्त देने के लिए एक व्यापक गठबंधन बनेगा ।

उन्होंने कहा कि पांच राज्यों में होने वाला चुनाव काफी महत्वपूर्ण है यूपी, उत्तराखंड व पंजाब में हमारी पार्टी चुनाव लड़ेगी । यूपी में बदलाव दिख रहा है, बिहार में आकर जहां मामला फंसा था और हम जीतते-जीतते रह गए थे, उससे यूपी ने बहुत कुछ सीखा है. उन्होंने कहा कि इस बार बीजेपी को कोई मौका नहीं मिलने वाला है । यहां रोजगार बड़ा मुद्दा है. यूपी में जिस प्रकार से दलितों, महिलाओं, अल्पसंख्यकों का दमन किया गया और पुलिस राज कायम किया गया, उसके खिलाफ वहां की जनता लोकतंत्र के पक्ष में अपना फैसला सुनाएगी ।

माले महासचिव ने यह भी कहा कि पंजाब के चुनाव में किसान आंदोलन की आवाज सुनी जाएगी । किसानों के मुद्दों के साथ-साथ दलितों, मजदूरों, भूमिहीन गरीबों के सवाल जबरदस्त तरीके से मुद्दे बने हैं । वहां सरकार की ओर से घोषणाएं हुई हैं, लेकिन जमीन पर काम कम हुआ है।

बिहार में कोरोना का कहरा जारी 48 घंटे में हुई 12 मौत

#Covid19 बिहार में कोरोना का कहर जारी है पिछले 24 घंटे में 6413 कोरोना के मरीज मिले हैं जिसमें पटना में सबसे ज्यादा 2014 मरीज मिले है और इसके साथ ही राज्य में एक्टिव केसों की संख्या बढ़कर 28659 हुई। वही पिछले 48 घंटे में 12 लोगों की मौत हो गयी है ।

कोरोना की तीसरी लहर में पहली बार एक साथ 7 मौत हुई है। पटना AIIMS में 67 साल की संक्रमित महिला की मौत हुई है। वह सारण की रहने वाली थी। 10 जनवरी को उन्हें AIIMS में भर्ती कराया गया था और 11 को मौत हो गई। नालंदा मेडिकल कॉलेज में मंगलवार को 3 मौतें हुई हैं। इनमें आलमगंज पटना के 70 साल के संक्रमित, जमुई के 70 साल के संक्रमित और पटना के गौर हट्‌टा के 68 साल के संक्रमित शामिल हैं।

1–हलके में ना ले कोरोना को घातक साबित हो सकता है

मौत का यह आकड़ा कोरोना की दूसरी लहर में भी शुरुआती दिनों में ऐसा ही था हालांकि इस बार की चुनौती दोहरी है। क्योंकि कोरोना के एक नहीं 2 वैरिएंट से लड़ाई है। इसमें एक डेल्टा है, जिसने दूसरी लहर में तबाही मचाई। वहीं, दूसरा ओमिक्रॉन, जो संक्रमण की रफ्तार को कम्युनिटी स्प्रेड कर दिया है। ऐसे में अब खतरा बढ़ रहा है। वैक्सीनेशन और कोरोना प्रोटोकाॅल में लापरवाही भारी पड़ सकती है। क्योंकि वायरस का कम्युनिटी स्प्रेड हो चुका है। यही कारण है कि स्वास्थ्य विभाग भी वायरस को अंडर स्टीमेट करना खतरनाक बता रहा है।

एक्सपर्ट बताते हैं कि कोरोना की दूसरी लहर में डेल्टा ने तबाही मचा दी थी। इस बार भी वह जानलेवा है। मौत का कारण भी बन रहा है। वैक्सीनेशन नहीं कराने वालों पर इसका बड़ा असर दिख रहा है।

कोरोना पर स्टडी करने वाले पटना एम्स के ट्रामा इमरजेंसी के एचओडी डॉ. अनिल कुमार का कहना है कि अगर वैक्सीनेटेड नहीं है और उसके बाद भी कोरोना को हल्के में ले रहे। बिना मास्क के सोशल डिस्टेंस भी नहीं मान रहे तो यह जान से बड़ा खिलवाड़ है। डेल्टा अभी खत्म नहीं हुआ था और वह आज भी एक्टिव है। ऐसे में 48 घंटों के दौरान 12 मौत खतरे की घंटी है।

2–प्रतिबंध के साथ लांक डाउन बिहार में जारी रहेगा

हालांकि आपदा प्रबंधन प्राधिकारी की बैठक में और सख्त प्रतिबंध लगाने और शनिवार और रविवार को पूर्ण कर्फ्यू पर विचार किया गया लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने फिलहाल जो पाबंदी लगी हुई है उसे ही जारी रखने के पक्ष थे फिलहाल बिहार में जारी रहेगी पाबंदी और जो गाइडलाइंस जारी हुआ है उसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है एक सप्ताह बाद फिर बैठक होगी उस बैठक में हालात की समीक्षा के बाद आगे का निर्णय लिया जायेगा ।

कोहरा और बारिश की वजह से उड़ान सेवा पर पड़ा असर

पटना -कोहार और बादल छाये रहने के कारण आज भी उड़ान सेवा प्रभावित रहा एयरपोर्ट की और से जारी सूचना के अनुसार बुधवार को सुबह 9 बजे से लेकर शाम 7:25 बजे तक के जारी किए गए टाइम-टेबल के अनुसार आने-जाने में कुल 12 फ्लाइट कैंसिल हुई है। जिसमें 6 अराइवल की तो 6 फ्लाइट डिपार्चर की कैंसिल है। जबकि, आने-जाने में कुल 5 फ्लाइट आज रिशिड्यूल की गई है…

आने में कैंसिल हुई फ्लाइट

सुबह 9 बजे की दिल्ली से आने वाली SG-8721
सुबह 10:40 की दिल्ली से आने वाली G8-143
सुबह 11:55 पर बेंगलुरु से आने वाली G8-873
दोपहर 12:20 पर दिल्ली से आने वाली G8-2511
दोपहर 1:10 पर दिल्ली से आने वाली G8-131
दोपहर बाद 3:35 पर दिल्ली से आने वाली G8-231

