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बिहारी देश की रक्षा के लिए याद किये जाते हैं

बिहार बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने बिहार में जारी हिंसा को लेकर मीडिया से बात करते हुए कहां है कि बिहार में पांच दिनों से जो चल रहा है उसके पीछे बिहार के विरोधी दल शामिल है और एक खास एजेंडा के तहत बिहार को तबाह किया जा रहा है।

बिहार में जो भी हो रहा है वह एक सुनियोजित रूप से साजिश का हिस्सा है वही इस दौरान प्रशासन की भूमिका अच्छी नहीं है। उपद्रवी एक रणनीति के तहत बीजेपी के पार्टी दफ्तर और नेता को टारगेट कर रहा है छात्रों को लगता है कि उसके भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है तो उन्हें हम लोगों से बात करनी चाहिए ।

हालांकि बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष के इस बयान से ना तो उनके सहयोगी जदयू और हम पार्टी इत्तेफाक रखते हैं बात विपक्ष की करे तो पहले से ही इस योजना को लेकर बीजेपी पर हमलावर है । वही बिहार के कई पूर्व सैनिकों ने संजय जायसवाल के इस बयान को बिहार के शहीद सैनिक के प्रति अपमान बताया है और मांग किया है कि सरकार आक्रोशित छात्रों से बात करे क्यों कि जिन इलाकों में हिंसा हो रही है ये वही इलाका है जिन इलाकों से सबसे अधिक युवा भारतीय फौज में है साथ ही इन इलाकों के युवा फौज में जाने को लेकर होश सम्भालते ही तैयारी शुरु कर देते हैं ।

देश को जब भी जरूरत पड़ी बिहारी सबसे आगे रहा है

कारगिल युद्ध में बिहार के 16 सैनिक शहीद हुए थे । वही हाल ही में लद्दाख के गलवान घाटी में LAC पर चीनी सैनिकों के साथ जो हिंसक झड़प हुई थी उसमें भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हुए। इनमें से 5 जवान बिहार के थे, जिसमें से 4 सिपाही और एक हवलदार थे।

आज जिस मसौढ़ी में सबसे ज्यादा बवाल हुआ है वो वही मसौढ़ी है जहां सेना के शहादत की लम्बी फेहरिस्त रही है ऐसा एक भी गांव नहीं है जिस घर में सेना और पैरामिलिट्री फोर्स का जवान ना हो हाल ही में गलवान घाटी में भारत-चीन झड़प में शहीद हुए जवान इसी इलाके के तारानगर सिकरिया गांव के सुनील कुमार थे जो चीनी सैनिक से लड़ते हुए शहीद हो गये थे ।याद है पुलवामा की घटना उस घटना में भी तारेगना मठ निवासी सीआरपीएफ के हवलदार संजय कुमार सिन्हा शहीद हो गये थे इसी तरह कारगिल युद्ध में शहीद हुए नायक गणेश प्रसाद यादव इसी इलाके से थे ।

इसी तरह बक्सर,आरा ,नवादा .समस्तीपुर,सहरसा,मधेपुर,वैशाली छपरा ,सिवान सहित जिन जिलों में सबसे अधिक हिंसा हुई है उन जिलों में देश के लिए शहीद हुए जवानों में कई नाम दर्ज है। कारगिल युद्ध में बिहार के जो 16 जवान शहीद हुए थे वे सभी इन्हीं उपद्रव ग्रस्त इलाके से आते है और आज भी इन इलाकों का युवा होश संभालते ही सेना बनने के लिए दौर शुरु कर देता है ।

कारगिल में शहीद बिहारी जवान मेजर चन्द्र भूषण द्विवेदी (शिवहर), नायक गणेश प्रसाद यादव (पटना), नायक विशुनी राय (सारण) नायक नीरज कुमार (लखीसराय),नायक सुनील कुमार (मुजफ्फरपुर),लांस नायक विद्यानंद सिंह (आरा)लांस नायक राम वचन राय (वैशाली), हवलदार रतन कुमार सिंह (भागलपुर),अरविंद कुमार पाण्डेय (पूर्वी चम्पारण),प्रमोद कुमार (मुजफ्फरपुर),शिव शंकर गुप्ता (औरंगाबाद),हरदेव प्रसाद सिंह (नालंदा)एम्बू सिंह (सीवान),रमन कुमार झा (सहरसा) हरिकृष्ण राम (सीवान), प्रभाकर कुमार सिंह (भागलपुर)

गलवान घाटी में LAC पर चीनी सैनिकों के साथ जो हिंसक झड़प में शहीद हुए जवान कुंदन कुमार सहरसा, अमन कुमार समस्तीपुर, चंदन यादव भोजपुर,कुंदन ओझा भोजपुर जय किशोर सिंह वैशाली और सुनील कुमार पटना से थे। कल सुबह मोहिउद्दीननगर में जहां ट्रेनों में आग लगायी गयी थी अमन कुमार सिंह उसी स्टेशन से बॉर्डर पर जाने के लिए ट्रेन पकड़ते थे।

हाल ही में लद्दाख में 26 जवानों से भरी बस नदी में गिर गई थी. इस सड़क हादसे में सात जान शहीद हो गए थे. इसमें पटना के पालीगंज के रहने वाले लाल रामानुज प्रसाद (Ladakh Accident Ramanuj Yadav Martyred) भी शामिल थे।

पुलवामा हमले में बिहार के दो जवान शहीद हुए थे रतन कुमार ठाकुर कहलगांव भागलपुर के रहने वाला था और पटना मसौढ़ी का संजय कुमार सिन्हा थे । बक्सर के विक्रम सिंह की शहादत को कौन भूल सकता है ऐसे में अग्निवीर को लेकर बिहार में जारी हिंसा को जाति और राजनीति के चश्मे से ना देखे बिहार ने देश की सरहद की हिफाजत में बहुत कुछ खोया है और ये जो हिंसा पर उतारु जो युवा है उसमें बहुत सारे ऐसे हैं जिनमें देश के लिए लड़ने और शहीद होने का जजवा है ।ऐसे में इस हिंसा को एक खास जाति ,राजनीति और उपद्रवी तत्वों से जोड़ कर देखना सत्य से मुंह चुड़ाने जैसा होगा।

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