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सरकारी मानदेय पाने वाले नहीं लड़ सकते है पंचायत चुनाव ,नेपाल की बेटी को नहीं मिलेगा आरक्षण का लाभ

बिहार में पंचायत चुनाव की उलटी गिनती शुरु हो गयी है 24 अगस्त को चुनाव की अधिसूचना जारी होने वाली है। इससे पहले आयोग ने पंचायत चुनाव लड़ने वालो को लेकर एक अर्हता (योग्यता)जारी किया है जिसमें सरकार ने मानदेय पर काम करने वाले कर्मी चुनाव नहीं लड़ सकते हैं।

साथ ही वैसी लड़किया जिसकी शादी भारत में हुई है और वो नेपाल की रहने वाली है ऐसी लड़कियों को नेपााल के जाति प्रमाण पत्र के आधार पर आरंक्षण का लाभ नहीं मिलेगा ।राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा जारी पत्र के अनुसार विशेष शिक्षा परियोजना, साक्षरता अभियान, शिक्षा केंद्रों पर मानदेय पर कार्यरत अनुदेशक, पंचायत के अधिन मानदेय व अनुबंध पर कार्यरत शिक्षा मित्र, न्याय मित्र, विकास मित्र, टोला सेवक व दलपति केंद्र व राज्य सरकार या किसी स्थानीय प्राधिकार से वित्तीय सहायता पाने वाले शैक्षणिक-गैर शैक्षणिक संस्थानों में कार्यरत कर्मचारी, रसोइया व मानदेय पर कार्यरत कर्मी, गृहरक्षक एवं सरकारी वकील भी पंचायत चुनाव नहीं लड सकेंगे और ना ही किसी भी पद के लिए किसी व्यक्ति का प्रस्तावक ही बन सकते हैं।इतना ही नहीं आंगनबाडी केंद्र पर तैनात सेविका व सहायिका भी किसी भी पद के लिए चुनाव नहीं लड़ सकेगी और ना ही वे चुनाव मैदान में उतरने वाले अभ्यर्थी की प्रस्तावक ही बन सकेगी।

कौन कौन प्रस्तावक बन सकता है —-

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में किसी पद के प्रस्तावक होने के लिए संबंधित प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्र के वोटर लिस्ट में नाम होना जरूरी है। वहीं, 21 वर्ष से कम आयु वर्ग वाले किसी का प्रस्तावक नहीं बन सकेंगे। प्रस्तावक बनने के लिए भारत का नागरीक होना जरूरी है। केंद्र व राज्य सरकार सहित किसी स्थानीय प्राधिकार की सेवा में रहने वाले व्यक्ति भी प्रस्तावक नहीं बनेंगे। सक्ष्म न्यायालय द्वारा विकृतचित घोषित व्यक्ति एवं कोर्ट से राजनीतिक अपराध से अलग किसी भी अपराध के लिए छह महिने के कारावास की सजा पाने वाले व्यक्ति किसी का प्रस्तावक नहीं होंगे। वहीं, एक सक्षम व्यक्ति एक ही अभ्यर्थी का प्रस्तावक बन सकेंगे।

चुनाव में ये उतर सकते हैं —-
राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से तय की गई अर्हता के मुताबिक सेवा निवृत सरकारी कर्मी, जनवितरण प्रणाली के लाइसेंसी विक्रेता, कमीशन के आधार पर काम करने वाले अभिकर्ता एवं अकार्यरत गृहरक्षक पंचायत चुनाव के मैदान उतर सकते हैं।

वही मधुवनी के डीएम के पत्र के आलोक में राज्यनिर्वाचन आयोग ने कहा है कि नेपाल की जो भी लड़किया भारत में बिहायी गयी है उसको आरक्षंण का लाभ नहीं मिलेगा

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