इस वजह यात्रियों को खासा परेशानी हो रही है मौसम विभाग का जो पूर्वानुमान है उसके अनुसार फिलहाल तीन दिनों तक स्थिति में सुधार की सम्भावना नहीं है

बिहार में मौसम का मिजाज बदला कई जिलों में हो रही है बारिश

मौसम विभाग की माने तो आने वाले 3 दिनों तक राजधानी सहित पूरे प्रदेश में बारिश होगी चक्रवाती परिसंचरण बिहार और झारखंड पर पड़ रहा है इसके साथ ही बंगाल की खाड़ी से पश्चिमी विक्षोभ भी बिहार के मौसम को इफेक्ट कर रहा है दिन और रात के तापमान में कोई खास परिवर्तन नहीं होगा कई स्थानों पर कुहासा और कोहरा का असर देखने को मिलेगा ।

राज्य में सारण के मसरख में सबसे ज्यादा बरसात हुई है 22 पॉइंट 6 मिलीमीटर बारिश हुई है राज्य में पश्चिम चंपारण में सबसे कम तापमान 11.6 आंका गया। कि अररिया में सबसे ज्यादा 25.3 आंका गया। मौसम विभाग की मानें तो दरभंगा समस्तीपुर बेगूसराय से सहरसा मधेपुरा भागलपुर जमुई पूर्णिया कटिहार में बारिश नहीं हुई है ।

Weather Report

कोरोना गाइडलाइन के तहत सूबे में चल रहा मिशन परिवार विकास अभियानः मंगल पांडेय

#Covid19 कोरोना गाइडलाइन के तहत सूबे में चल रहा मिशन परिवार विकास अभियानः मंगल पांडेय

स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि कोरोना संक्रमण के काल में भी स्वास्थ्य विभाग परिवार नियोजन पर फोकस करने की योजना पर काम कर रहा है। इसकी जानकारी लोगों तक पहुंचाने के लिए राज्यभर में 29 जनवरी तक परिवार विकास अभियान चलेगा। इसके तहत 10 से 16 जनवरी तक दंपत्ति संपर्क पखवाड़ा, तो 17 से 29 जनवरी तक परिवार नियोजन सेवा पखवाड़ा आयोजित की गई है। कोरोना संक्रमण के बीच इस को अभियान आयोजित करने को लेकर विभाग द्वारा गाइडलाइन जारी किया है।

श्री पांडेय ने कहा कि विभाग द्वारा 10 से 16 जनवरी तक दंपती संपर्क अभियान चलाकर योग्य लाभुकों की पहचान कर उसकी सूची तैयार करने का निर्देश दिया गया है। इसकी जिम्मेदारी आशा कार्यकर्ता और एएनएम को दी गई है। अभियान के दौरान परिवार नियोजन में पुरुषों की भागीदारी पर जोर दिया जाएगा। मिशन परिवार विकास अभियान का आयोजन सभी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल एवं सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में आयोजित किया जायेगा। अभियान के दौरान इच्छुक तथा योग्य दंपतियों को परिवार नियोजन के अस्थाई एवं स्थाई उपाय अपनाने के लिए प्रेरित भी किया जायेगा।

श्री पांडेय ने कहा कि गर्भनिरोधक सूई अंतरा सेवा की उपलब्धता अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के साथ साथ शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र एवं हेल्थ एवं वेलनेस सेंटर सहित स्वास्थ्य उपकेंद्र तक के सभी स्वास्थ्य ईकाइयों पर की गई है। आमजन में जागरूकता लाने के लिए प्रचार प्रसार के अंतर्गत सही उम्र में शादी, शादी के कम से कम दो साल के बाद पहला बच्चा, दो बच्चों में कम से कम तीन साल का अंतर, परिवार नियोजन के स्थायी एवं अस्थायी उपाय, परिवार कल्याण ऑपरेशन में पुरुषों की भागीदारी पर जोर देंगे।

हाईकोर्ट में कोरोना महामारी से निपटने को लेकर राज्य सरकार की तैयारी पर सुनवाई टली ।

#Covid19 पटना हाईकोर्ट में राज्य में कोरोना महामारी के नए वेरिएंट के बढ़ते प्रभाव के रोक थाम व नियंत्रित किये जाने के मामले पर सुनवाई कल 13 जनवरी,2022 तक टली। चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने शिवानी कौशिक व अन्य की जनहित याचिकाओं पर सुनवाई की।

पिछली सुनवाई में कोर्ट के समक्ष राज्य सरकार की ओर से एडवोकेट जनरल ललित किशोर ने इस महामारी के रोक थाम और नियंत्रित करने के लिए की जा रही कारवाइयों का ब्यौरा दिया।

इससे पहले की सुनवाई में कोर्ट ने राज्य सरकार को ये बताने को कहा था कि करोना महामारी के तीसरे लहर के रोकथाम और स्वास्थ्य सेवा की क्या कदम उठाए जा रहे है।।एडवोकेट जेनरल ने कोर्ट को बताया कि इस महामारी पर नियंत्रण के कई तरह के राज्य सरकार ने कदम उठाए हैं।

उन्होंने कोर्ट को बताया कि करोना महामारी के रोक थाम के दिए गए दिशानिर्देशों का पालन सख्त तरीके किया जा रहा है।सार्वजानिक स्थलों,सिनेमा,मॉल,पार्क आदि को फिलहाल बंद कर दिया गया।
साथ ही 10 रात्रि से सुबह पाँच बजे तक curfew भी प्रशासन ने लागू कर दिया है।
सरकारी,निजी दफ्तरों में कर्मचारियों के पचास फी सदी उपस्थिति के साथ ही कार्य होगा।स्कूलों कॉलेजों में भी इसी तरह की व्यवस्था की गई हैं।
उन्होंने कोर्ट को जानकारी देते हुए बताया कि राज्य में स्वास्थ्य सेवा को इसके महामारी से निबटने कार्रवाई करने को तैयार किया जा रहा।सभी सरकारी और निजी अस्पतालों में करोना मरीज के ईलाज के पूरी व्यवस्था सुनिश्चित की गई है।

