ये जनहित याचिका चंद्र प्रकाश सिंह ने दायर की है। अधिवक्ता राजीव कुमार सिंह ने बताया कि इस जनहित याचिका में बिहार मेडिकल सर्विसेस एंड इंफ्रास्ट्रक्चर कॉर्पोरेशन के जनरल मैनेजर के द्वारा जारी किए गए टेंडर रेफेरेंस को रद्द करने के लिए दायर की गई है। ये टेंडर जनरल मैनेजर के हस्ताक्षर से 4 फरवरी,2022 को जारी की गई थी।
स्वास्थ्य विभाग के निर्देश पर बीएमएसआईसीएल द्वारा निकाली गई निविदा में GFR,BFR और केंद्रीय सर्तकता आयोग के नियमों की अवहेलना की गई है। साथ ही कंपनी विशेष को लाभ देने के लिए बीड का निर्माण किया गया है।
इससे राजकीय राजकोष को कई करोड़ का घाटा लग सकता है।बीएमएसआईसीएल द्वारा जारी इस निविदा में (QCMS) क्यूसीएमएस के तहत निविदा प्रकाशित की गई है ,जो कि भारत सरकार के वित्त विभाग के नियमावलीऔर बिहार सरकार के वित्त विभाग के नियमावली के विरुद्ध है ।
किसी खास कंपनी के लिए बनाए गए इस बीड में पूरी तरह से भारत सरकार द्वारा जारी निर्देशों की अवहेलना की गई है। याचिका में पटना हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज या वर्तमान जज की अध्यक्षता में जांच कमेटी गठित करने अथवा किसी केंद्रीय एजेंसी से टेंडर जारी करने के तरीक़े की जांच कराने का अनुरोध किया गया है।
इस जनहित याचिका में ये आरोप लगाया गया है कि टेंडर में पारदर्शिता नहीं बरती गई है और मनमाने ढंग से जारी कर दिया गया है।इस मामलें पर शीघ्र सुनवाई होने की संभावना है।