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ऑनलाइन पोर्टल से आशा एवं आशा फैसिलिटेटर को ससमय भुगतान करने में बिहार को मिल रही सफलता

स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने शुक्रवार को यहां बताया कि अब बिहार भी आशा एवं आशा फैसिलिटेटर की प्रोत्साहन राशि ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से प्रदान करने वाले राज्यों में शामिल हो गया है। पहले आशा एवं आशा फैसिलिटेटर को अपने भुगतान के लिए कई प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ता था, जिससे कई बार उन्हें कुछ महीने तक अपने भुगतान के लिए इंतजार करना पड़ता था। आशा कार्यकर्ताओं की इस समस्या को दूर करने के लिए बिहार सरकार ने दिसम्बर, 2020 से आश्विन पोर्टल की शुरुआत की। इस पोर्टल के माध्यम से अब आशा एवं आशा फैसिलिटेटर को न सिर्फ ससमय भुगतान हो रहा है, बल्कि वह अपने द्वारा की जा रही गतिविधियों का ब्यौरा भी पोर्टल पर फीड भी कर रही है।

श्री पांडेय ने बताया कि पहले आशा पिछले माह की 26 तारीख से वर्तमान माह की 25 तारीख तक किए गए कार्यों की प्रोत्साहन राशि का ब्यौरा भरती हैं। इसके बाद इसे आशा फैसिलिटेटर हस्ताक्षरित करती है। फिर सम्पूर्ण ब्यौरा माह के अंतिम कार्य दिवस यानी 30 या 31 तारीख तक आशा द्वारा आश्विन पोर्टल पर अपलोड किया जाता है। आशा दो तरह के कार्य करती हैं। पहला समुदाय आधारित एवं दूसरा संस्थान आधारित. दोनों स्तर पर अधिकतम 63 तरह की गतिविधियां होती हैं, जिसे एक आशा कर सकती है। यदि आशा द्वारा अपलोड की गई गतिविधियां सामुदायिक आधारित होती हैं, तो इसे संबंधित एएनएम 5 तारीख तक सत्यापित करती हैं। यदि गतिविधियां ब्लॉक या अनुमंडलीय फैसिलिटी स्तर की होती हैं तो इसे प्रखंड सामुदायिक उत्प्रेरक( बीसीएम) एवं जिला स्तरीय फैसिलिटी स्तर की गतिविधियां होने पर जिला सामुदायिक उत्प्रेरक(डीसीएम) सत्यापित करते हैं। इसके बाद संबंधित प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी आश्विन पोर्टल पर भरी गयी प्रोत्साहन राशि को सत्यापित कर राज्य स्तर पर भेज देते हैं। इस तरह प्रत्येक महीने के 12 तारीख तक पिछले माह में आशा एवं आशा फैसिलिटेटर द्वारा किए गए कार्यों का भुगतान सुनिश्चित हो जाता है।

श्री पांडेय ने बताया कि दिसम्बर, 2020 से अभी तक अश्विन पोर्टल से आशा एवं आशा फैसिलिटेटर को विगत माह तक 150 करोड़ रुपये से अधिक की प्रोत्साहन राशि की भुगतान की गई है, जो कि कुल देय प्रोत्साहन राशि का लगभग 94 फीसदी हैं। बिहार में फिलहाल 87699 आशा एवं 4261 आशा फैसिलिटेटर हैं। दिसम्बर, 2020 से पहले आशा को भुगतान मैन्युली किया जाता था, लेकिन आशा एवं आशा फैसिलिटेटर की इतनी बड़ी संख्या होने के कारण उनकी गतिविधियों का मैन्युली सत्यापन करने में कठिनाई होती थी, जिसके कारण उनका ससमय भुगतान नहीं हो पाता था, लेकिन आश्विन पोर्टल की शुरुआत होने से आशा एवं आशा फैसिलिटेटर की सभी गतिविधियों का पोर्टल के माध्यम से कम समय में सत्यापन हो रहा है। इससे भुगतान में आसानी हो रही है। आशा कार्यकर्ता उत्साहित हो अपने कार्य को और बेहतर तरीके से कर रही हैं।

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