कोर्ट को यह भी बताया गया कि अभी दो लाख व्यक्तियों का प्रति दिन टेस्ट किया जा रहा है।ऑक्सीजन की आपूर्ति व्यवस्था दुरुस्त है और अस्पतालों में ऑक्सीजन आपूर्ति के पूरी कार्रवाई हो रही है।

जो व्यक्ति करोना से पीड़ित हैं,उनके लिए ईलाज की व्यवस्था की गई है।उन्हें आवश्यक दवाएं उपलब्ध कराई जा रही है।अभी जो ओम्रिकोन नामक नए वेरिएंट के तेजी से बढ़ने के कारण स्थिति में परिवर्तन हो रहा है। दिल्ली,मुंबई जैसे शहरों से ले कर देश के अन्य भागों में ओम्रिकोन बहुत तेजी से फैल रहा है।

सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली हाईकोर्ट व अन्य कई हाई कोर्ट में ऑनलाइन सुनवाई शुरू कर दी गई है। इस स्थिति को देखते हुए पटना हाईकोर्ट में पिछले सप्ताह ऑनलाइन सुनवाई प्रारम्भ हो चुका है।

इस मामले पर 13 जनवरी, 2022को सुनवाई होगी।

लॉ कॉलेजों की संबद्धता मामले में आज हाईकोर्ट में हुई सुनवाई

पटना हाईकोर्ट ने राज्य के सभी सरकारी व निजी 27 लॉ कालेजों की संबद्धता के मामले की सुनवाई की। चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने कुणाल कौशल की जनहित याचिका पर सुनवाई करते बार कॉउन्सिल ऑफ इंडिया को inspection रिपोर्ट की कॉपी सम्बंधित पक्षों देने का निर्देश दिया।

पिछली सुनवाई में हाईकोर्ट ने इन कालेजों का निरीक्षण कर बार कॉउन्सिल ऑफ इंडिया को तीन सप्ताह में रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था।साथ ही कोर्ट ने कॉउन्सिल को जिन कॉलेजो को पढ़ाई जारी करने की अनुमति दी है, वहां व्यवस्था सम्बन्ध व सुविधाओं के सम्बन्ध में हलफनामा दायर करने को कहा था।

पिछ्ली सुनवाई में कोर्ट ने सभी लॉ कालेजों को बार काउंसिल ऑफ इंडिया के समक्ष एक सप्ताह में निरीक्षण हेतु आवेदन देने का निर्देश दिया था। साथ ही बार काउंसिल ऑफ इंडिया इन कालेजों का वर्चुअल या फिजिकल निरीक्षण करने का निर्देश दिया था।

बार काउंसिल ऑफ इंडिया के निरीक्षण कमेटी का रिपोर्ट बार काउंसिल ऑफ इंडिया के संबंधित कमेटी के समक्ष प्रस्तुत किया जाना था। यह कमेटी इनके रिपोर्ट पर निर्णय लेगी।

बार काउंसिल ऑफ इंडिया यह देखेगी कि विधि शिक्षा, 2008 के नियमों का पालन इन शिक्षण संस्थानों में किया जा रहा है या नहीं। इन लॉ कालेजों को पुनः चालू करने के लिए अस्थाई अनुमति देते हुए बार काउंसिल ऑफ इंडिया किसी भी प्रकार का नियमों में ढील नहीं देगी।

इससे पूर्व की सुनवाई में पटना हाईकोर्ट ने राज्य के सभी सरकारी व निजी लॉ कालेजों में नामांकन पर रोक लगा दिया था। साथ ही चांसलर कार्यालय, राज्य सरकार, संबंधित विश्वविद्यालय व अन्य से जवाब तलब किया गया था।

बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने कोर्ट के समक्ष रिपोर्ट पेश किया था, जिसमें यह कहा गया था कि राज्य में जो लॉ कालेज हैं, उनमें समुचित व्यवस्था नहीं है। योग्य शिक्षकों व प्रशासनिक अधिकारियों की भी काफी कमी हैं। इसका असर लॉ की पढ़ाई पर पड़ रहा है। साथ ही साथ बुनियादी सुविधाओं की भी कमी है।

याचिकाकर्ता के वकील दीनू कुमार ने कोर्ट को बताया कि राज्य के किसी भी सरकारी व निजी लॉ कालेजों में रूल्स ऑफ लीगल एजुकेशन, 2008 के प्रावधानों का पालन नहीं किया जा रहा है।

याचिकाकर्ता के ओर से कोर्ट में पक्ष प्रस्तुत करते हुए अधिवक्ता दीनू कुमार ने बताया कि राज्य में सरकारी व निजी लॉ कालेज 27 हैं, लेकिन कहीं भी पढ़ाई की पूरी व्यवस्था नहीं होने के कारण लॉ की पढ़ाई का स्तर लगातार गिर ही जा रहा है। इस मामले पर 17 जनवरी,2022 को फिर सुनवाई होगी।

मुजरा और तबला का कहरवा ताल बस यादो में ही शेष रह गयी है

कोई तीन दशक पहले तक राजपूत के बेटे की शादी में बारात निकलने से पहले एक खास तरह की तैयारी होती थी और उस तैयारी पर बरात के सबसे जिम्मेदार व्यक्ति की खास नजर रहती थी।कालीन ,मसलद ,इत्रदान ,गुलाब खास , पनबट्टा ,ट्रे के साथ साथ कई तरह के फल और ड्राई फ्रूट्स की विशेष तौर पर खरीदारी होती है। कालीन,इत्रदान ,गुलाब खास, पनबट्टा और कई तरह का ट्रे सभी चांदी से निर्मित होते थे ये सारी सामग्री इलाके के किस बाबू साहेब के पास बढ़िया है सबको पता रहता था और जैसे ही शादी ठीक होता था। सबको निमंत्रण के साथ सूचित कर दिया जाता था कि बेटे की शादी है आपके सहयोग की जरूरत है। जिनके पास इस तरह का सामान हुआ करता था वो शादी से दो तीन दिन पहले उसका अच्छे से सफाई करा कर शादी के एक दिन पहले मखमली कपड़े में सजा कर लड़के वाले के यहां भिजवा दिया करते थे।

मुजरा नाच की कला भी आधुनिकता की भेट चढ़ गया

ये सारी तैयारी मुजरा की महफिल राजशाही दिखे इसके लिए की जाती है इतना ही नहीं इलाके में एक दो लोग होते थे जिन्हें पता रहता था कि चतुर्भुजस्थान (मुजफ्फरपुर)या सोना गाछी (कोलकाता) की कौन सी तवायफ है जो अच्छा मुजरा गाती है ,उन्हें लड़के वाले विशेष तौर पर आमंत्रित करते थे ।

इन तमाम तैयारी में लड़के वाले के घर की महिलाएं भी शामिल रहती थी और कुछ छूटे नहीं इसका खास ख्याल रखती थी।
शादी की रात तवायफ की नाच में लड़के के परिवार वाले शामिल नहीं होते थे और कहां जाता था कि आज लड़की के गांव वाले के लिए नाच हो रहा है ,लेकिन शादी के कल होकर जिसे मरजाद कहां जाता था उस दिन खास तरह के नाच का आयोजन होता था एक तरफ लड़की वालो के यहाँ बकरा बनता रहता था दूसरा जहां बारात ठहरता था जिसे जनवासा कहां जाता था वहां दोपहर में खास तरह का महफिल सजता था इस महफिल में तवायफ पूरी तौर पर परम्परागत ड्रेस में आती थी और एक से एक मुजरा गाती थी उस महफिल में दूल्हा राजा भी बैठते थे।

इतना ही नही बाबा से लेकर पोता तक दमाद बाबू सब साथ बैठ कर मुजरा देखते थे मुझे आज भी दो शादी का कुछ कुछ याद है तबला ,ढोलक और हारमोनियम यही तीन चार वाद्ययंत्र हुआ करता था ,जुगलबंदी के साथ कार्यक्रम की शुरुआत होती थी और उस दौरान तवायफ की घुँघरू के साथ तबला ,ढोलक और हारमोनियम बजाने वाले का हाथ चलता था तवायफ की पैर में बंधी घुँघरु भी संगीत के लय के अनुसार थिरकती थी । गीत शुरु होने से पहले आधे घंटे तक यह जुगलबंदी चलता था इसी में पता चल जाता था कि जो तवायफ आयी वो संगीत की साधना में कितना निपुण है जहां तक मुझे याद है मामा की शादी में मुजफ्फरपुर से तवायफ आयी थी कोई चर्चित रही होगी वो एक गाना गायी थी पहली बार सूने थे और वह गीत मुझे इतना भाया कि आज भी जब मौका मिलता है सुन लेते है जी हैं वह गीत था Movie- दाग (1973),Music लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल,Lyrics By: साहिर लुधियानवी और लता मंगेशकर गायी हैं ,
जब भी जी चाहे, नई दुनिया बसा लेते हैं लोगएक चेहरे पे कई चेहरे, लगा लेते हैं लोग ।
क्या गायी थी वो पूरा महफिल शांत होकर उसके उस गीत को सुनता रहा इसी तरह के क्लासिकल संगीत का फरमाइस हुआ करता था ऐसे ही क्लासिकल संगीत से सराबोर रहता था वह महफिल ।

दो तीन वर्ष बाद मेरे दूसरे मामा जी के लड़के के शादी में एक बार फिर वही नर्तकी आयी थी दोपहर का कार्यक्रम चल रहा था गाना शुरू था मेरे जेहन में वो गाना इस कदर बस गया था कि मैं तवायफ को उसी गाने का फरमाइश कर दिया वो थोडा संकोच करने लगी ना ना वो गाना मैं नहीं गाती और मैं कहां रहा था आप ही गायी थी ,
तभी वो अपने टीम की ओर इशारा किया और वो भागा भागा गया और एक खूबसूरत डायरी लेकर आया और फिर वो डायरी पलटी और गाना शुरू की मामा जी का आदेश हुआ भगिना का फरमाइश है ऐगेन रिपीट और वो पूरे कार्यक्रम के दौरान तीन बार गायी , मामा जी से पैसा दिये भगिना दीजिए इनको ।

वो क्या दौर था उसकी आप लाख आलोचना कर ले लेकिन इस तरह के कार्यक्रम से संगीत की गहराई और तवायफ ही सही लेकिन उसको देख कर एक तहजीव की समझ तो पुरुषों में जरुर बनता था।

वर्षो बाद सोशल मीडिया पर पोस्ट के साथ जो वीडियो लगा है देखने को मिला पिछले तीन दिनों में कितनी बार देखे हैं कह नहीं सकते हर बार मुजरा और तबला का वो कहरवा ताल जो अब बीते दिनों की बात हो गयी।
कहां कही सुनने को मिलता है क्या क्लास है साड़ी और घूँघट में आज जो कहर ढाह सकती है दुनिया में कोई दूसरा ड्रेस नहीं है जो इस तरह कहर ढाह सके।

वेंटिलेटर के संचालन हेतु कर्मियों को मिलेगा और बेहतर प्रशिक्षण -स्वास्थ्यमंत्री

#Covid19 इलाज के लिए जिलों को केंद्र से चिह्न्ति दवाओं की उपलब्धता करायी जा रही सुनिश्चित : मंगल पांडेय

पटना। स्वास्थ्य मंत्री श्री मंगल पांडेय ने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग तत्परता से काम कर रहा है। कुशल रणनीति के तहत विभाग कोरोना संक्रमण की रोकथाम और उपचार में लगा है। इसी क्रम में स्वास्थ्य विभाग द्वारा सभी जिलों में केंद्र से चिह्नित जरूरी दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करायी जा रही है। वहीं कोरोना के बेहतर उपचार के लिए राज्य के सरकारी अस्पतालों में वेंटिलेटर संचालन एवं रख-रखाव के लिए मेडिकल कॉलेजों एवं जिलों में पदस्थापित डॉक्टरां और कर्मियां को प्रशिक्षित करने की प्रक्रिया जारी है।

श्री पांडेय ने कहा कि कोरोना मरीजों के बेहतर इलाज के लिए सभी सिविल सर्जनों और मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल के अधीक्षकों को आवश्यक निर्देश दिये गये हैं। इसके लिए जिलों को कोरोना इलाज के चिह्नित दवाइयां र्प्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराया गया है। बीएमएसआईसीएल द्वारा इन दवाओं को चिकित्सा महाविद्यालय सह अस्पतालों एवं सभी जिलों को केस के आधार पर दवाइयां लगातार आवंटित की जा रही है। वहीं वेंटिलेटर की उपयोगिता को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को अत्यधिक विशिष्ट बनाने के लिए उसे सुचारू रूप संचालित करने के लिए चिकित्सक एवं पारामेडिकल स्टाफ के रिफ्रेशर प्रशिक्षण की आवश्यकता महसूस की गई है। ऐसे में चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल से लेकर जिला अस्पताल एवं अन्य स्वास्थ्य संस्थानों में पदस्थापित चिकित्सकों एवं पारा मेडिकल स्टाफ को वेंटिलेटर के संचालन एवं रख-रखाव के लिए और बेहतर प्रशिक्षण हेतु एम्स, पटना से समन्वय बनाया गया है।

श्री पांडेय ने कहा कि कोविड संक्रमण से उत्पन्न वर्तमान स्थिति में गंभीर रोगियों के उपचार को ध्यान में रखते हुए आक्सीजनयुक्त बेड, आईसीयू बेड एवं वेंटिलेटर समेत अन्य व्यवस्थाओं को सुदृढ़ किया गया है। इसी क्रम में सरकार द्वारा चिकित्सा महाविद्यालय अस्पतालों यथा सभी जिलों के सदर अस्पतालों में वेंटिलेंटर अधिष्ठापित कर दी गई है। साथ ही उसके संचालन के लिए कई चरणों में डॉक्टरां एवं कर्मियों को प्रशिक्षण दिया जृा चुका है।

बिहार में कोरोना का सुनामी पटना बना हाॅट स्पोट

#Covid19 बिहार में कोरोना का सुनामी जारी है आज शाम तक जारी आकड़ों के अनुसार आज 5908 लोग पॉजिटिव पाए गए। वहीं, 5 लोगों की मौत भी हुई है। मृतकों में NMCH से 2, साईं हॉस्पिटल से 1, PMCH से 1 और भागलपुर से एक संक्रमित शामिल हैं। अकेले पटना में 2202 लोग पॉजिटिव पाए गए हैं। इधर, सोमवार को कोरोना के 4,737 नए मामले सामने आए, जो रविवार के आंकड़े से 6% कम है लेकिन इस दौरान रविवार की तुलना में जांच भी कम हुआ । रविवार को 5,022 कोरोना केस आए थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने CM नीतीश कुमार से फोन पर बात कर उनका हालचाल जाना। नीतीश कोरोना पॉजिटिव होने के बाद से होम आइसोलेशन में हैं।

वही बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा है कि नये वैरियंट की वजह से बढ़ता कोरोना संक्रमण जब विशिष्ट व्यक्तियों, डाक्टरों और राजनीतिक कार्यकर्ताओं को भी अपनी चपेट में ले रहा है, तब आम नागरिकों को ज्यादा सावधानी बरतनी चाहिए।

उम्र या बीमारी के कारण जिन्हें बूस्टर डोज की जरूरत है, उन्हें इसके लिए बेहिचक आगे आना चाहिए।

  1. कोरोना की तीसरी लहर का सामना करने के लिए वैक्सीन की कोई कमी नहीं है। केंद्र सरकार ने बिहार सहित सभी राज्यों को 156.05 करोड़ डोज उपलब्ध करायी है। स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है। अभी संक्रमितों में केवल 5 से 10 फीसद लोगों को ही अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत है।

लोगों को भयभीत होने के बजाय मास्क, दूरी और होम आइसोलेशन के जरिये स्वयं को सुरक्षित करना चाहिए।

अब दिल्ली में गया के तिलकुट और भागलपुरी कतरनी चूरा का लुत्फ़ उठा सकेंगे बिहारवासी, मकर संक्रांति के मौक़े पर बिहारिका की ख़ास पहल

अब दिल्ली में गया के तिलकुट और भागलपुरी कतरनी चूरा का लुत्फ़ उठा सकेंगे बिहारवासी, मकर संक्रांति के मौक़े पर बिहारिका की ख़ास पहल

• बिहारिका में तिलकुट, चूरा, गुड़, लाई, मखाना उपलब्ध

• बिहार के अलग-अलग ज़िलों से मंगवाए गए पकवान

• बिहार की संस्कृति को सहज तरीक़े से प्रसारित करने का ‘बिहारिका’ एक सुलभ माध्यम बनकर उभरा है।

• “बिहारिका न सिर्फ़ दिल्ली में स्थित बिहार के निवासियों के लिए बिहार से जुड़ने का एक मौक़ा है बल्कि वहाँ के कारीगरों, बुनकरों और किसानों को आर्थिक रूप से सहयोग करने का एक रास्ता भी है,” स्थानिक आयुक्त, बिहार भवन

नई दिल्ली के बिहार निवास, चाणक्यपुरी स्थित ‘बिहारिका’ में आगामी मकर संक्रांति को लेकर तैयारियाँ शुरू हो गईं है। बिहार की कला देहरी, बिहारिका, में बिहार के अलग-अलग ज़िलों के हस्तशिल्प और हथकरघा निर्मित उत्पादों के अलावा खाने-पीने की चीज़ों को भी शामिल किया गया है। इनमें गया का तिलकुट, भागलपुरी कतरनी चूरा, गुड़, मटकी दही, धनरुआ की लाई, मिथिला मखाना और अन्य खाद्य पदार्थ शामिल हैं। 11 जनवरी मंगलवार से 14 जनवरी तक ये सामान उपलब्ध होंगे।

स्थानिक आयुक्त, पलका साहनी (भाप्रसे) ने बताया, “राजधानी दिल्ली में रहने वाले बिहार के वे लोग जो खास तौर पर वहाँ त्योहारों पर बिहार के पकवान को मिस करते हैं, उनके लिए हमने इस पहल की शुरुआत की है। बाजार में उपलब्ध कतरनी चूरा की गुणवत्ता उत्तम मानी जाती है। यह बेहद नरम और सुगंधित होता है। चावल की इस किस्म की न केवल भागलपुर जिले में बल्कि पूरे देश में भारी मांग है। ऐसा माना जाता है कि कतरनी चावल की सुगंध और स्वाद, इस जिले में प्राकृतिक रूप से बनने वाले पर्यावरण का एक उपहार है। बिहारिका में गया का तिलकुट भी उपलब्ध है। हमने अक्सर ये महसूस किया है कि बिहार के पकवानों की दिल्ली में बहुत मांग है। देश-विदेशों तक तिलकुट, लाई और खाजा को पसंद किया जाता है। हमें विश्वास है कि आने वाले समय में राजधानी दिल्ली और बिहार की दूरी बिहार राज्य के व्यंजन और कला से पाट दी जाएगी।”

ज्ञात हो कि बिहार से 300 किलो उच्च क्वालिटी का कतरनी चूड़ा, 100 किलो चावल, 50 किलो गुड़ और गया का खास्ता तिलकुट बिहार भवन भेजा गया है।

पवित्र पिंड दान और गौतम बुद्ध के अलावा, तिलकुट गया जी की संस्कृति है

माना जाता गया के रमना मोहल्ले में तिलकुट की शुरू हुआ। टेकरी रोड, कोइरीबाड़ी, स्टेशन रोड समेत कई इलाकों में तिलकुट के कारीगर रहते हैं। रमना रोड और टेकरी के कारीगरों द्वारा बनाया गया तिलकुट आज भी बहुत स्वादिष्ट होता है। वे बताते हैं कि कुछ ऐसे परिवार भी गया में हैं, जिनका पारिवारिक पेशा यह हो गया है। खस्ता तिलकुट के लिए मशहूर गया का तिलकुट झारखंड, पश्चिम बंगाल, दिल्ली, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र समेत अन्य राज्यों में भेजा जाता है।

भगवान बुद्ध और ‘तिल’ का संबंध

ऐसा माना जाता है कि बुद्ध तिल (तिल) खाने पर जीवित रहे जब उन्होंने बोधगया में वर्तमान महाबोधि मंदिर के पास उरुवेला में कठोर तपस्या का अभ्यास करना शुरू किया। पाली सूत्रों का उल्लेख है कि उन्होंने कम से कम भोजन और पानी लेना शुरू कर दिया, ऐसा कहा जाता है कि उन्होंने शायद ही कभी खाया। वह केवल उबलते चावल (अकामा) (मांड), या तिल के बीज (पिनाका) से तेल निकाले जाने के बाद बचे हुए ठोस पदार्थों से बचे हुए पर जीवित रहना शुरू कर दिया। वह आगे प्रतिदिन केवल चावल या तिल के एक दाने पर जीवित रहने लगे। वह कमजोर और पतला हो गया और इस अवस्था के बाद ही उसने मध्य मार्ग का अनुसरण करने का फैसला किया और अंत में आत्मज्ञान प्राप्त किया।

श्रीमती साहनी ने आगे बताया, “बिहार में मकर संक्रांति को सकरात या खिचड़ी भी बोला जाता है। देश के किसानों के प्रति आभार प्रकट करते हुए ताजे खेती वाले चावल का उपयोग ‘खिचड़ी’ बनाने के लिए किया जाता है जिसे सकरात की शाम घी, पापड़, दही और अचार के साथ परोसा जाता है। बिहारिका में नये चावल की खेप भी आई है जिसे आम लोग 14 तारीख़ से पहले आसानी से ख़रीद सकते हैं। इसके अलावा मटकी वाली ताजे दूध की दही, गुड़ और बिहार के धनरुआ में निर्मित खोये और रामदाने की लाई भी उपलब्ध है। बिहारिका न सिर्फ़ दिल्ली में स्थित बिहार के निवासियों के लिए बिहार से जुड़ने का एक मौक़ा है बल्कि वहाँ के कारीगरों, बुनकरों और किसानों को दूर रहते हुए भी आर्थिक रूप से सहयोग करने का एक रास्ता भी है। बिहार की संस्कृति को सहज तरीक़े से प्रसारित करने का बिहारिका एक सुलभ माध्यम बनकर उभरा है।“

#MakarSankranti2022 #MakarSankranti

हाजीपुर पासवान चौक के जाम पर हाईकोर्ट में याचिका दायर

हाजीपुर के नेशनल हाईवे – 19 पर स्थित पासवान चौक पर लगातार जाम की समस्या समाप्त करने व फ्लाईओवर का निर्माण किये जाने के मामले पर पटना हाईकोर्ट ने सुनवाई की। अधिवक्ता राजीव रंजन सिंह की जनहित याचिका सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस संजय करोल की डिवीजन बेंच ने याचिकाकर्ता को सम्बंधित अधिकारी को representation देने का निर्देश दिया।


अधिवक्ता राजीव रंजन सिंह ने हाजीपुर एन एच 19 पर स्थित पासवान चौक होने वाले ट्राफिक जाम से होने वाली समस्या पर जनहित याचिका दायर किया।साथ ही उन्होंने सड़क की चौडाइ बढ़ाने व फ्लाईओवर बनाने की माँग इस जनहित में किया।
डिवीजन बेंच ने अधिवक्ता राजीव रंजन सिंह की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ता को आदेश पारित करने की तिथि से चार सप्ताह के भीतर अभ्यावेदन दायर करने को कहा है। संबंधित अधिकारी को चार महीने के भीतर अभ्यावेदन पर विचार करते हुए उचित आदेश पारित करते हुए निष्पादित करने को कहा गया है।


कोविड – 19 महामारी के मद्देनजर कार्यवाही को डिजिटल मोड में करने को कहा गया है, जब तक कि संबंधित पक्ष फिजिकल मोड के लिए सहमत नहीं हो जाते हों। साथ ही याचिकाकर्ता को कोर्ट द्वारा इस बात की भी छूट दी गई है कि जरूरत पड़ने पर इस वजह से या आगे भी किसी वजह से कोर्ट के समक्ष मामले को ला सकता है।

बीजेपी विधायक रश्मि वर्मा का बयान पार्टी हल निकाल देगी

विधायक पद से इस्तीफा की पेशकश करने के बाद आज पहली बार रश्मि वर्मा भाजपा कार्यालय पहुंची जहां प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल के कक्ष में उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद और प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल से उनकी मुलाकात हुई । आधे घंटे तक बंद कमरे में हुई मुलाकात के बाद जब वो बाहर निकली तो मीडिया से बात करते हुए कहा- सब ठीक है। लेकिन रश्मि वर्मा जिस अंदाज में मीडिया के सवालों से बच रही थी उससे साफ लग रहा था कि वो अंदर से काफी व्यथित है कई बार आसूं निकलते निकलते रोक ली ।

उप मुख्यमंत्री ने रश्मि वर्मा के त्यागपत्र का किया बचाव

हालांकि उन्होंने ये माना कि वो इस्तीफा देने का मन बना रहीं थी, लेकिन फिर पार्टी ने उनकी परेशानी का खत्म करने का भरोसा दे दिया है, इसलिए अब वो ऐसा नहीं करेंगी। रश्मि वर्मा को मीडिया के सवालों से घिरा देख उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद आगे आए और उन्हें कार्यक्रम में जल्द चलने की बात कही।

विधायक रश्मि वर्मा चेहरे चेहरे से बहुत कुछ कह गयी

वैसे रश्मि वर्मा भले ही मीडिया के सवालों से बचती रही लेकिन उनके चेहरे का भाव जता दिया कि कोई तो बात है ।

बिहार के युवाओं ने इंडिया स्किल्स प्रतियोगिता में लहराया परचम: 4 स्वर्ण, 2 रजत और 5 कांस्य पदक जीता।

इंडिया स्किल्स 2021 की राष्ट्रीय प्रतियोगिता दिल्ली में आयोजित की जा गयी, देश भर से 500 से अधिक प्रतियोगी 54 औद्योगिक क्षेत्रों से अपनी प्रतिभा दिखाने के लिए प्रतियोगिता में भाग लिया| सभी कौशल प्रतियोगिताओं के विजेताओं को आज दिनांक 10 जनवरी 2022 को सम्मानित किया गया ।

उन्होंने ने कहा कि यह हमारे लिए गर्व की बात है और बहुत बड़ा अवसर है कि बिहार के युवाओं ने अपने कौशल का जौहर राष्ट्रीय स्तर पर दिखाया है और विजेता बनें हैं| हम सभी विजयी प्रतिभागियों को अपनी ओर से शुभकामना देते हैं । साथ ही NSDC और बिहार कौशल विकास मिशन के पदाधिकारियों और कर्मियों को भी इस जीत में साथ देने के लिए आभारी हैं, इस कोरोना काल में आपका योगदान अतुलनीय है ।

बिहार से – श्री उत्सव ने ग्राफ़िक डिजाईन, आई टी नेटवर्क सिस्टम एंड एडमिनिस्ट्रेशन में श्री बद्रीनाथ ने, रिन्यूएबल एनर्जी में श्री रौशन कुमार, और सुश्री ताविसी तन्नु ने विजुअल मर्चेडाइजिंग में स्वर्ण जीता, जबकि रेस्टुरेंट सर्विस में सुश्री अदिति और आई टी नेटवर्क सिस्टम एंड एडमिनिस्ट्रेशन में श्री अमित ने रजत जीता, वहीं कांस्य पदक, फैशन टेक्नोलोजी में सुश्री रिनिता निगोई, कैबिनेट मेकिंग में श्री राजेश शर्मा, ब्रेकरी में सुश्री दीपाली राज, सुश्री बागिषा जैन ने ग्राफ़िक डिजाईन में और रिन्यूएबल एनर्जी में श्री अभिषेक ने जीता|

माननीय मंत्री ने कहा कि बिहार हमेशा से शोध और कौशल का धरती रही है। आर्यभट्ट, चाणक्य, वानभट्ट एवं वशिष्ट नारायण जैसे सरीखे नामों और उनके कौशल कला से पूरी दुनिया परिचित है। बात विक्रमशिला की हो या प्रचीनतम नालंदा विश्वविद्यालय की यहां विश्व के अनेक प्रसिद्ध नामचीन व्यक्तित्व ने विद्या और कौशल को सीखा है| जिसकी ऐतिहासिक और सामाजिक पृष्ठभूमि से आज भी हम सब रु-ब-रु होते रहते हैं|

मुझे यकीन है कि श्रम संसाधन विभाग के अंतर्गत संचालित, बिहार कौशल विकास मिशन और एनएसडीसी के आपसी समन्वय और सहयोग से, इस जीत को विश्व युवा कौशल प्रतियोगिता के मंच पर भी प्रदर्शित करेंगे| सभी सफल युवा अपना कौशल का प्रदर्शन चीन के संघाई में 2022 में आयोजित होने वाले विश्व युवा कौशल प्रतियोगिता में अपना अपना परचम लहराएँ, ऐसी हमारी मंगल कामना है|

पटना हाई कोर्ट ने स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) में सरकारी धन के कथित गबन की जांच करवाने के मामले में याचिकाकर्ता पर दस हजार रुपये का अर्थदंड लगाया।

पटना हाई कोर्ट ने स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) में सरकारी धन के कथित गबन की जांच करवाने व जिम्मेदार कर्मियों के विरुद्ध कार्रवाई करने के लिए दायर जनहित याचिका पर सुनवाई कर याचिकाकर्ता पर दस हजार रुपये का अर्थदंड लगाया। चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने विशाल सिंह की जनहित याचिका पर सुनवाई कर ये आदेश दिया।
अरवल जिला के रामपुर बैणा पंचायत की मुखिया पर स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) में सरकारी धन के गबन का आरोप लगाते हुए विशाल सिंह ने एक जनहित याचिका दायर की गई थी। याचिका के जरिये जांच और कार्रवाई का आदेश देने का अनुरोध कोर्ट से किया था।

इस मामले में अरवल के बी डी ओ द्वारा गठित की गई जांच को पूरा करने और प्राथमिकी दर्ज करने हेतु आदेश देने की भी माँग किया गया था।
इस जनहित याचिका में खास बात यह भी थी कि याचिकाकर्ता ने अपने चाचा सतीश कुमार सिंह और उनकी मुखिया(रामपुर बैणा पंचायत )पत्नी बिमला देवी पर भी बारह – बारह हजार रुपये लेने का आरोप लगाया था। कहा गया था कि पैतृक जमीन पर पूर्वजों द्वारा बनाये गए शौचालय के नाम पर ही पैसा का गबन किया गया।

राज्य सरकार के अपर महाधिवक्ता अंजनी कुमार ने कोर्ट को बताया कि यह कोई जनहित का मामला नहीं प्रतीत होता है, इसलिए याचिकाकर्ता पर अर्थदंड लगाया जाना चाहिए। कोर्ट ने इस बात पर अपनी सहमति जताते हुए याचिकाकर्ता पर दस हजार रुपये का अर्थदंड लगाया।

महत्वपूर्ण बात यह भी है कि याचिका कर्ता द्वारा इसी मामले को लेकर पूर्व में भी पटना हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी, जिसे कोर्ट ने निष्पादित कर दिया था।

बेपरवाह बिहार कोरोना के फर्जी जांच का हुआ खुलासा

#Covid19 बिहार में कोरोना को लेकर स्वास्थ्य विभाग कितना सजग है इसको लेकर आये दिन खबर आती रहती है नया मामला समस्तीपुर से जुड़ा है जहां एक पॉजिटिव व्यक्ति का सीरम एक ही क्षेत्र के 115 लोगों के अलग-अलग नाम से RT-PCR जांच के लिए भेज दिया। इससे सबकी रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई। इससे पहले नालंदा में जहां देश में जिस वैक्सीन का अब तक बच्चों पर ट्रायल ही नहीं हुआ है कोवीशील्ड वो वैक्सीन दो बच्चों को लगा दिया । समस्तीपुर में दो दिन पहले एक स्वास्थ्य कर्मचारी ने एक पॉजिटिव व्यक्ति का सीरम एक ही क्षेत्र के 115 लोगों के अलग-अलग नाम से RT-PCR जांच के लिए भेज दिया। इससे सबकी रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया। मौके पर स्वास्थ्य विभाग की टीम भेजी गई तब पता चला कि जिन लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव है, वे एकदम भले-चंगे हैं।

मामला कल्याणपुर प्रखंड का है। मामले का खुलासा होने के बाद DM योगेंद्र सिंह के आदेश पर सिविल सर्जन डॉ. सत्येंद्र कुमार गुप्ता ने स्वास्थ्य कर्मी दिनेश झा को निलंबित कर दिया। इस मामले में जांच के लिए कल्याणपुर PHC प्रभारी के नेतृत्व में तीन सदस्यीय कमेटी बनाई गई है। दो दिन में जांच रिपोर्ट मांगी गई है।हुआ ऐसा कि कल्याणपुर PHC (प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र) से 5 जनवरी को 115 लोगों का सैंपल जांच के लिए IGIMS (इंदिरा गांधी आयुर्वेदिक संस्थान) पटना भेजा गया था। 7 जनवरी को सबकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। रविवार को कल्याणपुर टीम भेजी गई। जांच में पता चला कि PHC में एक व्यक्ति की एंटीजन रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। कर्मचारी दिनेश झा ने पॉजिटिव व्यक्ति के सीरम को अलग-अलग रख कर 115 लोगों का सैंपल बना लिया और जांच के लिए पटना भेज दिया था।          

इसके पीछे कि कहानी यह है कि आज कल पूरे बिहार में कोरोना जांच किट स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों द्वारा बाजार में बेचा जा रहा है ,विभागीय लोगों का कहना है कि स्टॉक मिलाने के चक्कर में यह गलती हो गयी और मामला प्रकाश में आ गया फिलहाल उक्त स्वास्थ्य कर्मी पर प्राथमिकी दर्ज करने पर विभाग विचार कर रही है ।

वही मुख्यमंत्री के गृह जिला नालंदा में पिछले सप्ताह देश में जिस वैक्सीन का अब तक बच्चों पर ट्रायल ही नहीं हुआ है,  2 बच्चों को उसी वैक्सीन की डोज लगा दी गई। स्वास्थ्य विभाग की इस लापरवाही के शिकार दोनों भाई पीयूष रंजन और आर्यन किरण बिहारशरीफ की प्रोफेसर कॉलोनी के रहने वाले हैं। उन्होंने बताया कि हमने रविवार को कोवैक्सिन के लिए स्लॉट बुक कराया था। इसके बाद आज हम 10 बजे के करीब नालंदा स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित टीकाकरण केंद्र IMA हॉल गए।वहां सारी प्रक्रिया पूरी होने के बाद हमने टीका लगवाया। टीकाकरण के बाद पता चला कि हम दोनों को कोवैक्सिन की जगह कोवीशील्ड का टीका लगा दिया गया है।हालांकि इस मामले में सरकार उपाधीक्षक को हटा दिया है और जांच गठित कर दिया है लेकिन सवाल यह है कि पूरी मशीनरी लगने के बावजूद इतनी बड़ी गलती कैसे हो जा रही है इसी तरह 2020 में कोरोना वैक्सीन के दौरान फर्जी मोबाइल नम्बर के इस्तेमाल का मामला सामने आया था और इसको लेकर सरकार की बड़ी किरकरी हुई थी ।